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लोकसभा: उत्पाद शुल्क विधेयक पर चर्चा, वित्त मंत्री बोलीं- उपकर समाप्त होने पर भी तंबाकू उत्पादों को राहत नहीं

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: रिया दुबे Updated Wed, 03 Dec 2025 03:15 PM IST
सार

लोकसभा में केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार इस बिल का प्रस्ताव इसलिए ला रही है, ताकि जीएसटी मुआवजा उपकर खत्म होने के बाद भी तंबाकू उत्पादों पर कुल टैक्स का असर घटने न पाए। आइए विस्तार से जानते हैं इस विधेयक में क्या है खास। 

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Discussion on Excise Duty Bill, Finance Minister said- no relief for tobacco products even after the abolition
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण - फोटो : PTI
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विस्तार
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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में कहा कि सरकार केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक लाने जा रही है, ताकि जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर समाप्त होने के बाद भी तंबाकू उत्पादों पर कुल कर भार कम न हो। वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि कोविड-19 अवधि के दौरान राज्यों के राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए, लिए गए ऋण को केंद्र सरकार आने वाले कुछ हफ्तों में चुकता कर देगी। 

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सीतारमण ने 1 दिसंबर को लोकसभा में दो अहम विधेयक पेश किए, जिनके तहत तंबाकू उत्पादों और पान मसाला पर कर व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया जाएगा। सरकार का यह कदम सिन गुड्स पर कर ढांचे को नया रूप देने जा रहा है।

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पहला विधेयक क्षतिपूर्ति सेस की जगह लेगा

पहला विधेयक केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन), 2025 वर्तमान में लागू जीएसटी क्षतिपूर्ति सेस की जगह लेगा। अभी यह सेस सिगरेट, चबाने वाले तंबाकू, सिगार, हुक्का, जर्दा और सुगंधित तंबाकू सहित सभी तंबाकू उत्पादों पर लगाया जाता है।

विधेयक का उद्देश्य 

इस विधेयक का उद्देश्य जीएसटी क्षतिपूर्ति सेस खत्म होने के बाद भी इन उत्पादों पर कर बोझ को सुरक्षित रखना है। विधेयक के उद्देश्यों और कारणों में स्पष्ट कहा गया है कि यह सरकार को तंबाकू और उसके उत्पादों पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क बढ़ाने की वित्तीय गुंजाइश देगा, ताकि कुल टैक्स भार में गिरावट न आए।


इस नए ढांचे के तहत सिगरेट, सिगार और चिरूट पर ₹5,000 से ₹11,000 प्रति 1,000 स्टिक की दर से उत्पाद शुल्क लगाने का प्रस्ताव है। वहीं, बिना प्रसंस्कृत तंबाकू पर 60 से 70% और निकोटिन व इनहेलेशन आधारित उत्पादों पर 100% उत्पाद शुल्क का प्रावधान किया गया है। अभी सिगरेट पर 5% मूल्यानुसार क्षतिपूर्ति के अलावा लंबाई के आधार पर ₹2,076 से ₹3,668 प्रति 1,000 स्टिक तक का क्षतिपूर्ति सेस लगाया जाता है।

क्षतिपूर्ति उपकर समाप्त होने से उन उत्पादों पर 40% जीएसटी और उत्पाद शुल्क लागू

क्षतिपूर्ति उपकर समाप्त होने के बाद, तंबाकू और संबंधित उत्पादों की बिक्री पर 40 प्रतिशत जीएसटी और उत्पाद शुल्क लगेगा, जबकि पान मसाला पर 40 प्रतिशत जीएसटी और स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर लगेगा।  वर्तमान में तंबाकू और पान मसाला जैसे उत्पादों पर 28% जीएसटी के साथ अलग-अलग दरों पर क्षतिपूर्ति सेस लगता है, जिसे अब नए ढांचे से प्रतिस्थापित किया जाएगा।


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