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Nuvama Report: अक्तूबर में बिजली मांग में 5.2 प्रतिशत की गिरावट, ठंडे मौसम और बारिश ने घटाया लोड

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: रिया दुबे Updated Thu, 13 Nov 2025 01:40 PM IST
सार

नुवामा रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार बेमौसम बारिश के कारण अक्तबूर में भारत की बिजली मांग में 5.2 प्रतिशत की गिरावट आई है। अक्तूबर में औसत तापमान पिछले साल के 27.1 डिग्री सेल्सियस की तुलना में गिरकर 25.6 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। इससे देश भर में बिजली की मांग में कमी आई।

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Electricity demand fell 5.2 percent in October, as cold weather and rain reduced load
बिजली उत्पादन - फोटो : Adobestock
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विस्तार
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बेमौसम बारिश के कारण अक्तबूर में भारत की बिजली मांग में 5.2 प्रतिशत की गिरावट आई है। नुवामा रिसर्च की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बिजली की मांग बेमौसम बारिश और कम तापमान के कारण कम हुई, जिससे कूलिंग लोड की जरूरत कम हो गई। 

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पिछले साल की तुलना में तापमान में आई गिरावट 

अक्तूबर में औसत तापमान पिछले साल के 27.1 डिग्री सेल्सियस की तुलना में गिरकर 25.6 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। इससे देश भर में बिजली की मांग में कमी आई। अधिकतम बिजली की आवश्यकता भी घटकर 210 गीगावाट रह गई, जो अक्तूबर 2024 में 219 गीगावाट थी।

पीएलएफ गिरकर 57.5 प्रतिशत पर आ गया

तापमान पॉवर जेनरेशन विशेष रूप से प्रभावित हुआ, अखिल भारतीय प्लांट लोड फैक्टर (पीएलएफ) गिरकर 57.5 प्रतिशत पर आ गया। यह चार वर्षों का निम्नतम स्तर है। एनटीपीसी का पीएलएफ एक वर्ष पूर्व के 78.1 प्रतिशत से तेजी से गिरकर 68 प्रतिशत पर आ गया। लेकिन, कमजोर मांग के बावजूद, देश के कुल उत्पादन में ताप विद्युत का योगदान लगभग 70 प्रतिशत बना रहा।

सौर और गैर-सौर ऊर्जा के बीच बड़ा अंतर देखा गया

रिपोर्ट में बताया गया है कि बिजली बाजार में सौर और गैर-सौर ऊर्जा घंटों के बीच काफी अंतर देखा गया। सौर ऊर्जा घंटों की आपूर्ति मांग से 422 प्रतिशत अधिक रही, जिससे कीमतें 2.2 रुपये प्रति किलोवाट घंटा पर बनी रहीं। गैर-सौर ऊर्जा घंटों की आपूर्ति भी ऊंची बनी रही, जिससे कीमतें पिछले साल के 4.7 रुपये प्रति किलोवाट घंटा की तुलना में घटकर 3.2 रुपये प्रति किलोवाट घंटा रह गईं।

इंडिया एनर्जी एक्सचेंज (आईईएक्स) की कुल बिजली की मात्रा में 16 प्रतिशत (वर्ष दर वर्ष) की वृद्धि हुई। यह वास्तविक समय बाजार (आरटीएम) लेनदेन में 47 प्रतिशत की वृद्धि से प्रेरित थी।

कोयले के भंडार में हुई वृद्धि 

कोयले का भंडार साल-दर-साल बढ़ता रहा। अखिल भारतीय कोयला भंडार 12.1 दिनों की तुलना में 15.3 दिनों का रहा। बिजली संयंत्रों का भंडार 47 मिलियन टन रहा, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 34 प्रतिशत अधिक है।  हालांकि, एनटीपीसी के बिजली संयंत्रों का कोयला भंडार 16 दिनों का रहा, जो अभी भी 21 दिनों की मानक आवश्यकता से कम है।

भारत स्वच्छ ऊर्जा की खरीद को बड़ा रहा

भारत की स्थापित पॉवर क्षमता सितंबर 2025 के अंत तक 501 गीगावाट तक पहुंच गई। इसमें वित्त वर्ष 26 में अब तक 25 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा की वृद्धि हुई है, जिसमें सौर ऊर्जा का योगदान 22 गीगावाट है। नुवामा विश्लेषण के अनुसार, नवीकरणीय ऊर्जा अब कुल उत्पादन मिश्रण का लगभग 30 प्रतिशत है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत बड़े पैमाने पर स्वच्छ ऊर्जा की खरीद को बढ़ावा दे रहा है। 

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