{"_id":"6930e3e6524db5127b0a7267","slug":"business-updates-hindi-profits-share-market-usd-inr-value-commerce-trade-import-export-hindi-2025-12-04","type":"story","status":"publish","title_hn":"Biz Updates: वाहन कंपनियों के लिए कीमतें बढ़ानी होंगी मुश्किल; पहले ही घंटे में दोगुना से अधिक भरे तीन आईपीओ","category":{"title":"Business Diary","title_hn":"बिज़नेस डायरी","slug":"business-diary"}}
Biz Updates: वाहन कंपनियों के लिए कीमतें बढ़ानी होंगी मुश्किल; पहले ही घंटे में दोगुना से अधिक भरे तीन आईपीओ
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शिवम गर्ग
Updated Thu, 04 Dec 2025 06:59 AM IST
विज्ञापन
शेयर बाजार, कारोबार और वाणिज्य जगत की अहम खबरें
- फोटो : अमर उजाला ग्राफिक्स
विज्ञापन
ऑटो निर्माताओं के लिए नए साल में कीमतों में बढ़ोतरी को जारी रखना मुश्किल हो सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि संभावित मुनाफाखोरी-रोधी उपायों पर सरकारी निगरानी कड़ी हो रही है। साथ ही इनपुट लागत में फिर से बढ़ोतरी शुरू हो रही है। इस साल की स्थिति जनवरी में होने वाली 1-3 प्रतिशत की बढ़ोतरी की तुलना में कहीं ज्यादा जटिल है, जो आमतौर पर उद्योग करते हैं।
Trending Videos
22 सितंबर, 2025 को कर कटौती के बाद कई सरकारी निकाय जीएसटी के बाद के मूल्य निर्धारण व्यवहार पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। निगरानी अब मुनाफाखोरी-रोधी महानिदेशालय के अधीन है, जो उल्लंघनों की जांच करता है। 2022 में मुनाफाखोरी-रोधी प्राधिकरण के समाप्त होने के बाद से प्रवर्तन ढांचा भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के अधीन होने के साथ कंपनियों को उम्मीद है कि जीएसटी कटौती के इरादे के अनुरूप न दिखने वाले किसी भी मूल्य निर्धारण की गहन जांच की जाएगी। इसने ऑटो कंपनियों को और भी सतर्क कर दिया है। एक प्रमुख यात्री वाहन निर्माता कंपनी के अधिकारी ने कहा, वाकई में कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है, तब भी जनवरी में कीमतों में वृद्धि की बारीकी से जांच की जाएगी। इस बीच लागत का दबाव चुपचाप फिर से उभर रहा है।
विज्ञापन
विज्ञापन
मीशो सहित तीन आईपीओ पहले ही घंटे में भरे दो गुना से ज्यादा
ई-कॉमर्स मीशो सहित तीन आईपीओ बुधवार को खुलते ही पहले घंटे में भर गए। इनको दो गुना से ज्यादा का रिस्पांस मिला। एक्सचेंजों के बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, 5,421 करोड़ रुपये का मीशो का इश्यू 2.35 गुना भरा। खुदरा निवेशकों ने 3.85 गुना ज्यादा पैसा लगाया। एंकर निवेशकों से इसने 2,439 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इसका मूल्य 105-111 रुपये तय किया गया है।
विद्या वायर्स के इश्यू को 2.89 गुना सब्सक्रिप्शन मिला। 300 करोड़ रुपये के इस आईपीओ में खुदरा निवेशकों ने 4.02 गुना पैसा लगाया। एंकर निवेशकों से 90 करोड़ रुपये जुटाया गया है। इसका भाव 48-52 रुपये तय किया गया है। 922 करोड़ का एक्वस का आईपीओ 3.42 गुना भरा। खुदरा निवेशकों ने 11.46 गुना ज्यादा पैसा लगाया। एंकर निवेशकों से 414 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं। मूल्य 118-124 रुपये शेयर तय किया गया है। तीनों इश्यू शुक्रवार को बंद होंगे।
कम जोखिम वाले विदेशी निवेशकों के लिए नियम को आसान बनाएगा सेबी
बाजार नियामक सेबी ने सिंगल विंडो पहुंच की शुरुआत करके कम जोखिम वाले विदेशी निवेशकों के लिए भारतीय प्रतिभूति बाजार में भागीदारी आसान बना दी है। इस कदम का उद्देश्य अनुपालन को सरल बनाना और निवेश गंतव्य के रूप में देश के आकर्षण को बढ़ाना है। नया ढांचा विश्वसनीय विदेशी निवेशकों के लिए एकल खिड़की स्वचालित और सामान्यीकृत पहुंच (स्वागत-एफआई) विदेशी निवेशकों को आसान निवेश पहुंच प्रदान करेगा। इससे विभिन्न निवेश मार्गों में एकीकृत पंजीकरण प्रक्रिया सक्षम होगी। ऐसी संस्थाओं के लिए बार-बार अनुपालन और दस्तावेजीकरण कम होगा।
कम जोखिम वाले विदेशी निवेशकों में सरकारी स्वामित्व वाले फंड, केंद्रीय बैंक, सॉवरेन वेल्थ फंड, बहुपक्षीय संस्थाएं, उच्च विनियमित सार्वजनिक खुदरा फंड और विनियमित बीमा कंपनियों के साथ ही पेंशन फंड शामिल हैं। इसे प्रभावी बनाने के लिए सेबी ने विदेशी निवेशकों और एफवीसीआई नियमों में संशोधन किया है। सेबी का यह नियम 1 जून, 2026 से लागू होंगे।