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Finance Commission: सरकार ने 16वें वित्त आयोग का कार्यकाल 30 नवंबर तक बढ़ाया, आयोग का क्या है काम? यहां जानिए
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: कुमार विवेक
Updated Tue, 14 Oct 2025 02:25 PM IST
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सार
Finance Commission: वित्त मंत्रालय ने 10 अक्तूबर को जारी अधिसूचना में कहा कि 16वें वित्त आयोग की रिपोर्ट सौंपने की तिथि 30 नवंबर तक बढ़ाई जा रही है। आयोग में चार सदस्य हैं और सचिव ऋत्विक पांडे, दो संयुक्त सचिव और एक आर्थिक सलाहकार उनकी सहायता करते हैं। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

भारतीय अर्थव्यवस्था।
- फोटो : amarujala
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विस्तार
सरकार ने 16वें वित्त आयोग का कार्यकाल एक महीने बढ़ाकर 30 नवंबर कर दिया है। इसका गठन 31 दिसंबर 2023 को किया गया गठन किया था। इसके अध्यक्ष नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया थे। इस आयोग को 31 अक्तूबर तक अपनी रिपोर्ट देनी थी। आयोग मुख्य रूप से 1 अप्रैल 2026 से शुरू होने वाली 5 वर्ष की अवधि के लिए केंद्र और राज्यों के बीच करों के वितरण पर सिफारिशें करेगा।

वित्त मंत्रालय ने 10 अक्तूबर को जारी अधिसूचना में कहा कि 16वें वित्त आयोग की रिपोर्ट सौंपने की तिथि 30 नवंबर तक बढ़ाई जा रही है। आयोग में चार सदस्य हैं और सचिव ऋत्विक पांडे, दो संयुक्त सचिव और एक आर्थिक सलाहकार उनकी सहायता करते हैं।
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सेवानिवृत्त नौकरशाह एनी जॉर्ज मैथ्यू और अर्थशास्त्री मनोज पांडा आयोग के पूर्णकालिक सदस्य हैं। एसबीआई समूह के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष और आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर इसके पार्ट टाइम सदस्य हैं।
यह आयोग केंद्र और राज्यों के बीच कर हस्तांतरण और राजस्व वृद्धि के उपायों का सुझाव देगा। इसके अलावा आयोग आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत गठित निधियों के प्रबंधन और इनके वित्तपोषण के लिए वर्तमान व्यवस्था की समीक्षा करेगा। वित्त आयोग एक संवैधानिक निकाय है जो केंद्र-राज्य वित्तीय संबंधों पर सुझाव देता है।
एनके सिंह के नेतृत्व में पूर्ववर्ती 15वें वित्त आयोग ने सिफारिश की थी कि राज्यों को पांच वर्ष की अवधि अर्थात 2021-22 से 2025-26 के दौरान केंद्र के विभाज्य कर पूल का 41 प्रतिशत दिया जाए। इससे पहले, वाईवी रेड्डी के नेतृत्व में 14वें वित्त आयोग की ओर से भी यही हिस्सेदारी तय की गई थी।