GDP Report: दूसरी तिमाही में जीडीपी दर 7.5% के आसपास रहने की उम्मीद, एसबीआई की रिपोर्ट में दावा
भारतीय स्टेट बैंक की रिपोर्ट के अनुसार चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में देश की जीडीपी वृद्धि दर लगभग 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सेवा और विनिर्माण दोनों क्षेत्रों में तेजी के साथ-साथ संरचनात्मक सुधारों से भी विकास को बल मिल रहा है।
विस्तार
एसबीआई ने वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि दर लगभग 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। भारतीय स्टेट बैंक की रिपोर्ट के अनुसार निवेश गतिविधियों में तेजी, ग्रामीण खपत में सुधार और जीएसटी सुधार के प्रभाव से अर्थव्यवस्था को सहारा मिलेगा।
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सेवा और विनिर्माण दोनों क्षेत्रों में तेजी के साथ संरचनात्मक सुधारों से मिल रहा बल
रिपोर्ट में कहा गया है कि सेवा और विनिर्माण दोनों क्षेत्रों में तेजी के साथ-साथ संरचनात्मक सुधारों से भी विकास को बल मिल रहा है। इससे मांग की स्थिति मजबूत हुई है। जीएसटी सुधार का असर देखने को मिल रहा है।
इन क्षेत्रों में दिखी उल्लेखनीय तेजी
रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि कृषि, उद्योग और सेवाओं के संकेतकों में उल्लेखनीय तेजी देखी गई है। उपभोग और मांग में वृद्धि दर्शाने वाले प्रमुख संकेतकों की हिस्सेदारी दूसरी तिमाही में बढ़कर 83 प्रतिशत हो गई। वहीं पहली तिमाही में यह 70 प्रतिशत थी, जो आर्थिक गतिविधियों में व्यापक सुधार का संकेत है।
सकल जीएसटी संग्रह में वृद्धि की उम्मीद
राजकोषीय मोर्चे पर, रिपोर्ट में कहा गया है कि नवंबर 2025 के लिए सकल घरेलू जीएसटी संग्रह (अक्तूबर 2025 रिटर्न से संबंधित) लगभग 1.49 लाख करोड़ रुपये हो सकता है। यह साल-दर-साल 6.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। आयात पर संग्रहित आईजीएसटी और उपकर से प्राप्त 51,000 करोड़ रुपये को शामिल करते हुए, नवंबर माह के लिए कुल जीएसटी प्राप्तियां 2.0 लाख करोड़ रुपये को पार कर सकती हैं।
त्योहारी सीजन और जीएसटी सुधारों से बढ़ी मांग
बैंक ने इसका श्रेय त्योहारी सीजन की चरम मांग, कम जीएसटी दरों और बेहतर अनुपालन को दिया है। साथ ही कहा कि अधिकांश राज्यों में सकारात्मक लाभ होने की संभावना है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि जीएसटी को तर्कसंगत बनाने के बाद सितंबर और अक्तूबर 2025 के त्योहारी महीनों के दौरान खपत में भारी वृद्धि होगी।
क्रेडिट और डेबिट कार्ड खर्च का विश्लेषण
रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके शुरुआती संकेत क्रेडिट और डेबिट कार्ड से खर्च करने के पैटर्न के विश्लेषण से सामने आए हैं। क्रेडिट कार्ड के उपयोग में, ऑटो, किराना स्टोर, इलेक्ट्रॉनिक्स, फर्निशिंग और यात्रा जैसी श्रेणियों में, विशेष रूप से ई-कॉमर्स क्षेत्र में, मजबूत वृद्धि दर्ज की गई। शहर-वार आंकड़ों से संकेत मिलता है कि सभी क्षेत्रों में मांग बढ़ी है, मध्यम श्रेणी के शहरों में सबसे तेज वृद्धि देखी गई है, जिसे बड़े पैमाने पर सकारात्मक ई-कॉमर्स बिक्री रुझानों का समर्थन प्राप्त है।