28 साल बाद कच्चे तेल में एक दिन की सबसे ज्यादा तेजी, भारत में भी महंगा हो सकता है पेट्रोल-डीजल
ड्रोन हमले से सऊदी अरब के तेल उद्योग को तगड़ा झटका लगा है, जिसका असर पूरी दुनिया पर पड़ रहा है। दरअसल, इस हमले से सऊदी अरब का तेल उत्पादन घटकर आधा रह गया है। इससे सोमवार को वैश्विक बाजार में क्रूड (कच्चे तेल) की कीमतें 12 डॉलर प्रति बैरल 20 फीसदी बढ़ीं। जनवरी 1991 के बाद यह एक दिन की सबसे ज्यादा तेजी है।
भारत में महंगा हो सकता है पेट्रोल-डीजल
कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों का असर भारत पर भी पड़ेगा। इसकी वजह से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा हो सकता है। बता दें कि भारत अपनी जरूरत का 80 फीसदी से ज्यादा क्रूड आयात करता है। क्रूड आयात महंगा होने की वजह से कंपनियां पेट्रोल-डीजल के रेट बढ़ा सकती हैं।
तेल उत्पादन में कमी
इस ड्रोन हमले से सऊदी अरब के तेल उत्पादन में प्रति दिन 57 लाख बैरल या 50 फीसदी की कमी आ गई है। ऑयलप्राइस में छपी एक खबर के अनुसार, "अरामको का कहना है कि वो जल्द ही हमले के असर से उबर जाएगा लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो दुनिया के बाजार में हर महीने 150 मिलियन बैरल तेल की कमी होगी और इससे अंतररष्ट्रीय स्तर पर तेल कीमतें बढ़ सकती हैं।"
उत्पादन बहाली की कोशिश
इस संदर्भ में सऊदी अरामको के अध्यक्ष और सीईओ आमीन नासिर ने कहा कि, उत्पादन बहाल करने का काम जारी है और 48 घंटे में इसकी प्रगति से जुड़ी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।
कच्चे तेल की सबसे बड़ी निर्यातक है अरामको
सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी अरामको दुनिया की सबसे अहम तेल कंपनियों में से एक है और कच्चे तेल की सबसे बड़ी निर्यातक है। साल 2018 में कंपनी ने 111 अरब डॉलर का लाभ कमाया था। ये एपल और गूगल की कंपनी एल्फाबेट के कुल सालाना लाभ से भी अधिक है।