{"_id":"681b2cc2683332d7580919e3","slug":"india-uk-free-trade-agreement-no-duty-cuts-by-india-on-diamond-silver-smartphones-optical-fibres-to-fta-2025-05-07","type":"story","status":"publish","title_hn":"FTA: भारत-यूके में मुक्त व्यापार समझौता, लेकिन हीरे-चांदी समेत इन सामानों पर शुल्क में कोई छूट नहीं देगी सरकार","category":{"title":"Business Diary","title_hn":"बिज़नेस डायरी","slug":"business-diary"}}
FTA: भारत-यूके में मुक्त व्यापार समझौता, लेकिन हीरे-चांदी समेत इन सामानों पर शुल्क में कोई छूट नहीं देगी सरकार
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नितिन गौतम
Updated Wed, 07 May 2025 03:37 PM IST
विज्ञापन
सार
भारत और यूके ने मंगलवार को ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए, जो 99 प्रतिशत भारतीय निर्यात पर शुल्क कम करेगा और ब्रिटिश फर्मों के लिए भारत को व्हिस्की, कार और अन्य उत्पादों का निर्यात करना आसान बना देगा।

भारत ब्रिटेन में एफटीए
- फोटो : पीटीआई

Trending Videos
विस्तार
ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौते के तहत भारत कुछ सामानों पर ब्रिटेन के उद्योगों को शुल्क में कोई छूट नहीं देगा। जिन सामानों पर शुल्क में छूट नहीं दी जाएगी, उनमें हीरे, चांदी, स्मार्टफोन और ऑप्टिकल फाइबर आदि शामिल हैं। वहीं समझौते के तहत ब्रिटेन से आयात होने वाले पेट्रोल और डीजल इंजन वाहनों पर भी शुल्क में सीमित छूट मिलेगी। दोनों देशों के बीच इस पर सहमति बनी है।
इन सामानों को एफटीए से रखा गया बाहर
मुक्त व्यापार समझौते के तहत ब्रिटेन से रियायती सीमा शुल्क दर पर आयात होने वाले ब्रिटिश इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के आयात का कोटा भी केवल कुछ हजारों तक सीमित है। वहीं संवेदनशील औद्योगिक उत्पादों जैसे प्लास्टिक, हीरा, चांदी, स्मार्टफोन, टेलीविजन कैमरा ट्यूब, ऑप्टिकल फाइबर बंडल और केबल को भी एफटीए से बाहर रखा गया है। इसके चलते इन सामानों के आयात पर भारत द्वारा ब्रिटेन को कोई लाभ नहीं दिया जाएगा। एफटीए के तहत भारत के ऑटो सेक्टर को खोला गया है। इसके तहत ऑटोमोटिव आयात पर शुल्क 100 प्रतिशत से 10 प्रतिशत हो जाएगा, जिससे टाटा-जेएलआर जैसी कंपनियों को लाभ होगा। आईसीई (आंतरिक दहन इंजन) वाहनों के लिए ब्रिटेन बाजार तक पहुंच से देश के ऑटो और ऑटो घटकों के निर्यात को बढ़ावा मिलने की संभावना है।
ये भी पढ़ें- टैरिफ का असर: 58 कंपनियों ने IPO लाने की योजना टाली; इश्यू लाने के लिए सेबी के पास आवेदन में आई भारी गिरावट
भारतीय कार निर्माताओं को मिल सकता है फायदा
भारत और यूके ने मंगलवार को ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए, जो 99 प्रतिशत भारतीय निर्यात पर शुल्क कम करेगा और ब्रिटिश फर्मों के लिए भारत को व्हिस्की, कार और अन्य उत्पादों का निर्यात करना आसान बना देगा। इससे दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। एफटीए का उद्देश्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 60 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर दोगुना करना है। एफटीए के तहत भारत के ऑटो उत्पाद ब्रिटेन के बाजार में बिक सकेंगे और भारतीय ग्राहक, ब्रिटेन की प्रीमियम कारों को अंतरराष्ट्रीय कीमतों पर खरीद सकेंगे। इसका असर भारतीय कार निर्माताओं पर पड़ने की आशंका कम है क्योंकि अधिकतर भारतीय अभी भी बजट वाहनों को प्राथमिकता देते हैं।
इसके अलावा, एफटीए के तहत, भारत ने सिरेमिक, पेट्रोलियम उत्पादों, कार्बन, लाल फास्फोरस, सल्फ्यूरिक एसिड, बोरिक एसिड, विमान इंजन और इंजीनियरिंग उपकरण जैसे रसायनों पर शुल्क समाप्त करने के लिए लंबी अवधि ली है। 2023-24 में, ब्रिटेन को भारत का माल निर्यात 12.92 अरब अमरीकी डॉलर था, जबकि आयात 8.41 अरब अमरीकी डॉलर था।
विज्ञापन
Trending Videos
इन सामानों को एफटीए से रखा गया बाहर
मुक्त व्यापार समझौते के तहत ब्रिटेन से रियायती सीमा शुल्क दर पर आयात होने वाले ब्रिटिश इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के आयात का कोटा भी केवल कुछ हजारों तक सीमित है। वहीं संवेदनशील औद्योगिक उत्पादों जैसे प्लास्टिक, हीरा, चांदी, स्मार्टफोन, टेलीविजन कैमरा ट्यूब, ऑप्टिकल फाइबर बंडल और केबल को भी एफटीए से बाहर रखा गया है। इसके चलते इन सामानों के आयात पर भारत द्वारा ब्रिटेन को कोई लाभ नहीं दिया जाएगा। एफटीए के तहत भारत के ऑटो सेक्टर को खोला गया है। इसके तहत ऑटोमोटिव आयात पर शुल्क 100 प्रतिशत से 10 प्रतिशत हो जाएगा, जिससे टाटा-जेएलआर जैसी कंपनियों को लाभ होगा। आईसीई (आंतरिक दहन इंजन) वाहनों के लिए ब्रिटेन बाजार तक पहुंच से देश के ऑटो और ऑटो घटकों के निर्यात को बढ़ावा मिलने की संभावना है।
विज्ञापन
विज्ञापन
ये भी पढ़ें- टैरिफ का असर: 58 कंपनियों ने IPO लाने की योजना टाली; इश्यू लाने के लिए सेबी के पास आवेदन में आई भारी गिरावट
भारतीय कार निर्माताओं को मिल सकता है फायदा
भारत और यूके ने मंगलवार को ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए, जो 99 प्रतिशत भारतीय निर्यात पर शुल्क कम करेगा और ब्रिटिश फर्मों के लिए भारत को व्हिस्की, कार और अन्य उत्पादों का निर्यात करना आसान बना देगा। इससे दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। एफटीए का उद्देश्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 60 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर दोगुना करना है। एफटीए के तहत भारत के ऑटो उत्पाद ब्रिटेन के बाजार में बिक सकेंगे और भारतीय ग्राहक, ब्रिटेन की प्रीमियम कारों को अंतरराष्ट्रीय कीमतों पर खरीद सकेंगे। इसका असर भारतीय कार निर्माताओं पर पड़ने की आशंका कम है क्योंकि अधिकतर भारतीय अभी भी बजट वाहनों को प्राथमिकता देते हैं।
इसके अलावा, एफटीए के तहत, भारत ने सिरेमिक, पेट्रोलियम उत्पादों, कार्बन, लाल फास्फोरस, सल्फ्यूरिक एसिड, बोरिक एसिड, विमान इंजन और इंजीनियरिंग उपकरण जैसे रसायनों पर शुल्क समाप्त करने के लिए लंबी अवधि ली है। 2023-24 में, ब्रिटेन को भारत का माल निर्यात 12.92 अरब अमरीकी डॉलर था, जबकि आयात 8.41 अरब अमरीकी डॉलर था।