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Indusind Bank: बाहरी एजेंसी से स्वतंत्र जांच करा रही बैंक, अंतिम रिपोर्ट का इंतजार; शेयर 3.86 फीसदी तक टूटा
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला
Published by: शुभम कुमार
Updated Tue, 11 Mar 2025 04:53 AM IST
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सार
बैंक ने शेयर बाजार को बताया कि आंतरिक समीक्षा में डेरिवेटिव बुक में सामने आईं विसंगतियाें की पहचान सितंबर-अक्तूबर तक कर ली गई थी। इसमें आरबीआई के अप्रैल, 2024 से लागू नियमों का उल्लंघन भी हुआ है।

इंडसइंड बैंक
- फोटो : grok

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विस्तार
डेरिवेटिव खातों में विसंगतियों के कारण निजी क्षेत्र के इंडसइंड बैंक की नेटवर्थ दिसंबर, 2024 तक 2.35 फीसदी या 1,577 करोड़ रुपये घट सकती है। इसका असर बैंक के चौथी तिमाही के नतीजों में देखने को मिल सकता है। डेरिवेटिव खाते का इस्तेमाल वित्तीय अनुबंधों के जरिये ट्रेडिंग करने के लिए होता है। वहीं, बैंक के सीईओ एवं प्रबंध निदेशक सुमंत कठपालिया का कार्यकाल तीन साल की जगह एक वर्ष बढ़ाने के आरबीआई के फैसले से बैंक के शेयर सोमवार को 3.86 फीसदी तक टूट गए।
बैंक ने शेयर बाजार को दी जानकारी
बैंक ने शेयर बाजार को बताया कि आंतरिक समीक्षा में डेरिवेटिव बुक में सामने आईं विसंगतियाें की पहचान सितंबर-अक्तूबर तक कर ली गई थी। इसमें आरबीआई के अप्रैल, 2024 से लागू नियमों का उल्लंघन भी हुआ है। केंद्रीय बैंक को भी इस बारे में अवगत कराया गया है। बैंक ने कहा, विसंगतियों की स्वतंत्र जांच के लिए बाहरी एजेंसी को नियुक्त किया है। उसकी अंतिम रिपोर्ट का इंतजार है।
बैंक की लाभप्रदता और पूंजी पर्याप्तता इस असर को झेलने के लिए बेहतर है। आरबीआई ने सितंबर, 2023 में वाणिज्यिक बैंकों के निवेश पोर्टफोलियो को नियंत्रित करने वाले नियमों में बदलाव किया था। वहीं, सीईओ कठपालिया ने दावा किया, नेटवर्थ पर पड़ने वाले असर से निपटने में बैंक सक्षम है। गौरतलब है कि बैंक की नेटवर्थ 62,000 करोड़ है।
विसंगतियां ग्राहकों के खातों से जुड़ी नहीं
बैंक के डिप्टी सीईओ अरुण खुराना ने दावा किया कि विसंगतियां ग्राहकों के खातों से जुड़ी नहीं हैं। हालांकि, उन्होंने इनकी प्रकृति का खुलासा नहीं किया। खुराना ने कहा, हम पुष्टि करते हैं कि एक अप्रैल से हमारी बुक में कोई आंतरिक व्यापार नहीं होगा। इससे पूर्व की अवधि से पहले जो भी आंतरिक व्यापार थे, उन्हें समाप्त कर दिया गया है।
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बैंक ने शेयर बाजार को दी जानकारी
बैंक ने शेयर बाजार को बताया कि आंतरिक समीक्षा में डेरिवेटिव बुक में सामने आईं विसंगतियाें की पहचान सितंबर-अक्तूबर तक कर ली गई थी। इसमें आरबीआई के अप्रैल, 2024 से लागू नियमों का उल्लंघन भी हुआ है। केंद्रीय बैंक को भी इस बारे में अवगत कराया गया है। बैंक ने कहा, विसंगतियों की स्वतंत्र जांच के लिए बाहरी एजेंसी को नियुक्त किया है। उसकी अंतिम रिपोर्ट का इंतजार है।
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बैंक की लाभप्रदता और पूंजी पर्याप्तता इस असर को झेलने के लिए बेहतर है। आरबीआई ने सितंबर, 2023 में वाणिज्यिक बैंकों के निवेश पोर्टफोलियो को नियंत्रित करने वाले नियमों में बदलाव किया था। वहीं, सीईओ कठपालिया ने दावा किया, नेटवर्थ पर पड़ने वाले असर से निपटने में बैंक सक्षम है। गौरतलब है कि बैंक की नेटवर्थ 62,000 करोड़ है।
विसंगतियां ग्राहकों के खातों से जुड़ी नहीं
बैंक के डिप्टी सीईओ अरुण खुराना ने दावा किया कि विसंगतियां ग्राहकों के खातों से जुड़ी नहीं हैं। हालांकि, उन्होंने इनकी प्रकृति का खुलासा नहीं किया। खुराना ने कहा, हम पुष्टि करते हैं कि एक अप्रैल से हमारी बुक में कोई आंतरिक व्यापार नहीं होगा। इससे पूर्व की अवधि से पहले जो भी आंतरिक व्यापार थे, उन्हें समाप्त कर दिया गया है।