IMF: 'भारत वैश्विक विकास का प्रमुख इंजन बनकर उभर रहा', बोलीं आईएमएफ की प्रमुख
अमेरिका के बारे में बोलते हुए जॉर्जीवा ने कहा कि मार्जिन में कमी के कारण वहां कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। मौद्रिक नीति व विकास पर इसका असर पड़ने की आशंका है। भारत के बारे में उन्होंने क्या कहा, आइए इस बारे में विस्तार से जानें।

विस्तार
भारत दुनिया के विकास का एक प्रमुख इंजन बनकर उभर रहा है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने यह बात कही है। 2025 आईएमएफ-विश्व बैंक वार्षिक बैठक से पहले आईएमएफ प्रमुख ने कहा, "मध्यम अवधि में वैश्विक विकास दर लगभग 3 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह महामारी से पहले 3.7 प्रतिशत थी।" उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में वैश्विक विकास के पैटर्न में बदलाव आ रहा है, विशेष रूप से चीन की विकास दर में लगातार गिरावट आ रही है।

जॉर्जीवा ने भारत में आर्थिक लचीलेपन के कारण बताए
वाशिंगटन डीसी में आईएमएफ और विश्व बैंक की वार्षिक बैठक में बोलते हुए जार्जीवा ने भारत को दुनिया के विकास का एक प्रमुख इंजन बताया। भारत के आर्थिक लचीलेपन का जॉर्जीवा ने चार कारण बताए। उन्होंने कहा कि बेहतर नीतिगत और बुनियादी बातों, निजी क्षेत्र के बढ़िया प्रदर्शन, शुरुआती समय में टैरिफ का आशंका से कम प्रभाव और सहायक वित्तीय स्थितियों से देश आर्थिक मोर्चे पर सशक्त बना है। हालांकि, जॉर्जीवा ने कहा कि टैरिफ का पूरा असर अभी सामने आना बाकी है।
अमेरिका में महंगाई की आशंका
अमेरिका के बारे में बोलते हुए जॉर्जीवा ने कहा कि मार्जिन में कमी के कारण वहां कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। मौद्रिक नीति व विकास पर इसका असर पड़ने की आशंका है। जॉर्जीवा ने यह भी कहा कि वैश्विक लचीलेपन का "अभी तक पूरी तरह से परीक्षण नहीं हुआ है।" उन्होंने चेतावनी दी कि सोने की बढ़ती मांग और आसान वित्तीय स्थितियां कमजोरियों को छिपा सकती हैं।
आईएमएफ प्रमुख की अपील- दुनिया में निजी क्षेत्र की उत्पादकता बढ़ाने पर रहे जोर
जॉर्जीवा ने देशों को आगाह किया कि वे संस्थानों को मजबूत बनाने, संपत्ति के अधिकारों की रक्षा करने और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने वाले सुधारों के जरिए निजी क्षेत्र की उत्पादकता बढ़ाने पर ध्यान दें। उन्होंने एशियाई अर्थव्यवस्थाओं से लंबे समय में सकल घरेलू उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए आंतरिक व्यापार बढ़ाने की भी अपील की।