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Durga Puja: पांडवों ने की थी मां वन देवी दुर्गा की स्थापना, पहले प्रधानमंत्री ने यहां आकर की थी पूजा; जानें

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सुपौल Published by: आदित्य आनंद Updated Thu, 10 Oct 2024 05:01 PM IST
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सार

Bihar News: शारदीय नवरात्र के दौरान मां वन देवी दुर्गास्थान में पूजा का खास महत्व है। पांच साल पूर्व सरकार ने इसे पर्यटन स्थल का दर्जा दिया था। यहां सालों भर कोसी-सीमांचल सहित नेपाल से आए भक्तों का तांता लगा रहता है। 
 

Durga Puja: Pandavas had established Mother Forest Goddess Durga, PM Nehru had come here and worshiped; Supaul
मां वन देवी। - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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सुपौल जिला मुख्यालय से महज 12 किलोमीटर दूर सुपौल सिहेश्वर मुख्य मार्ग में अवस्थित हरदी का मां वन देवी दुर्गास्थान शक्ति पीठ के रूप में विख्यात है। यहां स्थापित पिंडरूपी मां वन देवी दुर्गा को सिद्धपीठ के रूप में माना जाता है और आसपास के ग्रामीण सहित कोसी-सीमांचल और नेपाल से आए श्रद्धालुओं का यहां सालों भर तांता लगा रहता है।मान्यता है कि यहां सच्चे मन से पूजा-अर्चना करने वाले श्रद्धालुओं की माता हर मनोकामना पूरी करती है। यहां प्रतिदिन श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। हालांकि मंगलवार और शुक्रवार को पूजा की विशेष महत्ता मानी जाती है। नवरात्र के समय यहां किसी सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाता है। बावजूद पूजा अर्चना के लिए नवरात्र में यहां श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ती है। हरदी-अजान स्थित मां बन देवी दुर्गा की ख्याति काफी दूर-दूर तक फैली हुई है। मंदिर का इतिहास पांडव काल से जुड़ा हुआ है।

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राजा के अत्याचार से मुक्ति के लिए वीर लोरिक ने की थी स्थापना
पौराणिक कथाओं के अनुसार अज्ञातवास के दौरान पांडवों द्वारा हरदी-अजान में मां बन दुर्गा की स्थापना कर पूजा-अर्चना की गई थी। लोगों का यह भी मानना है कि वीर लोरिक यूपी के गौरा गांव से पांचवीं शताब्दी में हरदी आये थे। जहां के तत्कालीन राजा महबैर के अत्याचार से प्रजा को निजात दिलाने के फैसले के साथ ही वीर लोरिक यहीं रह गए थे। उसी समय मां वन दुर्गा के परम उपासक वीर लोरिक ने उपासना के लिए हरदी में मां भगवती की स्थापना कर पूजा-अर्चना शुरू की थी। तब से लेकर आज तक इस स्थल पर मां की पूजा नियमित रूप से की जा रही है।
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पंडित नेहरू ने अपने प्रथम कार्यकाल में की थी यहां पूजा
देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने अपने प्रथम कार्यकाल में ही मां देवी बन दुर्गा की पूजा-अर्चना की था। इसका जिक्र नेहरू जी द्वारा लिखित पुस्तक डिस्कवरी ऑफ इंडिया में भी है। पुस्तक में मां देवी वन दुर्गा हरदी स्थान के महत्व पर भी प्रकाश डाला गया है। हालांकि लंबे अरसे तक सरकार और प्रशासन की उपेक्षा के कारण मंदिर और इसके परिसर का समुचित विकास नहीं हो सका। सुपौल विधानसभा के विधायक सह सूबे के ऊर्जा, योजना एवं विकास विभाग के मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव के अथक प्रयास से राज्य सरकार ने इस स्थल को करीब पांच साल पूर्व ही पर्यटक स्थल घोषित किया। सरकार की ओर से मिलने वाली राशि से हर वर्ष जिला प्रशासन द्वारा यहां लोरिक महोत्सव मनाया जाता है। वही अब पिपरा विधानसभा के विधायक रामविलास कामत भी मां वन देवी दुर्गा स्थान शक्ति पीठ को विकसित करने के प्रयास में जुटे हुए हैं।

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