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Jalandhar: दोहरी नागरिकता केस में पूर्व कांग्रेसी मंत्री अवतार हैनरी बरी, 15 साल बाद कोर्ट से मिली राहत
संवाद न्यूज एजेंसी, जालंधर (पंजाब)
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Fri, 16 Feb 2024 01:47 PM IST
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सार
पिछली बार चुनाव में दोहरी नागरिकता के विवाद में फंसने के बाद अवतार हैनरी का नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया गया था, लेकिन अब वह चुनाव लड़ सकेंगे। इसी के चलते उनके बेटे बावा हैनरी ने चुनाव लड़ा था।

अवतार हैनरी
- फोटो : फाइल
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विस्तार
15 साल पुराने दोहरी नागरिकता मामले में पंजाब के पूर्व मंत्री और कांग्रेसी नेता अवतार हैनरी को शुक्रवार को कोर्ट ने बरी कर दिया। उनके खिलाफ भारतीय और विदेशी पासपोर्ट लेकर चुनाव लड़ने का केस चल रहा था।
सीजेएम एनआरआई गगनदीप सिंह गर्ग की कोर्ट में हैनरी पर आरोप साबित नहीं हो पाए। इसके बाद कोर्ट ने उनको बरी करने का आदेश दिया।
पिछली बार चुनाव में दोहरी नागरिकता के विवाद में फंसने के बाद हैनरी का नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया गया था, लेकिन अब वह चुनाव लड़ सकेंगे। इसी के चलते उनके बेटे बावा हैनरी ने चुनाव लड़ा था। गुरजीत सिंह संघेरा ने कोर्ट में बयान दर्ज कराया था कि उनके पिता अवतार हैनरी ने उनकी मां को तलाक दिए बिना दूसरी शादी की थी। उन्होंने बताया कि उनके पिता 1962 में यूके गए थे। वहां उन्होंने 1965 में सुरिंदर कौर (अब दिवंगत) से शादी की। उनका जन्म 3 फरवरी 1966 को हुआ था और उनके पिता ने 10 जनवरी 1968 को ब्रिटेन की नागरिकता ली थी। इसके बाद वहां मेडिकल कार्ड बनवाया गया और 1968 में ही यह ब्रिटिश पासपोर्ट बन गया था। 1969 में उनके पिता भारत आए और सुरिंदर कौर को तलाक दिए बिना हरिंदर कौर से दूसरी शादी कर ली। 1997 में वह विधायक थे और अपने मेडिकल कार्ड को रिन्यू कराने के लिए यूके भी गए थे।

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पिछली बार चुनाव में दोहरी नागरिकता के विवाद में फंसने के बाद हैनरी का नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया गया था, लेकिन अब वह चुनाव लड़ सकेंगे। इसी के चलते उनके बेटे बावा हैनरी ने चुनाव लड़ा था। गुरजीत सिंह संघेरा ने कोर्ट में बयान दर्ज कराया था कि उनके पिता अवतार हैनरी ने उनकी मां को तलाक दिए बिना दूसरी शादी की थी। उन्होंने बताया कि उनके पिता 1962 में यूके गए थे। वहां उन्होंने 1965 में सुरिंदर कौर (अब दिवंगत) से शादी की। उनका जन्म 3 फरवरी 1966 को हुआ था और उनके पिता ने 10 जनवरी 1968 को ब्रिटेन की नागरिकता ली थी। इसके बाद वहां मेडिकल कार्ड बनवाया गया और 1968 में ही यह ब्रिटिश पासपोर्ट बन गया था। 1969 में उनके पिता भारत आए और सुरिंदर कौर को तलाक दिए बिना हरिंदर कौर से दूसरी शादी कर ली। 1997 में वह विधायक थे और अपने मेडिकल कार्ड को रिन्यू कराने के लिए यूके भी गए थे।
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