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Andhra Pradesh: 3200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में फंसे वाईएसआरसीपी के बड़े नेता, जानिए कैसे हुई पूरी धांधली
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, विशाखापत्तनम
Published by: नितिन गौतम
Updated Sun, 27 Apr 2025 02:12 PM IST
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सार
घोटाले की रकम कासिरेड्डी को सौंपी गई, जिसने इस पैसे को वाईएसआरसीपी के शीर्ष नेताओं जैसे वी विजय साई रेड्डी, मिथुन रेड्डी और अन्य को दिया। रिमांड नोट में आरोप लगाया गया है कि रिश्वत में एकत्र की गई कुल राशि 3,200 करोड़ रुपये है। कासिरेड्डी पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी का आईटी सलाहकार रहा।

वाई एस जगन मोहन रेड्डी
- फोटो : एएनआई (फाइल)
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विस्तार
3200 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले को लेकर आंध्र प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। दरअसल एसआईटी के रिमांड नोट में बताया गया है कि इस शराब घोटाले में वाईएसआरसीपी के कई बड़े नाम शामिल हैं, जिन्होंने घोटाले के चलते हर महीने 50-60 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और इस पैसे को पार्टी फंड में भी जमा किया गया। रिमांड नोट में मुख्य आरोपी के राजशेखर रेड्डी उर्फ राज कसिरेड्डी को बताया गया है। कसिरेड्डी पूर्व सीएम और वाईएसआरसीपी के प्रमुख जगन मोहन रेड्डी का सहयोगी है। इस मामले को लेकर पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी पर भी आरोप लगाए जा रहे हैं।
कैसे किया गया घोटाला
रिमांड नोट के अनुसार, वाईएसआरसीपी के शीर्ष नेताओं ने शराब ब्रांड्स से हर महीने 50-60 करोड़ रुपये की रिश्वत ली, और रिश्वत देने वाले शराब ब्रांड्स को सरकारी दुकानों के माध्यम से बिक्री में तरजीह की सुविधा दी गई। यह रैकेट साल 2019 में शुरू हुआ था, जिसके जरिए हर महीने इकट्ठा की गई रिश्वत को हैदराबाद, मुंबई और दिल्ली के हवाला ऑपरेटर्स के जरिए लूटा गया। आरोप है कि सरकारी खुदरा दुकानों के जरिए बिक्री के लिए डिस्टिलरी से शराब की खरीद के लिए ऑर्डर देने की प्रणाली में कथित रूप से हेरफेर किया गया, जिसमें राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित ब्रांडों को हटा दिया गया और निर्धारित सीमा से कहीं अधिक नए ब्रांडों के ऑर्डर दिए गए थे। इसमें आरोप लगाया गया है कि सस्ते ब्रांडों के लिए 150 रुपये प्रति केस, मध्यम श्रेणी के ब्रांडों के लिए 200 रुपये और उच्च श्रेणी के ब्रांडों के लिए 600 रुपये प्रति केस की रिश्वत ली गई थी।
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इकट्ठा राशि कासिरेड्डी को सौंपी गई, जिसने इस पैसे को वाईएसआरसीपी के शीर्ष नेताओं जैसे वी विजय साई रेड्डी, मिथुन रेड्डी और अन्य को दिया। रिमांड नोट में आरोप लगाया गया है कि रिश्वत में एकत्र की गई कुल राशि 3,200 करोड़ रुपये है। कासिरेड्डी पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी का आईटी सलाहकार रहा। रिमांड रिपोर्ट में कहा गया है कि मामले के मुख्य आरोपी कासिरेड्डी ने अपने इकबालिया बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया है। नोट के अनुसार, घोटाले के चलते प्रतिष्ठित ब्रांड की बिक्री, जो 2018-19 में 53 प्रतिशत थी, वह 2023-24 में गिरकर सिर्फ पांच प्रतिशत रह गई।
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वाईएसआरसीपी ने आरोपों को नकारा
वाईएसआरसीपी ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज किया है और सत्ताधारी टीडीपी के नेतृत्व वाली गठबंधन की आलोचना की है। वाईएसआरसीपी का कहना है कि राजनीति से प्रेरित होकर शराब घोटाले की कहानी गढ़ी गई है और इसे प्रचारित करने के लिए मीडिया का इस्तेमाल किया गया।

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कैसे किया गया घोटाला
रिमांड नोट के अनुसार, वाईएसआरसीपी के शीर्ष नेताओं ने शराब ब्रांड्स से हर महीने 50-60 करोड़ रुपये की रिश्वत ली, और रिश्वत देने वाले शराब ब्रांड्स को सरकारी दुकानों के माध्यम से बिक्री में तरजीह की सुविधा दी गई। यह रैकेट साल 2019 में शुरू हुआ था, जिसके जरिए हर महीने इकट्ठा की गई रिश्वत को हैदराबाद, मुंबई और दिल्ली के हवाला ऑपरेटर्स के जरिए लूटा गया। आरोप है कि सरकारी खुदरा दुकानों के जरिए बिक्री के लिए डिस्टिलरी से शराब की खरीद के लिए ऑर्डर देने की प्रणाली में कथित रूप से हेरफेर किया गया, जिसमें राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित ब्रांडों को हटा दिया गया और निर्धारित सीमा से कहीं अधिक नए ब्रांडों के ऑर्डर दिए गए थे। इसमें आरोप लगाया गया है कि सस्ते ब्रांडों के लिए 150 रुपये प्रति केस, मध्यम श्रेणी के ब्रांडों के लिए 200 रुपये और उच्च श्रेणी के ब्रांडों के लिए 600 रुपये प्रति केस की रिश्वत ली गई थी।
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इकट्ठा राशि कासिरेड्डी को सौंपी गई, जिसने इस पैसे को वाईएसआरसीपी के शीर्ष नेताओं जैसे वी विजय साई रेड्डी, मिथुन रेड्डी और अन्य को दिया। रिमांड नोट में आरोप लगाया गया है कि रिश्वत में एकत्र की गई कुल राशि 3,200 करोड़ रुपये है। कासिरेड्डी पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी का आईटी सलाहकार रहा। रिमांड रिपोर्ट में कहा गया है कि मामले के मुख्य आरोपी कासिरेड्डी ने अपने इकबालिया बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया है। नोट के अनुसार, घोटाले के चलते प्रतिष्ठित ब्रांड की बिक्री, जो 2018-19 में 53 प्रतिशत थी, वह 2023-24 में गिरकर सिर्फ पांच प्रतिशत रह गई।
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वाईएसआरसीपी ने आरोपों को नकारा
वाईएसआरसीपी ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज किया है और सत्ताधारी टीडीपी के नेतृत्व वाली गठबंधन की आलोचना की है। वाईएसआरसीपी का कहना है कि राजनीति से प्रेरित होकर शराब घोटाले की कहानी गढ़ी गई है और इसे प्रचारित करने के लिए मीडिया का इस्तेमाल किया गया।