Fitch Ratings: फिच ने भारत की विकास दर बढ़ाकर 7.4% की, RBI से ब्याज दर कटौती की उम्मीद
फिच रेटिंग्स ने भारत की जीडीपी वृद्धि का अनुमान 6.9% से बढ़ाकर 7.4% कर दिया है। इसके पीछे उपभोक्ता खर्च में बढ़ोतरी और जीएसटी सुधारों से बेहतर आर्थिक माहौल को प्रमुख कारण बताया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, मुद्रास्फीति घटने से दिसंबर में आरबीआई द्वारा एक और ब्याज दर कटौती की संभावना है।
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फिच रेटिंग्स ने गुरुवार को चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि का अनुमान बढ़ाकर 7.4% कर दिया है। इससे पहले यह अनुमान 6.9% था। एजेंसी का कहना है कि उपभोक्ता खर्च में बढ़ोतरी, व्यावसायिक माहौल में सुधार और जीएसटी सुधारों से बढ़ी अर्थव्यवस्था की रफ्तार इस तेज वृद्धि के प्रमुख कारण हैं। रिपोर्ट के अनुसार, मुद्रास्फीति में कमी से भारतीय रिजर्व बैंक को दिसंबर में नीतिगत दर में 25 आधार अंकों की कटौती करने की गुंजाइश मिल सकती है।
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मार्च 2026 के अंत तक वृद्धि दर धीमी रहने की संभावना
फिच ने कहा कि जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर बढ़कर 8.2 प्रतिशत हो गई, जो अप्रैल-जून तिमाही में 7.8 प्रतिशत थी। एजेंसी ने दिसंबर के लिए अपनी वैश्विक आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 (मार्च के अंत तक) के शेष समय में वृद्धि धीमी रहेगी, लेकिन हमने अपने पूरे वर्ष के विकास अनुमान को सितंबर के 6.9 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.4 प्रतिशत कर दिया है।
उपभोक्ता खर्च इस वर्ष की वृद्धि का मुख्य चालक
निजी उपभोक्ता खर्च इस वर्ष वृद्धि का मुख्य चालक है। इसे मजबूत वास्तविक आय गतिशीलता, बढ़ी हुई उपभोक्ता भावना और हाल ही में लागू किए गए जीएसटी सुधारों के प्रभाव से समर्थन मिला है। अक्तूबर में उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति 0.3 प्रतिशत के सर्वकालिक निम्न स्तर पर आ गई, जिसका कारण खाद्य व पेय पदार्थों की कम कीमतें थीं।
वित्त वर्ष 2027 में जीडीपी दर में गिरावट की संभावना
फिच का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2027 में जीडीपी वृद्धि दर घटकर 6.4 प्रतिशत रह जाएगी। इसने अनुमान लगाया कि वित्तीय स्थिति में नरमी आने पर अगले वित्त वर्ष (2026-27) की दूसरी छमाही में निजी निवेश में तेजी आएगी।
आरबीआई कर सकता है ब्याज दरों में कटौती
फिच ने कहा कि हमारा अनुमान है कि मुद्रास्फीति में गिरावट से आरबीआई को दिसंबर में नीतिगत दर में एक और कटौती कर इसे 5.25 प्रतिशत करने की गुंजाइश मिलेगी। अब तक 2025 में 100 आधार अंकों की कटौती की जा चुकी है, व नकद आरक्षित अनुपात (4 प्रतिशत से 3 प्रतिशत) में भी कई बार कटौती की जा चुकी है।
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति शुक्रवार को अपनी नीति समीक्षा की घोषणा करेगी। मुख्य मुद्रास्फीति में सुधार व गतिविधियों के मजबूत बने रहने के अनुमान के साथ, फिच ने कहा कि उसे उम्मीद है कि आरबीआई अपने सहजता चक्र के अंत तक पहुंच गया है और अगले दो वर्षों तक ब्याज दरें 5.25 प्रतिशत पर बनी रहेंगी।