बैठक: खेतों में भरे पानी की निकासी और दोबारा उपयोग पर खर्च होंगे 221 करोड़, योजनाएं तैयार
हरियाणा राज्य सूखा राहत एवं बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की 53वीं बैठक में कई निर्णय लिए गए। सीएम मनोहर लाल ने कहा कि बाढ़ और सूखा राहत बोर्ड की 320 योजनाओं के लिए 494 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।
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हरियाणा सरकार खेतों में भरे पानी की निकासी व उसके दोबारा उपयोग के लिए 221 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसके लिए योजनाएं तैयार कर ली गई हैं। बाढ़ और सूखा राहत बोर्ड की 320 योजनाओं के लिए 494 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। सोमवार को यहां हुई हरियाणा राज्य सूखा राहत एवं बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की 53वीं बैठक में ये निर्णय लिए गए।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि इस वर्ष बरसात के पानी को दोबारा उपयोग में लाने के लिए ज्यादा योजनाओं के क्रियान्वन पर जोर दिया गया है। इससे बाढ़ की स्थिति से निपटने के साथ-साथ भूजल रिचार्जिंग व सूखे क्षेत्रों में इस पानी का सदुपयोग किया जा सकेगा। पिछले सालों में मई महीने के दौरान बाढ़ नियंत्रण एवं सूखा राहत बोर्ड की बैठक होती थी।
वर्तमान सरकार ने इस बैठक को साल में जनवरी व मई महीने में दो बार करने का निर्णय लिया है, ताकि मई में किए गए कार्यों की वर्षा से पहले समीक्षा की जा सके। पिछले वर्ष क्रियान्वित योजनाओं का फायदा यमुना क्षेत्र में अब देखने को मिला है। पहली बार बारिश के दिनों में यमुना के क्षेत्र में बाढ़ का पानी नहीं भरा।
उन्होंने कहा कि जल भराव से फसलों में नुकसान होने से भिवानी, रोहतक, झज्जर, हिसार व सोनीपत जैसे जिलों में 650 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाना है। इसे ध्यान में रखते हुए अब जिन क्षेत्रों में हर वर्ष जलभराव की समस्या रहती है, उन क्षेत्रों के लिए विशेष रूप से योजना बनाई जा रही हैं। इसके अलावा अंबाला व बरवाला शहर को जलभराव से मुक्त करने के लिए जन स्वास्थ्य विभाग की 45 करोड़ रुपये की दो परियोजनाओं को भी स्वीकृति प्रदान की गई है।
लक्ष्यः एक लाख एकड़ भूमि से जल भराव की समस्या खत्म करेंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने इस वर्ष 1 लाख एकड़ भूमि से जल भराव की समस्या खत्म करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए प्रभावित किसानों को पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा। किसानों को खर्च की केवल 20 प्रतिशत राशि देनी होगी, शेष 80 प्रतिशत राशि सरकार वहन करेगी। भविष्य में पूरे प्रदेश की जमीन को जल भराव से मुक्त करेंगे। तालाबों के लगातार पानी से भरे रहने के कारण पानी की रिचार्जिंग कम हो जाती है। ऐसे में तालाबों को साल में एक बार पूरी तरह खाली करवाकर खुदाई करवाई जाएगी। इसके लिए पंचायत विभाग बड़ी योजना तैयार कर रहा है। इसके तहत तालाबों को एक बार खाली करने और उनकी मिट्टी निकालने का कार्य किया जाएगा। तालाब साफ होंगे तो पानी की रिचार्जिंग होगी और वर्षा होने पर गांवों में जल भराव की समस्या से निजात मिलेगी।
पानी के पुन: उपयोग के लिए खर्च होंगे सबसे अधिक 144 करोड़
मुख्यमंत्री ने कहा कि बारिश के पानी के पुन: उपयोग के लिए 80 योजनाओं पर करीब 144 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके साथ-साथ आबादी प्रोटेक्शन श्रेणी की 46 योजनाओं पर 58.92 करोड़, प्रोटेक्शन आफ एग्रीकल्चर लैंड श्रेणी में 66 योजनाओं पर 79.21 करोड़, डिवाटरिंग मशीनरी श्रेणी में 45 योजनाओं पर 32.36 करोड़ रुपये, रिक्लेमेशन आफ लैंड श्रेणी की 20 योजनाओं के लिए 32.77 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। अटल भूजल योजना के तहत 26 योजनाओं पर 77.05 करोड़ तथा रिकंस्ट्रक्शन, रिनोवेशन आफ स्ट्रक्चर की 37 योजनाओं पर 69.55 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
राष्ट्रीय स्तर पर दिखेगी हरियाणा के खेलों की छाप
बैठक के बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के लिए बड़ी प्रसन्नता की बात है कि 5 वर्ष के बाद हरियाणा की झांकी 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होगी। सबसे विशेष बात ये है कि इस झांकी का थीम हरियाणा के खेलों पर आधारित है। ओलंपिक व पैरालंपिक खेलों में हरियाणा के खिलाड़ियों का बेहतर प्रदर्शन रहा है। हरियाणा खेलों का हब है, इस झांकी में यह छाप देखने को मिलेगी।
- Manohar Lal (@manoharlalbjp) 24 Jan 2022
बजट से पहले सांसद और विधायकों से मांगे जा रहे सुझाव
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय बजट कुछ दिनों में पेश होने वाला है। केंद्रीय वित्तमंत्री द्वारा बुलाई गई प्री-बजट बैठक में उन्होंने अपने कुछ सुझाव दिए थे। प्रदेश का अधिकतर क्षेत्र एनसीआर में होने के कारण 5 हजार करोड़ रुपये देने की मांग की है। इसके साथ-साथ हरियाणा सरकार भी अपने बजट की तैयारी कर रही है। इसके लिए सांसदों व विधायकों से सुझाव मांगे जा रहे हैं। इन सुझावों को हरियाणा की प्री-बजट बैठक में शामिल किया जाएगा।