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UPSC Result : पटना की इशिता किशोर के ऑल इंडिया टॉपर बनने की वजह जानिए, ताकि आपके सपने भी हकीकत बनें
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सार
Ishita Kishore : यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में AIR-1 रहीं इशिता किशोर ने कैसे दो बार प्रीलिम्स में अटकने के बाद एक ही झटके में इंटरव्यू तक निकाल लिया? कब से, कैसी तैयारी की...सबकुछ जानिए। यह भी कि पटना की जगह ग्रेटर नोएडा क्यों लिखा?

UPSC टॉपर इशिता किशोर।
- फोटो : अमर उजाला

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विस्तार
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा (CSE) एक सपना होता है। यह सपना कुछेक का पूरा होता है, बहुतों का नहीं। यह बंद आंखों से नहीं देखा जा सकता। इसके लिए आंखें खुली होनी चाहिए। लेकिन, आंखें बंद कर भी कुछ करना पड़ता है। सिविल सर्विसेज परीक्षा में देश में पहले नंबर (AIR-1) पर आईं इशिता किशोर ने खुली आंखों से कब यह सपना देखा, कैसे इसे पूरा किया, बंद आंखों की क्या जरूरत समझी; यह जानना उन सभी के लिए जरूरी है, जो आगे यह सपना देख रहे हैं। 'अमर उजाला' ने पांच ऑब्जेक्टिव और सात सब्जेक्टिव सवालों के साथ इशिता किशोर से बात की। इन जवाबों में रची है पूरी सक्सेस स्टोरी।
जानिए ऑब्जेक्टिव सवाल और उसके जवाब
सवाल- यह अटैम्प्ट नंबर कितना था?
अब जानिए सब्जेक्टिव सवाल और उसके जवाब
सवाल - सोशल मीडिया पर एक्टिव थीं या नहीं? थीं तो कितना समय किस तरह देती थीं?
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जानिए ऑब्जेक्टिव सवाल और उसके जवाब
सवाल- यह अटैम्प्ट नंबर कितना था?
- इशिता किशोर - तीसरा
- इशिता किशोर - पहली बार
- इशिता किशोर - पहली बार
- इशिता किशोर - 4 साल पहले
- इशिता किशोर - साल 2019 से

अब जानिए सब्जेक्टिव सवाल और उसके जवाब
सवाल - सोशल मीडिया पर एक्टिव थीं या नहीं? थीं तो कितना समय किस तरह देती थीं?
- इशिता किशोर - सोशल मीडिया पर एक्टिव रहती थी। लेकिन, एक संतुलन बनाकर रहती थी। पढ़ाई में व्यस्तता के कारण किसी-किसी दिन बिल्कुल भी नहीं एक्टिव रह पाई थी। फ्री टाइम में एक्टिव रहती थी। मेरा मानना है कि लोगों से कनेक्ट रहना भी जरूरी था। सबसे टच में रहती थी।
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- इशिता किशोर - 2019 में जब मैंने तैयारी शुरू की तो दिल्ली के राजेंद्र नगर में कोचिंग ली थी। 8 माह बाद कोचिंग के बाद कोविड आ गया। लॉकडाउन में कोचिंग बंद हो गए। इसके बाद सेल्फ स्टडी की। खुद से ही सारा नोट्स तैयार किया। ऑनलाइन स्टडी करती थी। औसतन आठ से दस घंटे पढ़ती थी।
- इशिता किशोर - जी बिल्कुल, सिविल सर्विस की तैयारी के लिए तो दृढ़ इच्छा का अहम रोल है। जमकर मेहनत करनी पड़ती है। आपके आसपास पढ़ाई का माहौल भी होना जरूरी है। मेरी मां ने घर में पढ़ाई का माहौल बनाए रखा। लक फ्रैक्टर तो होता ही है। मेहनत सभी लोग करते हैं। बहुत टैलेंटेड भी होते हैं लेकिन इसके बावजूद वह उनका नहीं हो पाता है। इसका मतलब कहीं न कहीं लक फैक्टर तो है। मैंने भी आंखें बंदकर एक विश मांगी थी।
- इशिता किशोर - मेरे लिए तो सबसे मुश्किल प्रिलिम्स ही रहा। इसमें मुझे 2 बार असफलता मिली। इसके बाद मैंने इसकी समीक्षा की तो पाया कि कुछ कमियां रह जा रही हैं। कमजोर कड़ियों पर फोकस किया। स्टैटिक करना भी जरूरी था। साथ ही करेंट पर भी फोकस किया।
- इशिता किशोर - पेपर पूरा करने पर ध्यान था। 3 घंटे के सभी सवालों का जवाब देना था। इससे लिए काफी तेज लिखना होता है। इसमें सोचने का समय नहीं मिलता है। मैंने लिखने की भी खूब प्रैक्टिस की थी।
- इशिता किशोर - इंटरव्यू में नॉर्मल सवाल पूछे थे। उन्होंने कॅरियर चेंज के बारे में बात की। इंडिया-चाइना पर चर्चा की थी। रिसर्च एंड कल्चर और पंचायत पर बातें हुई। हमारे आसपास जो चीजें हो रही हैं, उसके बारे में कई बातें की। काफी अच्छा इंटरव्यू रहा था। वह डेप्थ देख रहे थे। इसमें सीधा पैटर्न है कि जहां आप पक्का हैं, वहीं तक जवाब दीजिए। जहां नहीं जानते हैं, अंदाजन जवाब मत दीजिए। अंदाजन जवाब में आगे उलझने का रिस्क होता है। मैं देश-दुनिया से अपडेट रह रही थी, इसलिए बेसिक जानकारी का संकट नहीं था। पढ़ाई के दौरान आप जो चीजें नहीं देख-समझ पाते, उसे भी इंटरव्यू में पूछा गया। कॅरियर चेंज बड़ा उलझाऊ सवाल होता है, इसलिए इसपर क्लियर कॉन्सेप्ट रहना जरूरी है। ऐसा कि आप जस्टिफाई कर सकें।
- इशिता किशोर - चूंकि मेरा आवासीय पता यूपी हो गया है इसलिए मैंने यूपी कैडर चुना। बिहार मेरा घर भी है और वहीं ननिहाल भी। जहां भी रहूंगी, अपने राज्य के लिए मौका मिलने पर कुछ-न-कुछ जरूर करूंगी।