सऊदी अरामको ने किया IPO का एलान, नौ नवंबर को जारी होगा प्रोस्पेक्टस
तीन नवंबर को दुनिया की सबसे बड़ी तेल कंपनी सऊदी अरामको ने प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम ( आईपीओ ) का एलान कर दिया है। सऊदी के शेयर मार्केट रेग्युलेटर से इसकी मंजूरी मिल गई है। 17 नवंबर को कंपनी शेयर मूल्य के बारे में एलान करेगी और उसके बाद 11 दिसंबर को कंपनी सऊदी टाडावुल एक्सचेंज (Saudi Tadawul Exchange) में लिस्ट होगी। कंपनी ने कहा कि आईपीओ के साइज और ऑफर प्राइस की जानकारी नौ नवंबर को दी जाएगी।
चीन की कंपनी अलीबाबा द्वारा 2014 में लाए गए आईपीओ के बाद दुनिया का सबसे बड़ा आईपीओ होगा। आईपीओ लाने के लिए सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने अपनी मंजूरी दे दी है।
पांच फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री करेगी कंपनी
बता दें कि आईपीओ के जरिए अरामको अपनी पांच फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री करेगी। बिक्री से 100 अरब डॉलर की रकम हासिल करने की योजना है। रॉयटर्स ने इस घटनाक्रम से जुड़े तीन लोगों के हवाले यह जानकारी दी है। चार दिसंबर को अरामको के आईपीओ के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू होगा।
तेल पर निर्भरता कम करना चाहता है सऊदी अरब
दरअसल सऊदी अरब अर्थव्यवस्था की तेल पर निर्भरता को कम करना चाहता है। आईपीओ लाने के पीछे सऊदी राजघराने के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की सुधारों को बढ़ाने की सोची समझी रणनीति है। साल 2016 में पहली बार मोहम्मद बिन सलमान ने आईपीओ बनाए जाने के बारे में घोषणा की थी।
कच्चे तेल की सबसे बड़ी निर्यातक है अरामको
सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी अरामको दुनिया की सबसे अहम तेल कंपनियों में से एक है और कच्चे तेल की सबसे बड़ी निर्यातक है। साल 2018 में कंपनी ने 111 अरब डॉलर का लाभ कमाया था। ये एपल और गूगल की कंपनी एल्फाबेट के कुल सालाना लाभ से भी अधिक है। बता दें कि अक्तूबर माह में अरामको के आईपीओ में कुछ विलंब हुआ था।
इस संदर्भ में कुवैत इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी ( KIA ) के मैनेजिंग डायरेक्टर फारुक बस्ताकी ने कहा है कि आईपीओ में निवेश के लिए अरामको ने संपर्क नहीं किया है। इस घटनाक्रम से जुड़े लोगों ने रॉयटर्स को बताया कि अरामको के चीफ एक्जिक्यूटिव ऑफिसर अमीन नसीर मंगलवार को हुए निवेश सम्मेलन में उपस्थित नहीं थे। वह आईपीओ के आने से पहले विदेश में निवेशकों के साथ बैठक कर रहे थे।
बता दें कि हाल ही में सऊदी अरामको के क्रूड ऑयल फैसिलिटी सेंटर्स पर ड्रोन हमला हुआ था। जिसकी वजह से 28 साल बाद कच्चे तेल में एक दिन की सबसे ज्यादा तेजी आई थी।