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Export: निर्यातकों ने ₹45000 करोड़ की सरकारी योजनाओं को सराहा, बोले- वैश्विक प्रतिस्पर्धा को मिलेगा बढ़ावा

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: कुमार विवेक Updated Thu, 13 Nov 2025 02:48 PM IST
सार

Export Scheme: निर्यात क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से घोषित योजनाओं को निर्यातकों ने सकारात्मक बताया है। निर्यातकों का मानना है कि निर्यात संवर्धन मिशन (25,060 करोड़ रुपये) और ऋण गारंटी योजना (20,000 करोड़ रुपये) भारत के निर्यात पारिस्थितिकी तंत्र और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को मजबूत करेगी। आइए इस बारे में विस्तार से जानें।

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Exporters Rejoice as Govt Announces ₹45,000 Crore Package, Say It'll Boost Global Competitiveness
India's Export - फोटो : Agency
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विस्तार
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निर्यात क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से घोषित योजनाओं को निर्यातकों ने सकारात्मक बताया है। निर्यातकों का कहना है कि सरकार की ओर से मंजूर की गई 45,000 करोड़ रुपये की दो योजनाओं से उद्योग को किफायती वित्त, अनुपालन जटिलताओं और ब्रांडिंग की कमी जैसी दीर्घकालिक चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी। निर्यातकों का मानना है कि निर्यात संवर्धन मिशन (25,060 करोड़ रुपये) और ऋण गारंटी योजना (20,000 करोड़ रुपये) भारत के निर्यात पारिस्थितिकी तंत्र और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को मजबूत करेगी।

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सीआईआई की राष्ट्रीय निर्यात समिति के अध्यक्ष और पैटन इंटरनेशनल लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजय बुधिया ने कहा कि इन उपायों का मकसद एमएसएमई, पहली बार निर्यात करने वाले और श्रम-प्रधान क्षेत्रों को सशक्त बनाना है। इससे वैश्विक व्यापार अनिश्चितताओं के बीच लचीलापन सुनिश्चित हो सकेगा।
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बुधिया ने कहा, "वित्तीय और गैर-वित्तीय हस्तक्षेपों को एक छतरी के नीचे लाकर, यह किफायती वित्त, अनुपालन जटिलताओं और ब्रांडिंग की कमी जैसी दीर्घकालिक चुनौतियों का समाधान करता है, और एमएसएमई के लिए नए अवसरों को खोलता है।" उन्होंने कहा कि मौजूदा व्यापार प्रणालियों के साथ डिजिटल एकीकरण से निर्यातक अनुभव में बदलाव आएगा, कागजी कार्रवाई कम होगी, तेजी से वितरण संभव होगा और समन्वय बढ़ेगा। 

रिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) के उपाध्यक्ष ए शक्तिवेल भी सरकार की योजनाओं को सही मानते हैं हैं। उन्होंने कहा कि इन उपायों से उद्योग के सामने मौजूद हालिया चुनौतियों का समाधान करने में मदद मिलेगी।
शक्तिवेल ने कहा, "इस पहल से वित्त तक पहुंच बढ़ेगी, बाजार की तैयारी में सुधार होगा, भारत के निर्यात पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूती मिलेगी और बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा होगा। इससे भारत के निर्यात क्षेत्र के विकास को नई गति मिलेगी।"

भारतीय निर्यात संगठन महासंघ (फियो) के अध्यक्ष एससी रल्हन ने कहा कि यह मिशन वैश्विक व्यापार गतिशीलता के लिए आवश्यक निरंतरता, लचीलापन और जवाबदेही प्रदान करता है। उन्होंने कहा, "नई योजनाओं से एमएसएमई क्षेत्र को मजबूती मिलेगी। इस क्षेत्र के निर्यातक अक्सर किफायती वित्त और अनुपालन सहायता हासिल करने के लिए संघर्ष करते हैं।" उन्होंने कहा कि निर्यातकों के लिए ऋण गारंटी योजना न केवल जमानत मुक्त ऋण उपलब्ध कराएगी, बल्कि अतिरिक्त वित्तीय तरलता भी प्रदान करेगी। यह समय की मांग है।

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