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CRISIL: अच्छे मानसून से बढ़ेगा चीनी उत्पादन, कीमतें सीमित दायरे में रहेंगी, क्रिसिल की रिपोर्ट में दावा

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: रिया दुबे Updated Fri, 27 Jun 2025 01:33 PM IST
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सार

क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार अच्छा मानसून से चीनी उत्पादन में वृद्धि की संभावना है। भारत का सकल चीनी उत्पादन 15 से 35 प्रतिशत बढ़कर करीब 35 मिलियन टन तक पहुंच सकता है। घरेलू कीमतों की बात करें तो इस सत्र में चीनी की कीमतें 35 से 38 रुपये प्रति किलोग्राम के दायरे में स्थिर बनी हुई हैं।

Sugar production will increase due to good monsoon, prices will remain in limited range, CRISIL report claims
चीनी - फोटो : Freepik.com
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विस्तार
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चीनी सत्र 2026 में भारत का सकल चीनी उत्पादन 15 से 35 प्रतिशत बढ़कर करीब 35 मिलियन टन तक पहुंच सकता है। क्रिसिल की हालिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार औसत से अधिक मानसून, महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे प्रमुख चीनी उत्पादक राज्यों में गन्ने की बुवाई और पैदावार को बढ़ावा दे सकते हैं। 

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परिचालन लाभांश में 9 से 9.5 प्रतिशत तक सुधर आ सकता है

इस वृद्धि से चीनी मिलों को चुनौतियों से कुछ राहत मिलेने की उम्मीद है। पिछले वित्त वर्ष में उच्च गन्ना लागत, इथेनॉल की कम कीमतें और सीमित निर्यात का सामना करना पड़ा था। इसकी वजह से वित्त वर्ष 2025 में परिचालन लाभांश कगभग 200 आधार अंकों घटकर 8.7 से 9 प्रतिशत तक आ गया था। क्रिसिल के मुताबिक बेहतर आपूर्ति और गैसोलीन के साथ इथेनॉल मिश्रण के लिए चीनी के संभावित उच्च डायवर्जन के चलते वित्त वर्ष 2026 में चीनी मिलों का परिचालन लाभांश 9 से 9.5 प्रतिशत तक सुधर सकता है। इससे मिलों के क्रेडिट प्रोफाइल को समर्थन मिलने की संभावना है। 

इथेनॉल का डावर्जन 40 लाख टन होने की संभावना 

इसके अलावा इथेनॉल के लिए डायवर्जन बढ़कर लगभग 40 लाख टन होने की उम्मीद है। इसे उच्च उत्पादन और सरकार के 20 प्रतिशत मिश्रण लक्ष्य से मदद मिलेगी। क्रिसील रेटिंग्स के वरिष्ठ निदेशक अनुज सेठी ने कहा कि इथेनॉल में रणनीतिक विविधीकरण का उद्देश्य चीनी मिलों की आय और नकदी प्रवाह को जोखिम मुक्त करना था। हालांकि गन्ने की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एफआरपी) 4.5% बढ़ाकर 355 रुपये प्रति क्विंटल किए जाने और इथेनॉल खरीद की स्थिर कीमतों ने लाभप्रदता में सुधार को सीमित कर दिया है। 


रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी उत्पादन में 15 प्रतिशत की वृद्धि के बावजूद एकीकृत मिलों के मार्जिन में मामूली सुधार ही होगा। मिल मालिकों का परिचालन मार्जिन केवल 40 से 60 आधार अंकों तक मामूली रूप से बढ़कर 9 से 9.5 प्रतिशत होने की संभावना है। इसमें कहा गया कि डिस्टिलरी या को-जेनरेशन सुविधा न रखने वाले स्टैंडअलोन मिलर्स पर दबाव बना रह सकता है।

घरेलू कीमतें रहेंगी स्थिर 

घरेलू कीमतों की बात करें तो इस सत्र में चीनी की कीमतें 35 से 38 रुपये प्रति किलोग्राम के दायरे में स्थिर बनी हुई हैं। उत्पादन बढ़ने की संभावना को देखते हुए, क्रिसिल ने कहा है कि कीमतें सीमित दायरे में ही बनी रहेंगी, जिससे चीनी मिलों के मुनाफे में कोई खास बढ़ोतरी नहीं होगी।


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