{"_id":"61bc2ad75475e812102f9fe1","slug":"announcement-of-providing-free-facilities-to-voters-will-be-added-to-election-expenses-of-candidate","type":"story","status":"publish","title_hn":"पंजाब विधानसभा चुनाव: प्रत्याशियों को मंहगा पड़ेगा मुफ्त सुविधाएं देने का वादा, चुनाव आयोग ने कहा खर्च में जोड़ेंगे","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
पंजाब विधानसभा चुनाव: प्रत्याशियों को मंहगा पड़ेगा मुफ्त सुविधाएं देने का वादा, चुनाव आयोग ने कहा खर्च में जोड़ेंगे
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: ajay kumar
Updated Fri, 17 Dec 2021 11:52 AM IST
सार
आचार संहिता लगने के बाद अगर किसी प्रत्याशी ने मतदाताओं को मुफ्त में सुविधा देने का वादा किया तो उसे बहुत महंगा पड़ेगा। चुनाव आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि इन घोषणाओं को प्रत्याशी के चुनाव खर्च में जोड़ा जाएगा।
विज्ञापन
चुनाव आयोग (फाइल फोटो)
- फोटो : पीटीआई
विज्ञापन
विस्तार
चुनाव प्रचार के दौरान मतदाताओं को विभिन्न सुविधाएं मुफ्त में देने का ऐलान करना प्रत्याशियों को महंगा पड़ सकता है। चुनाव आयोग उम्मीदवारों द्वारा की गई ऐसी घोषणाओं को उनके चुनाव खर्च में जुड़ेगा। यह जानकारी चंडीगढ़ में भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने दी।
Trending Videos
मीडिया से बातचीत के दौरान यह पूछे जाने पर कि पंजाब में राजनीतिक दलों द्वारा जनता को अगले चुनाव के मद्देनजर बिजली पानी समेत कई तरह की सुविधाएं देने का एलान किया जा रहा है तो क्या यह एलान मतदाताओं को लालच देने की श्रेणी में नहीं आते? मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि अभी पंजाब में चुनाव आचार संहिता लागू नहीं हुई है और उम्मीदवारों के नाम का एलान भी नहीं हुआ है।
विज्ञापन
विज्ञापन
जैसे ही उम्मीदवारों का एलान होगा और वह अपने प्रचार के दौरान अगर मतदाताओं को कोई भी सुविधा मुफ्त में देने की घोषणा करेंगे तो इस संबंध में सारा खर्च उम्मीदवार के चुनाव खर्च में जोड़ दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मतदाताओं को किसी भी तरह का प्रलोभन और मुफ्त में सुविधाएं देने का एलान चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा वोटर कार्ड को आधार कार्ड से लिंक किए जाने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने के बारे में पूछे गए सवाल पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से इसे कानून बना दिए जाने के बाद पंजाब में से लागू करने की प्रक्रिया पर विचार किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि इस संबंध में प्रस्ताव भारतीय चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार को भेजा था, जिस पर बुधवार को संसद में मंजूरी दे दी गई।