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पंजाब में बाढ़: भाखड़ा-पौंग डैम से छोड़े पानी से रोपड़-होशियारपुर में बिगड़े हालात, सेना ने संभाला मोर्चा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Wed, 16 Aug 2023 12:31 PM IST
सार
पौंग बांध से अधिक मात्रा में पानी छोड़ने से पहली बार बेला लुधियाड, बेला ठाकरान, बेली जट्टां में बाढ़ आ गई है। यहां करीब 80 लोग फंसे हैं। प्रशासन मौके पर है। पंजाब सरकार की तरफ से एनडीआरएफ बठिंडा और हिमाचल सरकार की तरफ से एनडीआरएफ नूरपुर की टीमें देर रात से ही पानी मे फंसे लोगों को निकालने में जुटी रही।
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होशियारपुर से लोगों को किया गया एयरलिफ्ट।
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी।
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विस्तार
हिमाचल प्रदेश में हो रही लगातार बारिश के कारण पंजाब में बाढ़ आ गई है। सेना ने मोर्चा संभाल लिया है। भांगड़ा बांध से पानी छोड़ने के कारण नंगल और श्री आनंदपुर साहिब के कई गांवों में पानी भर गया है। भाखड़ा डैम का आज का जलस्तर 1677.70 फीट पर है।
भाखडा से छोड़े गए पानी के कारण कई गांवों में पानी भर गया, लोगों को अपना सामान उठाने का समय तक नहीं मिला। हालात को देखते हुए प्रशासन ने एनडीआरएफ की टीमों को बुला कर लोगों को घरों से निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम शुरू कर दिया है। वहीं गांव हरसा बेला में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए हेलीकॉप्टर की मांग की गई है।
यह भी पढ़ें: शरीर से निकला 750 ग्राम सोना!: अमृतसर के एयरपोर्ट पर पकड़ा गया यात्री, ऐसी जगह छिपाकर लाया कि सब हो गए हैरान
प्रशासन की तरफ से रिलीफ कैंप बनाए गए हैं और लोगों को इन कैंपों में जाने की अपील की जा रही है। गांव सेसोवाल, चंदपुर, जिंदवडी, बुर्ज, हरीवाल, महेंदली कला, शाहपुर बेला, बलोवाल, गजपुर तथा हरिपुर में पानी ने बड़े स्तर पर नुकसान किया है। कई गांवों का श्री आनंदपुर साहिब से सड़क के जरिए संपर्क भी टूट गया है।
पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह बैंस भी प्रभावित इलाकों में गए और राहत कार्य तेज करने के आदेश दिए। बैंस ने कहा कि लोगों की हर तरह से सहायता करने के लिए सरकार द्वारा काम किए जा रहे हैं। भाखड़ा डैम से अब और पानी नहीं छोड़ा जाएगा।
होशियारपुर के कई गांवों में भरा पानी
पौंग बांध से पानी छोड़े जाने के बाद ब्यास दरिया उफान पर है। इसी के चलते होशियारपुर के हाजीपुर मुकेरियां इलाके के कुछ गांवों में पानी भर गया है। प्रभावित इलाके के गांव बस्सी बेट सहित विभिन्न गांवों में राहत और बचाव कार्य तेजी से चलाया जा रहा है। एनडीआरएफ की टीम के पहुंचने की भी सूचना है। मुकेरियां-गुरदासपुर सड़क पर पानी की तेज बहाव के कारण आवाजाही बंद कर दी गई है।
यह भी पढ़ें: बरनाला में दोहरा हत्याकांड: घर में मिली मां-बेटी की लाशें, मृतका का पति घायल, देर रात घर में घुसे हत्यारे
तलवाड़ा में ब्यास नदी का जलस्तर बहुत तेजी से बढ़ रहा था जिसके परिणामस्वरूप पंडोह और पौंग डैम से बड़ी मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है। पौंग के बहाव क्षेत्र (डाउनस्ट्रीम एरिया) के साथ लगती पंचायतों के लोगों से अपील की गई कि वे दरिया के नजदीक न जाएं। पौंग के बहाव क्षेत्र के पास यदि कोई व्यक्ति या मवेशी हैं तो उन्हें तुरंत सुरक्षित स्थान पर ले जाएं। विशेषकर जयसिंहपुर, ज्वालाजी, देहरा, फतेहपुर, इंदौरा और जवाली क्षेत्र के लोग बहाव क्षेत्र से दूरी बनाकर रखें और किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में प्रशासन से सीधा संपर्क करें।
मदद को आगे आई सेना
पौंग बांध से अधिक मात्रा में पानी छोड़ने से पहली बार बेला लुधियाड, बेला ठाकरान, बेली जट्टां में बाढ़ आ गई है। यहां करीब 80 लोग फंसे हैं। प्रशासन मौके पर है। पंजाब सरकार की तरफ से एनडीआरएफ बठिंडा और हिमाचल सरकार की तरफ से एनडीआरएफ नूरपुर की टीमें देर रात से ही पानी मे फंसे लोगों को निकालने में जुटी रही। इस बीच सेना के जवानों ने पीड़ितों की मदद के लिए मोर्चा संभाल लिया है। हिमाचल के इलाके में पानी बेला लुधियाड़, अनाज मंडी पुल के ऊपर से गुजर रहा है। ये पुल कभी भी गिर सकता है।
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भाखडा से छोड़े गए पानी के कारण कई गांवों में पानी भर गया, लोगों को अपना सामान उठाने का समय तक नहीं मिला। हालात को देखते हुए प्रशासन ने एनडीआरएफ की टीमों को बुला कर लोगों को घरों से निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम शुरू कर दिया है। वहीं गांव हरसा बेला में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए हेलीकॉप्टर की मांग की गई है।
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प्रशासन की तरफ से रिलीफ कैंप बनाए गए हैं और लोगों को इन कैंपों में जाने की अपील की जा रही है। गांव सेसोवाल, चंदपुर, जिंदवडी, बुर्ज, हरीवाल, महेंदली कला, शाहपुर बेला, बलोवाल, गजपुर तथा हरिपुर में पानी ने बड़े स्तर पर नुकसान किया है। कई गांवों का श्री आनंदपुर साहिब से सड़क के जरिए संपर्क भी टूट गया है।
पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह बैंस भी प्रभावित इलाकों में गए और राहत कार्य तेज करने के आदेश दिए। बैंस ने कहा कि लोगों की हर तरह से सहायता करने के लिए सरकार द्वारा काम किए जा रहे हैं। भाखड़ा डैम से अब और पानी नहीं छोड़ा जाएगा।
होशियारपुर के कई गांवों में भरा पानी
पौंग बांध से पानी छोड़े जाने के बाद ब्यास दरिया उफान पर है। इसी के चलते होशियारपुर के हाजीपुर मुकेरियां इलाके के कुछ गांवों में पानी भर गया है। प्रभावित इलाके के गांव बस्सी बेट सहित विभिन्न गांवों में राहत और बचाव कार्य तेजी से चलाया जा रहा है। एनडीआरएफ की टीम के पहुंचने की भी सूचना है। मुकेरियां-गुरदासपुर सड़क पर पानी की तेज बहाव के कारण आवाजाही बंद कर दी गई है।
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तलवाड़ा में ब्यास नदी का जलस्तर बहुत तेजी से बढ़ रहा था जिसके परिणामस्वरूप पंडोह और पौंग डैम से बड़ी मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है। पौंग के बहाव क्षेत्र (डाउनस्ट्रीम एरिया) के साथ लगती पंचायतों के लोगों से अपील की गई कि वे दरिया के नजदीक न जाएं। पौंग के बहाव क्षेत्र के पास यदि कोई व्यक्ति या मवेशी हैं तो उन्हें तुरंत सुरक्षित स्थान पर ले जाएं। विशेषकर जयसिंहपुर, ज्वालाजी, देहरा, फतेहपुर, इंदौरा और जवाली क्षेत्र के लोग बहाव क्षेत्र से दूरी बनाकर रखें और किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में प्रशासन से सीधा संपर्क करें।
मदद को आगे आई सेना
पौंग बांध से अधिक मात्रा में पानी छोड़ने से पहली बार बेला लुधियाड, बेला ठाकरान, बेली जट्टां में बाढ़ आ गई है। यहां करीब 80 लोग फंसे हैं। प्रशासन मौके पर है। पंजाब सरकार की तरफ से एनडीआरएफ बठिंडा और हिमाचल सरकार की तरफ से एनडीआरएफ नूरपुर की टीमें देर रात से ही पानी मे फंसे लोगों को निकालने में जुटी रही। इस बीच सेना के जवानों ने पीड़ितों की मदद के लिए मोर्चा संभाल लिया है। हिमाचल के इलाके में पानी बेला लुधियाड़, अनाज मंडी पुल के ऊपर से गुजर रहा है। ये पुल कभी भी गिर सकता है।
गुरदासपुर में धुस्सी बांध को दो जगह पहुंची क्षति, एनडीआरएफ तैनात
पौंग डैम से पानी छोड़े जाने के बाद दरिया ब्यास में जलस्तर बढ़ने के कारण धुस्सी बांध को दो जगह पर क्षति पहुंची है। इसके चलते पानी दरिया के पास स्थित गांवों में घरों तक जा पहुंचा है। उधर, स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने राहत कार्यों के लिए इलाके में एनडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी हैं, जिन्होंने बचाव कार्य शुरू कर दिया है।
हिमाचल प्रदेश में भारी वर्षा के कारण पौंग डैम से रविवार को 1.40 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। ब्यास दरिया में जलस्तर बढ़ने के कारण गांव जगतपुर टांडा व भैणी पसवाल में धुस्सी बांध टूट गया है। इसके चलते निचले इलाकों में पानी भरना शुरू हो गया है।
ये गांव आए चपेट में
धुस्सी बांध में दरार के कारण गांव चेचियां छोड़ियां, पक्खोवाल, दाउवाल, खबहरा, दलेरपुर, पदाना, छीना बेट, नडाला, जगतपुर कलां, कोहलियां और खरियान बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। रविवार देर रात एनडीआरएफ की टीमें पहुंच गई थीं, जिन्होंने सुबह से ही राहत कार्य शुरू कर दिया है। गुरदासपुर-मुकेरियां रोड पर भी पानी आने के कारण पुल को बंद कर ट्रैफिक को डायवर्ट कर दिया गया है।
डीसी डा. हिमांशु अग्रवाल ने बताया कि पौंग डैम से पानी छोड़ने में कमी आई है, जिसके चलते जल्द ही ब्यास दरिया में जलस्तर कम हो जाएगा। उन्होंने बताया कि पुराना शाला के सरकारी स्कूल में राहत कैंप स्थापित कर दिया गया है। मेडिकल, वेटरिनरी विभाग सहित अन्य टीमों की तैनाती कर दी गई है। जिला प्रशासन ने प्रभावित गांवों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है।
हेल्पलाइन नंबर जारी
डीसी ने कहा कि जिला प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है। किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। आवश्यकता पड़ने पर हेल्पलाइन नंबर 1800-180-1852 पर संपर्क किया जा सकता है। उधर, एसएसपी दयामा हरीश कुमार ओम प्रकाश भी पुलिस बल के साथ मौके का निरीक्षण कर रहे हैं। एसएसपी के नेतृत्व में लगातार रेस्क्यू आपरेशन चलाया जा रहा है। पुलिस ने भी लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने और दरिया के किनारों से दूर रहने की अपील की है।
पौंग डैम से पानी छोड़े जाने के बाद दरिया ब्यास में जलस्तर बढ़ने के कारण धुस्सी बांध को दो जगह पर क्षति पहुंची है। इसके चलते पानी दरिया के पास स्थित गांवों में घरों तक जा पहुंचा है। उधर, स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने राहत कार्यों के लिए इलाके में एनडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी हैं, जिन्होंने बचाव कार्य शुरू कर दिया है।
हिमाचल प्रदेश में भारी वर्षा के कारण पौंग डैम से रविवार को 1.40 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। ब्यास दरिया में जलस्तर बढ़ने के कारण गांव जगतपुर टांडा व भैणी पसवाल में धुस्सी बांध टूट गया है। इसके चलते निचले इलाकों में पानी भरना शुरू हो गया है।
ये गांव आए चपेट में
धुस्सी बांध में दरार के कारण गांव चेचियां छोड़ियां, पक्खोवाल, दाउवाल, खबहरा, दलेरपुर, पदाना, छीना बेट, नडाला, जगतपुर कलां, कोहलियां और खरियान बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। रविवार देर रात एनडीआरएफ की टीमें पहुंच गई थीं, जिन्होंने सुबह से ही राहत कार्य शुरू कर दिया है। गुरदासपुर-मुकेरियां रोड पर भी पानी आने के कारण पुल को बंद कर ट्रैफिक को डायवर्ट कर दिया गया है।
डीसी डा. हिमांशु अग्रवाल ने बताया कि पौंग डैम से पानी छोड़ने में कमी आई है, जिसके चलते जल्द ही ब्यास दरिया में जलस्तर कम हो जाएगा। उन्होंने बताया कि पुराना शाला के सरकारी स्कूल में राहत कैंप स्थापित कर दिया गया है। मेडिकल, वेटरिनरी विभाग सहित अन्य टीमों की तैनाती कर दी गई है। जिला प्रशासन ने प्रभावित गांवों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है।
हेल्पलाइन नंबर जारी
डीसी ने कहा कि जिला प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है। किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। आवश्यकता पड़ने पर हेल्पलाइन नंबर 1800-180-1852 पर संपर्क किया जा सकता है। उधर, एसएसपी दयामा हरीश कुमार ओम प्रकाश भी पुलिस बल के साथ मौके का निरीक्षण कर रहे हैं। एसएसपी के नेतृत्व में लगातार रेस्क्यू आपरेशन चलाया जा रहा है। पुलिस ने भी लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने और दरिया के किनारों से दूर रहने की अपील की है।