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Finance: 16वें वित्त आयोग ने राष्ट्रपति को सौंपी अंतिम रिपोर्ट, केंद्र-राज्य के बीच कर बंटवारे पर दिए सुझाव

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: रिया दुबे Updated Tue, 18 Nov 2025 10:33 AM IST
सार

सोलहवें वित्त आयोग ने केंद्र और राज्यों के बीच करों के वितरण पर अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी है। ये सिफारिशें 1 अप्रैल 2026 से शुरू होने वाली पांच साल की अवधि के लिए आयोग के अधिदेश के हिस्से के रूप में की गई हैं। 

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The 16th Finance Commission submitted its final report to the President, giving suggestions on tax sharing
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ 16वें वित्त आयोग के सदस्य। - फोटो : ANI
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विस्तार
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16वें वित्त आयोग ने 2026-27 से 2030-31 की अवधि के लिए केंद्र और राज्यों के बीच करों के वितरण से संबंधित अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी। आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगड़िया, सदस्यों एनी जॉर्ज मैथ्यू, मनोज पांडा, टी रबी शंकर, सौम्यकांति घोष और सचिव ऋत्विक पांडे राष्ट्रपति से मुलाकात कर रिपोर्ट का औपचारिक हस्तांतरण किया। इसके बाद आयोग ने रिपोर्ट की प्रतियां प्रधानमंत्री और केंद्रीय वित्त मंत्री को भी प्रस्तुत कीं।

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रिपोर्ट में क्या शामिल है?

रिपोर्ट में केंद्र-राज्य कर हिस्सेदारी के ढांचे, राज्यों के बीच हिस्सेदारी निर्धारण, अनुदान सहायता और आपदा प्रबंधन के वित्तपोषण तंत्र की समीक्षा से जुड़े प्रमुख सुझाव शामिल हैं। ये सिफारिशें 1 अप्रैल 2026 से शुरू होने वाली पांच साल की अवधि के लिए आयोग के अधिदेश के हिस्से के रूप में की गई हैं। 

सोलहवें वित्त आयोग का गठन

सोलहवें वित्त आयोग का गठन भारत के राष्ट्रपति द्वारा संविधान के अनुच्छेद 280 के खंड (1) के तहत किया गया था। आयोग को मिले 'टर्म्स ऑफ रेफरेंस' के अनुसार उसे संघ और राज्यों की वित्तीय क्षमता, जरूरतों और विकासात्मक संतुलन को ध्यान में रखते हुए उपयुक्त फॉर्मूला तय करना था।


अपने कार्यकाल के दौरान आयोग ने केंद्र और सभी राज्यों के वित्तीय आंकड़ों का गहन विश्लेषण किया। इसके लिए उसने राज्य सरकारों, विभिन्न स्तरों की स्थानीय सरकारों और केंद्र सरकार के साथ व्यापक परामर्श बैठकों का आयोजन किया। आयोग ने पूर्व वित्त आयोगों के अध्यक्षों व सदस्यों, प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों, बहुपक्षीय संस्थाओं, सलाहकार परिषद के सदस्यों और कई क्षेत्र-विशेषज्ञों से भी इनपुट लिए।

दो खंडों में तैयार रिपोर्ट में पहला खंड आयोग की सिफारिशों को समेटता है, जबकि दूसरा खंड विस्तृत परिशिष्टों को प्रस्तुत करता है। रिपोर्ट को संविधान के अनुच्छेद 281 के तहत संसद में वित्त मंत्री द्वारा पेश किए जाने के बाद सार्वजनिक किया जाएगा।

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