एचएसएससी पेपर लीक के आरोपी समेत तीन एक करोड़ की पुरानी करेंसी के साथ गिरफ्तार

सेक्टर-40/41 डिवाइडिंग रोड के पास से एचएसएससी पेपर लीक के आरोपी अमृत पाल समेत तीन लोगों को पुलिस ने एक करोड़ की पुरानी करेंसी, 32 बोर की पिस्टल और दो कमानीदार चाकू के साथ गिरफ्तार किया है। आरोपियों को उस वक्त दबोचा गया जब तीनों एसेंट कार में सवार होकर मोहाली से पीयू की ओर आ रहे थे। आरोपियों की पहचान करनाल के नीलूखेड़ी निवासी अमृतपाल (36), जालंधर फिल्लौर के गांव अट्टा निवासी मनजिंदर सिंह (44) और गांव कुलारा शिवनाथ शाह (30) के रूप में हुई है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आर्म्स एक्ट समेत अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। रविवार को पुलिस ने सभी आरोपियों को ड्यूटी मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश कर उनका तीन-तीन दिन का पुलिस रिमांड हासिल किया है।

स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर सेक्टर-39 थाना प्रभारी अमनजोत सिंह की अगुवाई में शनिवार रात करीब 11 बजे सब इंस्पेक्टर गुरजीवन सिंह टीम के साथ टीम चेकिंग कर रही थी। इस दौरान गुरजीवन को गुप्त सूचना मिली कि एसेंट कार नंबर (एचआर 49ई 4621) में तीन युवक हथियार और पुरानी करेंसी लेकर मोहाली से पीयू की ओर आ रहे हैं। सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने सेक्टर-40/41 डिवाइडिंग रोड के पास नाकेबंदी की। देर रात करीब 12 बजे कार नाके से गुजरी तो पुलिस टीम ने रुकवा लिया। टीम को देखते ही चालक कार को पीछे करने लगा, लेकिन पुलिस टीम की मुस्तैदी की वजह से बैरिकेड्स लगाकर कार को रोक लिया। पुलिस तलाशी के दौरान कार सवार आनाकानी शुरू कर दी। इसके बाद पुलिस ने कार सवार अमृतपाल, मनजिंदर सिंह और शिवनाथ शाह को मौके से गिरफ्तार किया। कार में तलाशी के दौरान उनके पास 32 बोर की पिस्टल और दो कमानीदार चाकू और एक करोड़ रुपये की पुरानी करेंसी बरामद हुई।
एचएसएससी पेपर लीक में एक आरोपी का नाम
पुलिस की प्राथमिक जांच में सामने आया कि आरोपी अमृत पाल का नाम एचएसएससी पेपर लीक मामले में भी है, जो चंडीगढ़ के सेक्टर-3 पुलिस स्टेशन में रजिस्टर्ड है। अमृतपाल ने एमबीए की हुई है। उसका एक बेटा व बेटी है। जबकि आरोपी मनजिंदर सिंह बारहवीं कक्षा तक पढ़ा हुआ है और सोलर सिस्टम मेकर का काम करता है। वहीं शिवनाथ सातवीं तक पढ़ा है और वह आटा चक्की का काम करता है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है।
नोटबंदी के दौरान करेंसी बदलवाने का झांसा
पुलिस अनुसार नंवबर वर्ष 2016 में नोटबंदी के दौरान आरोपी जरूरतमंद लोगों से मनी एक्सचेंज कराने के बदले उनसे बड़ी रकम ले लेते थे और फिर वहां से फरार हो जाते। उस समय सख्ती हो जाने की वजह से आरोपियों ने यह रुपये संभाल कर रखे थे। अब यह रुपये किसी से बदलवाने थे। इसके लिए उनकी डील हुई थी। पुलिस पता कर रही है कि आखिरकार वह किसके पास से यह पैसें बदलवाने के लिए जा रहे थे। बंद हुई पुरानी करेंसी के बारे में पूछा गया तो तीनों आरोपी गोलमोल जवाब देने लगे। पुलिस आरोपियों से पता कर रही है कि वे एक करोड़ की पुरानी करेंसी किससे बदलवाने जा रहे थे।