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Biz Updates: सेवा क्षेत्र के निर्यात के नए ऑर्डर में 9 महीने में सबसे बड़ी तेजी; कारोबार क्षेत्र की बड़ी खबरें
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला
Published by: शिव शुक्ला
Updated Wed, 07 May 2025 06:50 AM IST
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शेयर बाजार, कारोबार और वाणिज्य जगत की अहम खबरें
- फोटो : अमर उजाला ग्राफिक्स

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देश के सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर अप्रैल में मामूली बढ़ी है। जुलाई, 2024 के बाद से यह पहली बार है जब नए निर्यात ऑर्डर इतनी तेजी से बढ़े हैं। इस वजह से एसएंडपी ग्लोबल का खरीद प्रबंधक सूचकांक यानी सेवा पीएमआई अप्रैल में बढ़कर 58.7 हो गया, जो मार्च में 58.5 पर था।
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विनिर्माण व सेवा दोनों को मिलाकर तैयार होने वाला कंपोजिट पीएमआई इस दौरान 59.5 से बढ़कर 59.7 हो गया। एचएसबीसी की भारत में मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा, भारत की सेवा गतिविधियों में मार्च की तुलना में ज्यादा तेजी देखी गई है। लागत में राहत मिलने और कीमतें बढ़ाने की वजह से कंपनियों के मार्जिन बेहतर हुए हैं। भविष्य को लेकर कंपनियों का आत्मविश्वास कमजोर हुआ है। भारतीय सेवा प्रदाताओं के नए कारोबार की आवक में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई। कई कंपनियों ने अनुकूल बाजार स्थितियों व सफल मार्केटिंग अभियानों को इस वृद्धि का प्रमुख कारण बताया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सेवा कंपनियों को अच्छा प्रतिसाद मिला है। एशिया, यूरोप, मध्य पूर्व व अमेरिका जैसे क्षेत्रों से निर्यात ऑर्डर में बढ़ोतरी हुई है।
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3.07 लाख करोड़ हो जाएगा मीडिया-मनोरंजन का बाजार
भारतीय मीडिया और मनोरंजन उद्योग 2027 तक सात प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि के साथ 3.07 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा। अर्न्स्ट एंड यंग यानी ईवाई की रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़कर यह 2.68 लाख करोड़ हो जाएगा। यह क्षेत्र 2024 में 81 अरब रुपये बढ़कर 2.5 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया था।
मीडिया एवं मनोरंजन उद्योग में वृद्धि मुख्य रूप से नए मीडिया (डिजिटल और ऑनलाइन गेमिंग) के कारण हुई। नए मीडिया में 113 अरब रुपये की वृद्धि हुई जो 12 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। इस क्षेत्र के कुल राजस्व में इसका योगदान 41 प्रतिशत हो गया। इसके विपरीत, टीवी, प्रिंट, रेडियो और संगीत जैसे पारंपरिक मीडिया के सामूहिक राजस्व में तीन प्रतिशत (30 अरब रुपये) की गिरावट आई।
भारतीय मीडिया और मनोरंजन उद्योग 2027 तक सात प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि के साथ 3.07 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा। अर्न्स्ट एंड यंग यानी ईवाई की रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़कर यह 2.68 लाख करोड़ हो जाएगा। यह क्षेत्र 2024 में 81 अरब रुपये बढ़कर 2.5 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया था।
मीडिया एवं मनोरंजन उद्योग में वृद्धि मुख्य रूप से नए मीडिया (डिजिटल और ऑनलाइन गेमिंग) के कारण हुई। नए मीडिया में 113 अरब रुपये की वृद्धि हुई जो 12 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। इस क्षेत्र के कुल राजस्व में इसका योगदान 41 प्रतिशत हो गया। इसके विपरीत, टीवी, प्रिंट, रेडियो और संगीत जैसे पारंपरिक मीडिया के सामूहिक राजस्व में तीन प्रतिशत (30 अरब रुपये) की गिरावट आई।
आईएसटीएस छूट 30 जून से होगी खत्म
पीएम-कुसुम परियोजनाओं को प्रोत्साहित करने में इंटर स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम (आईएसटीएस) छूट ने अहम भूमिका निभाई है। 30 जून से यह छूट खत्म हो जाएगी। ऐसे में व्यावसायिक व औद्योगिक ग्राहकों के लिए हरित ऊर्जा महंगी हो जाएगी। कारोबारियों ने कहा, इस छूट को कुछ और साल के लिए बढ़ाना चाहिए। इस छूट के तहत हरित ऊर्जा परियोजनाओं को ट्रांसमिशन शुल्क से मुक्त किया गया है। इससे सस्ती दरों पर बिजली संभव हो सकी।
पीएम-कुसुम परियोजनाओं को प्रोत्साहित करने में इंटर स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम (आईएसटीएस) छूट ने अहम भूमिका निभाई है। 30 जून से यह छूट खत्म हो जाएगी। ऐसे में व्यावसायिक व औद्योगिक ग्राहकों के लिए हरित ऊर्जा महंगी हो जाएगी। कारोबारियों ने कहा, इस छूट को कुछ और साल के लिए बढ़ाना चाहिए। इस छूट के तहत हरित ऊर्जा परियोजनाओं को ट्रांसमिशन शुल्क से मुक्त किया गया है। इससे सस्ती दरों पर बिजली संभव हो सकी।
एचडीएफसी बैंक का कर्ज 0.20% तक सस्ता
एचडीएफसी बैंक ने विभिन्न अवधि वाले कर्जों पर ब्याज दरें 0.20 फीसदी तक घटा दी है। बैंक ने बुधवार को बताया, तीन महीने के कर्ज की दरें अब 9.20 से घटकर 9.05 फीसदी हो जाएंगी।
छह महीने की दर 9.30 से 9.10 फीसदी, एक साल की दर 9.30 से घटकर 9.15 फीसदी, दो साल की दर 0.10 फीसदी घटकर 9.20% और तीन साल के कर्ज की ब्याज दर 9.35 फीसदी से कम होकर 9.20 फीसदी हो जाएगी। नई दरें सात मई से लागू हैं। आरबीआई ने अप्रैल में रेपो दर में 0.25% की कटौती की थी।
एचडीएफसी बैंक ने विभिन्न अवधि वाले कर्जों पर ब्याज दरें 0.20 फीसदी तक घटा दी है। बैंक ने बुधवार को बताया, तीन महीने के कर्ज की दरें अब 9.20 से घटकर 9.05 फीसदी हो जाएंगी।
छह महीने की दर 9.30 से 9.10 फीसदी, एक साल की दर 9.30 से घटकर 9.15 फीसदी, दो साल की दर 0.10 फीसदी घटकर 9.20% और तीन साल के कर्ज की ब्याज दर 9.35 फीसदी से कम होकर 9.20 फीसदी हो जाएगी। नई दरें सात मई से लागू हैं। आरबीआई ने अप्रैल में रेपो दर में 0.25% की कटौती की थी।