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हरियाणा: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बिना परीक्षा बनेंगी सुपरवाइजर, एक माह का चिकित्सा अवकाश भी मिलेगा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: ajay kumar
Updated Fri, 26 Nov 2021 01:48 PM IST
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सार
हरियाणा में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपना आंदोलन समाप्त कर दिया है। राज्य मंत्री से मिलने के बाद यूनियन ने आंदोलन वापस लेने का फैसला किया है। बैठक में कई मांगों पर सहमति बनी तो कई को पूरा करने का आश्वासन सरकार ने दिया।

धरने पर बैठीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
हरियाणा के आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यरत हजारों कार्यकर्ता बिना परीक्षा पास किए 50 फीसदी पदों पर सुपरवाइजर बनेंगी। महिला एवं बाल विकास विभाग सेवा नियमों में बदलाव करते हुए विभागीय पदोन्नति की व्यवस्था करेगा। इसके लिए केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश अनुसार शीघ्र प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

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आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को एक माह का चिकित्सा अवकाश भी मिलेगा। पोषण ट्रैकर एप के लिए प्रशिक्षण देंगे।
महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री कमलेश ढांडा के साथ गुरुवार को हुई आंगनबाड़ी वर्कर्स हेल्पर्स यूनियन के प्रतिनिधिमंडल की बैठक में इन मांगों पर सहमति बनी। इनके अलावा अन्य मागों को पूरा करने का आश्वासन मिलने पर यूनियन ने आंदोलन वापस लेते हुए धरना खत्म कर दिया।
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सचिवालय में ढांडा के साथ यूनियन प्रतिनिधिमंडल ने राज्य प्रधान कुंज भट्ट की अगुवाई में मुलाकात की। इस दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग की महानिदेशक हेमा शर्मा, संयुक्त निदेशक (प्रशासन) हितेंद्र कुमार, राजबाला कटारिया एवं पूनम रमन के साथ सौहार्दपूर्ण माहौल में मांगों पर चर्चा हुई।
डेढ़ घंटे तक चली वार्ता के दौरान डेढ़ दर्जन मुद्दों पर विचार विमर्श हुआ। कमलेश ढांडा ने स्पष्ट किया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। सुपरवाइजर बनने के लिए अभी परीक्षा पास करनी पड़ती है। लेकिन 50 प्रतिशत पद विभागीय पदोन्नति के माध्यम से भरने के लिए सेवा नियमों में संशोधन किया जाएगा। इससे सरल तरीके से पदोन्नति के अवसर मिलेंगे। पूर्व में आंगनबाड़ी सहायिका से कार्यकर्ता के लिए 25 प्रतिशत पदोन्नति की व्यवस्था कर चुके हैं।
किराए के भवनों में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्रों के किराये संबंधी अड़चनों को दूर करने के लिए लोक निर्माण विभाग के मुख्य कार्यकारी अभियंता को लिखा गया है। जल्द ही जिला स्तर पर कार्यकारी अभियंता अपने दायरे में आंगनबाड़ी केंद्रों की रिपोर्ट देंगे। भविष्य में कार्यकर्ता और सहायिकाओं को मानदेय महीने की सात तारीख तक देना सुनिश्चित किया जाएगा। केंद्र सरकार से प्राप्त होने वाली राशि की उपलब्धता को लेकर भी समन्वय स्थापित करेंगे। पोषण ट्रैकर एप को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के सभी संशय दूर किए जाएंगे। इसके उपयोग पर कार्यकर्ता को 500 रुपये व सहायिका को 250 रुपये अतिरिक्त दिए जाएंगे।
इन मांगों पर भी हुआ विचार
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कुशल व अर्धकुशल श्रेणी में निर्धारण वित विभाग से मंजूरी मिलने के बाद होगा, कार्यकर्ता और सहायिका को आयुष्मान योजना के दायरे में लाकर स्वास्थ्य लाभ, गैस सिलिंडर की दरों में बढ़ोतरी के अनुरूप राशि बढ़ाने, उनकी मृत्यु अथवा सेवानिवृत्ति पर भारतीय जीवन बीमा निगम के माध्यम से मुआवजा, कोरोना अवधि में ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका को 20 लाख रुपये देने की प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी।