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Amitabh Kant: एआई क्षमता बढ़ाने पर जोर, विदेशी निर्भरता कम होगी; भारतीय डाटा की सुरक्षा भी मजबूत होगी
अमर उजाला ब्यूरो, मुंबई
Published by: शिवम गर्ग
Updated Thu, 04 Dec 2025 07:06 AM IST
सार
नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने मुंबई में कहा कि भारत को तुरंत अपनी सॉवरेन एआई क्षमता विकसित करनी चाहिए। विदेशी कंपनियां भारतीय डाटा का उपयोग कर मॉडल मजबूत कर रही हैं।
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अमिताभ कांत, नीति आयोग के पूर्व सीईओ
- फोटो : ANI
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विस्तार
भारत को तत्काल अपनी सॉवरेन एआई क्षमताएं विकसित करनी होंगी। नहीं तो देश को विदेशी कंपनियों पर निर्भर होना पड़ेगा। नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने बुधवार को एक कार्यक्रम में कहा, यह विदेशी कंपनियां अपने एआई मॉडल को मजबूत करने के लिए भारतीय डाटा का इस्तेमाल कर रही हैं।
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मुंबई में एक कार्यक्रम में कांत ने कहा, देश की तकनीकी प्रगति इस बात से परिभाषित होगी कि वह इस समय कितनी तेजी से घरेलू कंप्यूटर इन्फ्रास्ट्रक्चर का विस्तार करता है। संवेदनशील डाटा की सुरक्षा करता है और साथ ही स्वदेशी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) सिस्टम बनाने वाले स्टार्टअप्स का समर्थन करता है। उन्होंने चेतावनी दी कि डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर ने बड़े पैमाने पर समावेशन को बढ़ावा दिया है, लेकिन देश की पिछड़ी कंप्यूटिंग क्षमता इसकी प्रगति को धीमा करने का खतरा पैदा कर रही है।
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अमिताभ कांत ने ओपनएआई और एनवीडिया के बीच हाल ही में हुई साझेदारी का हवाला देते हुए कहा, इस प्रयास से 10 गीगावॉट की जीपीयू क्षमता तैयार होगी, जो लगभग 50 लाख हाई-परफॉरमिंग प्रोसेसर के बराबर है, जबकि भारत में लगभग 30,000 जीपीयू ही हैं। इस अंतर को पाटने के लिए निजी क्षेत्र के बड़े पैमाने पर निवेश और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की आवश्यकता है। भारत में ओपनएआई के चैटजीपीटी के मासिक सक्रिय यूजर्स किसी भी अन्य देश की तुलना में अधिक हैं। यह संख्या अमेरिका से भी लगभग 33 प्रतिशत अधिक है।
कंप्यूटिंग के विशाल भंडार तक पहुंचने की जरूरत
कांत ने कहा, भारत के उभरते एआई स्टार्टअप, जिनमें सर्वम एआई, धनी एआई और गैंट एआई शामिल हैं। ये आधारभूत मॉडल बनाने की शुरुआत कर रहे हैं, लेकिन वैश्विक मानकों तक पहुंचने के लिए उन्हें उच्च-गुणवत्ता वाले डाटा और शक्तिशाली कंप्यूटिंग के विशाल भंडार तक पहुंच की जरूरत होगी।