US: 'भारत को रूसी तेल आयात करने से रोकना एक कूटनीतिक कदम', अमेरिका के वाणिज्य मंत्री ने टैरिफ का किया बचाव
अमेरिकी वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक का कहना है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने टैरिफ को एक कूटनीतिक साधन के रूप में इस्तेमाल किया था। उन्होंने दावा किया कि ट्रंप ने न्याय सुनिश्चित करने और यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के प्रयासों के तहत भारत से रूस से तेल खरीद बंद करने का आग्रह किया था।
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अमेरिकी वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक ने ट्रंप की टैरिफ नीतियों का बचाव करते हुए करते हुए भारत का हवाला दिया है। उन्होंने दावा किया है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने टैरिफ का एक कूटनीति हथियार के रूप में इस्तेमाल किया। साथ ही भारत से रूसी तेल आयात रोकने का आग्रह किया ताकि यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने में मदद मिल सके।
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टैरिफ का इस्तेमाल न्याय खरीदने और वैश्विक स्थिरता लाने के लिए किया
लुटनिक ने कहा कि ट्रंप ने टैरिफ का इस्तेमाल न्याय खरीदने और वैश्विक स्थिरता बहाल करने के लिए किया। यह बयान उस समय आया है जब अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट यह तय करने पर विचार कर रहा है कि क्या ट्रंप द्वारा 1977 के अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्ति अधिनियम (आईईईपीए) के तहत लगाई गई व्यापक टैरिफ नीतियां वैध थीं या नहीं।
लुटनिक ने कहा कि राष्ट्रपति इन टैक्सों का इस्तेमाल न्याय सुनिश्चित करने के लिए कर रहे हैं। उन्होंने भारत से कहा था कि रूस से तेल खरीदना बंद करें। अगर इन आईईईपीए की शक्तियों को सीमित किया गया, तो यह ट्रंप की दुनिया और अमेरिका को सुरक्षित बनाने की क्षमता को कमजोर करेगा।
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ट्रंप ने भारत पर लगाया 50 प्रतिशत टैरिफ
ट्रम्प ने भारत पर 25 प्रतिशत पारस्परिक टैरिफ लगाया व रूसी तेल की खरीद पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाया। इससे भारत पर लगाया गया कुल शुल्क 50 प्रतिशत हो गया। भारत ने अमेरिकी कार्रवाई को अनुचित बताया था।
ट्रंप के दावों को भारत ने किया खारीज
ट्रम्प पिछले कुछ दिनों से यह भी दावा कर रहे हैं कि दिल्ली ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वह रूस से अपने तेल आयात में उल्लेखनीय कमी लाएगी। हालांकि, भारत यह कहता रहा है कि उसकी ऊर्जा नीति उसके अपने राष्ट्रीय हितों से निर्देशित होती है, विशेष रूप से अपने उपभोक्ताओं के लिए सस्ती और सुरक्षित आपूर्ति सुनिश्चित करने से।