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Biz Updates: खरीफ बुवाई का रकबा दो फीसदी बढ़ा, तिलहन की बुवाई में गिरावट; वनस्पति तेल आयात में 7% उछाल

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला। Published by: ज्योति भास्कर Updated Tue, 16 Sep 2025 02:21 AM IST
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बिजनेस अपडेट - फोटो : अमर उजाला
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चालू खरीफ सीजन 2025-26 में अब तक धान की कुल बुवाई का रकबा दो फीसदी बढ़कर 438.51 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया। एक साल पहले की समान अवधि में यह आंकड़ा 430.06 लाख हेक्टेयर था। हालांकि, तिलहन की बुवाई के रकबे में गिरावट दर्ज की गई है। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, तिलहन की बुवाई का कुल रकबा 188.81 लाख हेक्टेयर रहा, जो एक साल पहले 193.93 लाख हेक्टेयर था। चालू खरीफ सीजन में अब तक सोयाबीन और, तिल का रकबा कम रहा है। हालांकि, दलहन का रकबा 117.25 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 118.06 लाख हेक्टेयर पहुंच गया। मोटे अनाजों की बुवाई का रकबा इस साल मामूली बढ़कर 192.91 लाख हेक्टेयर पहुंच गया। नकदी फसलों में, गन्ने का रकबा 55.68 लाख हेक्टेयर से थोड़ा बढ़कर 57.31 लाख हेक्टेयर हो गया। कपास का रकबा 112.48 लाख हेक्टेयर से घटकर 109.64 लाख हेक्टेयर रह गया है।

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वनस्पति तेल आयात में सात फीसदी उछाल
आयात शुल्क में बदलाव के बाद रिफाइंड पामोलिन की खेप में भारी गिरावट के बावजूद अगस्त में भारत का वनस्पति तेल आयात सात फीसदी बढ़कर 16.77 लाख टन हो गया। अगस्त, 2024 में कुल 15.63 लाख टन वनस्पति तेल का आयात किया गया था। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने कहा कि अगस्त में 16.21 लाख टन खाद्य तेल और 55,821 टन गैर-खाद्य तेलों का आयात किया गया।
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ऑस्ट्रेलिया के बैंक एएनजेड पर 1.60 करोड़ डॉलर का जुर्माना
ऑस्ट्रेलिया के सबसे बड़े बैंकों में एक एएनजेड ने सोमवार को 240 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (160 मिलियन अमेरिकी डॉलर) का रिकॉर्ड जुर्माना भरने पर सहमति जताई है। यह जुर्माना 65,000 ग्राहकों और संघीय सरकार के प्रति कॉर्पोरेट कदाचार के लिए लगाया गया है। राष्ट्रीय कंपनी और वित्तीय सेवा नियामक एएसआईसी के अध्यक्ष जो लोंगो ने कहा कि एएनजेड हजारों मृत ग्राहकों को शुल्क वापस करने में भी विफल रहा।

मर्सिडीज बेंज इंडिया बढ़ा सकती है कारों के दाम
मर्सिडीज-बेंज के एमडी एवं सीईओ संतोष अय्यर ने कहा है कि यूरो के मुकाबले रुपये की विनिमय दर में गिरावट के प्रभाव को कम करने के लिए कंपनी अगले साल की शुरुआत में कीमतें बढ़ाने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा, हमारी कीमतें अब भी यूरो के मुकाबले लगभग 93-94 | के आसपास हैं और आज यूरो 103 के स्तर पर हैं। इसका मतलब है कि अगले साल की शुरुआत में कीमतें और बढ़ानी पड़ेगी।

एक्सिस के पूर्व फंड मैनेजर ने निपटाया मामला
एक्सिस म्यूचुअल फंड के पूर्व फंड मैनेजर दीपक अग्रवाल ने 85.8 लाख रुपये का भुगतान कर सेबी के साथ मामला निपटा लिया है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने आदेश में कहा, अग्रवाल ने बाजार मानदंडों का कथित उल्लंघन किया था। इसके लिए जुर्माना लगाया गया। उन्होंने 43,000 से अधिक म्यूचुअल फंड यूनिट भी सरेंडर कर दिए हैं।

पेटीएम जैसी भुगतान कंपनी शुरू करने के लिए 15 करोड़ की नेटवर्थ जरूरी: आरबीआई
पेटीएम और फोनपे जैसी भुगतान एग्रीगेटर (पीए) इकाई शुरू करने या चलाने के लिए किसी कंपनी को मंजूरी तभी मिलेगी, जब उसका नेटवर्थ कम से कम 15 करोड़ रुपये होगा। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने भुगतान एग्रीगेटर कंपनियों को विनियमित करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं, जो तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (भुगतान एग्रीगेटर्स विनियमन) निर्देश, 2025 के अनुसार, भुगतान एग्रीगेटर्स को उनकी ओर से किए जाने वाले कार्य के अनुसार तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। इन श्रेणियों में भौतिक पीए के लिए पीए-पी, सीमापार पीए के लिए पीए-सीबी तथा ऑनलाइन पीए के लिए पीए-ओ शामिल हैं। किसी बैंक को पीए व्यवसाय करने के लिए अनुमति की आवश्यकता नहीं होती है, जबकि गैर-बैंकिंग कंपनियों के लिए आरबीआई ने विशिष्ट पूंजी आवश्यकताएं निर्धारित की हैं। दिशानिर्देशों के अनुसार, पीए व्यवसाय शुरू करने के लिए जरूरी नेटवर्थ 15 करोड़ रुपये के साथ ही यह भी आवश्यक है कि मंजूरी मिलने के तीसरे वित्तीय वर्ष के अंत तक कंपनी का नेटवर्थ 25 करोड़ रुपये हो। दिशानिर्देशों में एस्को खातों और फंड प्रबंधन, पीए-सीबी के लिए सीमा पार सीमा और गवर्नेंस पर प्रावधान शामिल किए गए हैं। इसमें प्रमोटरों को उपयुक्त और उचित मानदंडों का पालन करना होगा। केंद्रीय बैंक ने अप्रैल 2024 में पीए पर मसौदा दिशानिर्देश जारी किए थे। अंतिम दिशानिर्देश सभी हितधारकों से प्रतिक्रिया प्राप्त करने के बाद जारी किए गए हैं।

प्रतिद्वंद्वियों को बाजार तक पहुंच से वंचित करने का कोई उदाहरण नहीं : मेटा
मेटा प्लेटफॉर्म्स ने सोमवार को राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) को बताया कि निष्पक्ष व्यापार नियामक भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने प्रासंगिक बाजार को गलती से परिभाषित किया है। साथ ही मेटा की ओर से किसी भी वास्तविक आचरण की पहचान नहीं की है, जिसने प्रतिद्वंद्वियों को बाजार तक पहुंच से वंचित किया हो या किया होगा। मेटा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अमित सिब्बल ने कहा कि सीसीआई का पूरा मामला भविष्य के आचरण और काल्पनिक परिदृश्यों पर आधारित है। उन्होंने कहा, यह धारा 4(2)(सी) में कानूनी मानक से काफी कम है, जिसके अनुसार उल्लंघन का पता लगाने के लिए संबंधित आचरण घटित होना चाहिए या वर्तमान में हो रहा होना चाहिए। सीसीआई ने विज्ञापन के ऑनलाइन प्रदर्शन के कथित बाजार पर व्हाट्सएप की 2021 गोपनीयता नीति अपडेट का कोई वास्तविक प्रभाव प्रदर्शित नहीं किया है। 

ओला ने पेश किया 400 करोड़ का पीएलआई दावा
ओला इलेक्ट्रिक ने सरकार की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत 400 करोड़ के प्रोत्साहन का दावा किया है। उद्योग सूत्रों के अनुसार, ओला ने 2024-25 के लिए 3,000 करोड़ की पात्र बिक्री के साथ दावा दायर किया है। इससे 400 करोड़ का अपेक्षित प्रोत्साहन बैठता है। इससे कंपनी की नकदी में सुधार होगा।

वैश्विक अर्थव्यवस्था से तेज विकास दर हासिल करना रूस का लक्ष्य: राष्ट्रपति पुतिन
रूस की अर्थव्यवस्था की विकास दर को वैश्विक अर्थव्यवस्था की तुलना में तेज बनाए रखना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि देश की वित्तीय स्थिरता और विकास योजनाओं का भविष्य सीधे तौर पर अर्थव्यवस्था की स्थिति पर निर्भर करता है।

समाचार एजेंसी TASS के अनुसार, पुतिन ने बैठक में कहा कि यह स्पष्ट है कि सार्वजनिक वित्त की स्थिरता और नियोजित परियोजनाओं एवं कार्यक्रमों के सफल क्रियान्वयन का सीधा संबंध रूसी अर्थव्यवस्था की स्थिति से है। और हमारा मुख्य लक्ष्य यही है कि इसके लिए आवश्यक विकास दर सुनिश्चित की जाए।

फेडरल रिजर्व बोर्ड में ट्रंप के आर्थिक सलाहकार स्टीफन मिरन की नियुक्ति
अमेरिकी सीनेट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शीर्ष आर्थिक सलाहकारों में से एक स्टीफन मिरन को फेडरल रिजर्व की गवर्निंग बोर्ड में शामिल करने की मंजूरी दे दी है। इस फैसले से व्हाइट हाउस का केंद्रीय बैंक पर प्रभाव और मजबूत होगा। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब महज दो दिन बाद फेडरल रिजर्व अपने प्रमुख ब्याज दर में कटौती के पक्ष में मतदान करने की संभावना जता रहा है।

सीनेट में मिरन की नियुक्ति को 48-47 के बेहद करीबी अंतर से मंजूरी मिली। मतदान ज्यादातर पार्टी लाइनों पर हुआ, जहां रिपब्लिकन सांसदों ने समर्थन किया जबकि डेमोक्रेट्स ने इसका विरोध किया। इससे पहले पिछले सप्ताह सीनेट बैंकिंग कमेटी ने भी सभी रिपब्लिकन सदस्यों के समर्थन और डेमोक्रेट्स के विरोध के बीच मिरन के नाम को हरी झंडी दी थी।

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