{"_id":"69096615d31f7fac85051bcb","slug":"air-pollution-rises-in-chandigarh-aqi-reaches-287-2025-11-04","type":"story","status":"publish","title_hn":"चंडीगढ़ में बढ़ा वायु प्रदूषण: 287 पहुंचा एक्यूआई का लेवल, पराली जलने समेत कई कारणों से खराब हो रही हवा","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
    चंडीगढ़ में बढ़ा वायु प्रदूषण: 287 पहुंचा एक्यूआई का लेवल, पराली जलने समेत कई कारणों से खराब हो रही हवा
 
            	    न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़             
                              Published by: निवेदिता वर्मा       
                        
       Updated Tue, 04 Nov 2025 08:24 AM IST
        
       
            सार 
            
            
        
                                    
                पीजीआई के प्रोफेसर रविंदर खाईवाल ने बताया कि पंजाब, हरियाणा और उत्तर भारत के अन्य राज्यों में पराली जलाने के मामले लगातार आ रहे हैं जिसकी वजह से शहर का प्रदूषण स्तर बढ़ रहा है।
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                        हवा में घुला जहर
                                    - फोटो : अमर उजाला/फाइल 
                    
    
        
    
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विस्तार
                                                 
                चंडीगढ़ का वायु प्रदूषण स्तर दो दिन से लगातार पुअर कैटेगरी में बना हुआ है। सोमवार को भी शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) पुअर दर्ज किया गया।
                                
                
                
                 
                    
                                                                                                        
                                                
                        
                        
                        
                                                                                      
                   
                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
चंडीगढ़ का एक्यूआई लेवल सोमवार को औसतन 216 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया। सेक्टर-22 वाले क्षेत्र की अगर बात करें तो यहां एक्यूआई 287 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया। सेक्टर-25 के स्टेशन पर 207 और 53 के स्टेशन पर 154 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया।
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
पीजीआई के प्रोफेसर रविंदर खाईवाल ने बताया कि पंजाब, हरियाणा और उत्तर भारत के अन्य राज्यों में पराली जलाने के मामले लगातार आ रहे हैं जिसकी वजह से शहर का प्रदूषण स्तर बढ़ रहा है। वायु प्रदूषण स्तर बढ़ने के पीछे अकेला पराली जलना ही कारण नहीं है, शहर और इसके आसपास के इलाके में डस्ट यानी धूल, कंस्ट्रक्शन वर्क और गाड़ियों से निकलने वाला धुआं भी वायु प्रदूषण बढ़ाने में अहम किरदार निभाता है।    
             
                                                    
                                 
                                
                               
                                                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
जीएमएसएच-16 के ईएनटी ओपीडी के आंकड़ों की अगर बात करें तो रोज 20 से 25 लोग यहां आंखों में जलन, खुजली और पानी निकलने जैसी समस्या लेकर आ रहे हैं। डॉक्टरों की मानें तो वायु में प्रदूषण के मोटे कण की वजह से अकसर ऐसा होता है इसलिए लोगों को समय-समय पर पानी से आंखें साफ करनी चाहिए। अगर कोई जलन या इचिंग जैसी समस्या होती है तो डॉक्टर से जांच करवाने के बाद ही आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल करना चाहिए।
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                                                
                                
                                
                
                                                                
                               
                                                        
        
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                                                                चंडीगढ़ का एक्यूआई लेवल सोमवार को औसतन 216 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया। सेक्टर-22 वाले क्षेत्र की अगर बात करें तो यहां एक्यूआई 287 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया। सेक्टर-25 के स्टेशन पर 207 और 53 के स्टेशन पर 154 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया।
पीजीआई के प्रोफेसर रविंदर खाईवाल ने बताया कि पंजाब, हरियाणा और उत्तर भारत के अन्य राज्यों में पराली जलाने के मामले लगातार आ रहे हैं जिसकी वजह से शहर का प्रदूषण स्तर बढ़ रहा है। वायु प्रदूषण स्तर बढ़ने के पीछे अकेला पराली जलना ही कारण नहीं है, शहर और इसके आसपास के इलाके में डस्ट यानी धूल, कंस्ट्रक्शन वर्क और गाड़ियों से निकलने वाला धुआं भी वायु प्रदूषण बढ़ाने में अहम किरदार निभाता है।
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            जीएमएसएच-16 के ईएनटी ओपीडी के आंकड़ों की अगर बात करें तो रोज 20 से 25 लोग यहां आंखों में जलन, खुजली और पानी निकलने जैसी समस्या लेकर आ रहे हैं। डॉक्टरों की मानें तो वायु में प्रदूषण के मोटे कण की वजह से अकसर ऐसा होता है इसलिए लोगों को समय-समय पर पानी से आंखें साफ करनी चाहिए। अगर कोई जलन या इचिंग जैसी समस्या होती है तो डॉक्टर से जांच करवाने के बाद ही आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल करना चाहिए।