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चीनी एप पर प्रतिबंध सही, अब ऐसा ही कोई भारतीय एप भी आए

Panchkula bureau पंचकुला ब्‍यूरो
Updated Tue, 30 Jun 2020 01:54 AM IST
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Ban on Chinese app is right, now any such Indian app will also come
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चंडीगढ़। चीनी एप को बंद किए जाने के भारत सरकार के फैसले पर चंडीगढ़ के युवाओं ने सहमति जताई है। साथ ही कुछ ऐसे एप विकसित करने की मांग की है, जो चीन का मुकाबला कर सके। युवा कहते हैं कि सबकुछ बाद में। पहले देश है। बार्डर पर चीन जो कर रहा है, उसे सबक सिखाने की जरूरत है। हालांकि कुछ युवाओं का यह भी कहना है कि भारत सरकार को दूसरे चीनी सामान पर भी रोक लगानी चाहिए।
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अन्य सामानों पर भी लगाना चाहिए प्रतिबंध
समाजसेवी उपेंद्र मौर्य ने कहा कि चीन के मोबाइल एप ने लोगों की जिंदगी पर कब्जा कर लिया है। इससे लोग तनाव में हैं और कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। चीन भारत से ही पैसे कमाता है और बार्डर पर आंख दिखाता है। दोनों चीजें एक साथ नहीं हो सकतीं। सरकार को अब बाकी चीन के सामानों पर भी प्रतिबंध लगाना चाहिए।
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सरकार का अच्छा कदम
बुड़ैल के प्रदीप कुमार वर्मा ने कहा कि कोरोना संकट में लोग मदद करने के साथ टिकटॉक से वीडियो बना रहे थे। बाद में उस वीडियो को खूब शेयर कर रहे थे, जोे ठीक नहीं था। सरकार का यह कदम पूरी तरह से ठीक है। इसमें सहयोग करना चाहिए।
बच्चे अश्लील कंटेंट से दूर रहेंगे
इनसो नेता अमन मलिक ने बताया कि चीनी एप पर बैन सरकार का सराहनीय कदम है। चीन इन एप की मदद से लोगों का पर्सनल डाटा आसानी से चुरा सकता है, जो कि भारतीयों की सुरक्षा के लिहाज से खतरा है। टिकटॉक जैसे एप पर पाबंदी से बच्चों को अश्लील कंटेंट से दूर रखने में आसानी होगी।
अब भारतीय एप को प्रोत्साहित करना चाहिए
एनएसयूआई पीयू नेता निखिल नरमेटा का कहना है कि सराहनीय कदम है। टिकटॉक पर बच्चों को अश्लील कंटेंट आसानी से उपलब्ध हो रहा था। अब सरकार को इन मोबाइल एप की जगह भारतीय एप को प्रोत्साहित करना चाहिए। ताकि लोगों का रोजगार न खत्म हो।
अपनी एनर्जी अब किसी दूसरे काम पर लगा पाएंगे
टिकटॉक यूजर गगन जायसवाल ने कहा कि वह पिछले कई सालों से टिकटॉक का इस्तेमाल कर रहे थे। अब इन पर रोक लगने से किसी दूसरे काम पर ध्यान लगा पाऊंगा। टिकटॉक की वजह से कितने लोग दिनभर इसी एप में लगे होते थे। यह सही समय है। सरकार को अब चीन के सभी प्रोडक्ट को बैन कर देना चाहिए।
अब सरकार भारतीय एप बनाए
सेक्टर 29 के गुरु विवेक ने कहा कि भारत सरकार को कई साल पहले चीनी एप पर रोक लगा देनी चाहिए थी। मगर सरकार ने काफी देर कर दी। सरकार को चाहिए अब भारतीय एप भी बनाए, ताकि युवा दूसरे देशों के एप पर निर्भर न हों। इस एप के माध्यम से कई लोग अपना कैरियर बना चुके हैं।
युवाओं को पीछे धकेल रहा था एप
एनएसयूआई के सोशल मीडिया के नेशनल को-आर्डिनेटर व पीयू स्टूडेंट्स अनुज सिंह ने कहा कि चीन शुरू से ही दगाबाज है। हमेशा दूसरे देशों की सीमा पर तनातनी का माहौल पैदा करता है। कोरोना से लोगों का ध्यान हटाने के लिए सीमा विवाद कर रहा है। इस समय जो निर्णय सरकार ने लिया है, वह ठीक है। यह बहुत पहले ही बंद हो जाने चाहिए थे। ये एप युवाओं को पीछे धकेलने का काम कर रहे थे।
पूरे दिन युवा एप में लगे रहते थे
पीयू स्टूडेंट्स आशीष पाल ने कहा कि चीन ऐसे ऐसे एप चला रहा था, जिसके जाल में भारतीय युवा फंसते जा रहे थे। पूरे दिन युवा एप में लगे रहते थे। इस वजह से वे दूसरे काम नहीं कर पा रहे थे। भारत का कदम सराहनीय है। इससे युवाओं का समय बचेगा और अपनी एनर्जी का सही इस्तेमाल कर पाएंगे।
ज्यादातर लोगों के हाथ में चीन के मोबाइल
प्राइवेट नौकरी पेशा जफर खान ने बताया कि चीन के एप को बैन करने का फायदा, तब होगा जब सरकार इसके बदले में कुछ मेड इन इंडिया एप भारत के लोगों को देगी। सभी भारतीय चीनी एप निर्भर हैं और अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में उपयोग कर रहे हैं। एपल फोन भी चीन में असेंबल होता है। ऐसे में वहां की सभी चीजों का बहिष्कार नहीं किया जा सकता।
सरकार को चाहिए खुद का बनाए ऐसा एप
टिकटॉक यूजर कोमल, सपना, नीलिमा, प्रिया ने बताया कि टिकटॉक पर भारत के करोड़ों दीवाने हैं। इस एप से मनोरंजन ही नहीं बल्कि कई युवाओं ने कैरियर भी बनाया है। साल 2019 से टिकटॉक पर लगातार सहेलियों के साथ मिलकर वीडियो बना रहे थे। अचानक से बंद होने से कुछ परेशानी तो आएगी, मगर सरकार को चाहिए कि वे कुछ ऐसे एप बनाए, जिस पर टिकटॉक यूजर शिफ्ट हो सकें।
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