Export: टैरिफ चुनौतियों के बीच भारत के वस्त्र निर्यात में 10 फीसदी का उछाल, 111 देशों में मजबूत मांग
सरकार ने बताया कि वित्त वर्ष की पहली छमाही अप्रैल-सितंबर के दौरान 111 देशों को किए गए वस्त्र निर्यात में 10 प्रतिशत की सालाना वृद्धि दर्ज की गई। कपड़ा मंत्रालय ने कहा कि इन 111 बाजारों ने अप्रैल-सितंबर 2025 के दौरान 8,489.08 मिलियन डॉलर का योगदान दिया, जबकि पिछले वर्ष यह 7,718.55 मिलियन डॉलर था।
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भारत के वस्त्र निर्यात ने वैश्विक दबाव और प्रमुख बाजारों में टैरिफ संबंधी चुनौतियों के बावजूद मजबूत प्रदर्शन किया है। सरकार ने बताया कि वित्त वर्ष की पहली छमाही अप्रैल-सितंबर के दौरान 111 देशों को किए गए वस्त्र निर्यात में 10 प्रतिशत की सालाना वृद्धि दर्ज की गई।
इन बाजारों ने 8,489 मिलयन डॉलर का योगदान दिया
कपड़ा मंत्रालय ने कहा कि इन 111 बाजारों ने अप्रैल-सितंबर 2025 के दौरान 8,489.08 मिलियन डॉलर का योगदान दिया, जबकि पिछले वर्ष यह 7,718.55 मिलियन डॉलर था। यह 10 प्रतिशत की वृद्धि और 770.3 मिलियन डॉलर की पूर्ण वृद्धि को दर्शाता है। कुल मिलाकर, भारत के वस्त्र, परिधान और मेड-अप के वैश्विक निर्यात में अप्रैल-सितंबर 2025 के दौरान 2024 की इसी अवधि की तुलना में 0.1 प्रतिशत की मामूली वृद्धि हुई।
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भारत के बड़े निर्यात बाजार
भारत के लिए कुछ बड़े निर्यात बाजार, जिनमें प्रभावशाली वृद्धि दर दर्ज की गई, वे हैं संयुक्त अरब अमीरात (14.5 प्रतिशत), ब्रिटेन (1.5 प्रतिशत), जापान (19 प्रतिशत), जर्मनी (2.9 प्रतिशत), स्पेन (9 प्रतिशत) और फ्रांस (9.2 प्रतिशत)।
दूसरी ओर, उच्च वृद्धि दर दर्ज करने वाले कुछ अन्य बाजार मिस्र (27 प्रतिशत), सऊदी अरब (12.5 प्रतिशत), हांगकांग (69 प्रतिशत) आदि थे। इस वृद्धि को संचालित करने वाले प्रमुख क्षेत्रों में सभी वस्त्रों में रेडीमेड गारमेंट्स (आरएमजी) शामिल है, जिसमें 3.42 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, व जूट में 5.56 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
गैर-पारंपरिक बाजारों में भारत का हो रहा तेजी से विस्तार
कपड़ा मंत्रालय ने कहा कि यह प्रदर्शन वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच क्षेत्र की अनुकूलनशीलता और प्रतिस्पर्धात्मकता को उजागर करता है। गैर-पारंपरिक बाजारों में भारत का निरंतर विस्तार मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत निर्यात विविधीकरण, मूल्य संवर्धन और वैश्विक बाजार एकीकरण पर सरकार के नीतिगत फोकस को मजबूत करता है।