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श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार बोले- पंजाबी और सिख सभ्याचार में बहुत अंतर

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, अमृतसर ( पंजाब) Published by: ajay kumar Updated Tue, 21 Jan 2020 12:13 AM IST
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Giani Harpreet Singh says, A lot of difference between Punjabi and Sikh culture
श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह - फोटो : ANI

श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि हम पंजाबी भी हैं, सिख भी हैं। पंजाबी सभ्याचार का सम्मान है लेकिन सिख सभ्याचार और पंजाबी सभ्याचार के बीच बहुत बड़ा अंतर है। जिन सिख युवकों पर श्री हरमंदिर साहिब को जाने वाली हेरिटेज स्ट्रीट पर लगे बुतों को तोड़ने के आरोप में 307 का पर्चा दर्ज किया गया है, उसे रद्द किया जाना चाहिए।

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इस मामले पर अभी तक चुप्पी साधे ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सचखंड श्री हरमंदिर साहिब की तरफ जाने वाले रास्तों में सिख भावनाओं को दर्शाने वाली वस्तुएं ही स्थापित की जानी चाहिए थी। इन युवकों ने भावुक होकर यह कदम उठाया है। जिस स्थान पर बुत स्थापित किए गए हैं, वहां सिख सभ्याचार की पेशकारी होनी चाहिए थी, न कि पंजाबी सभ्याचार को दिखाने वाले बुतों की। पंजाबी सभ्याचार तो पंजाब में रहने वाले सभी धर्मों के लोगों का साझा है लेकिन सिख विरासत और संस्कृति पर सिखों का अधिकार है। श्री हरमंदिर साहिब सिखों का केंद्र है। इस कारण वहां के रास्ते में इस प्रकार के बुत स्थापित नहीं किए जाने चाहिए थे। 
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सिख प्रचारकों का विवाद सुलझाएगा श्री अकाल तख्त साहिब 
ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस प्रचारक श्रेणी को सिख मानसिकता के भीतर गुरमत का ज्ञान व गुरमत के प्रति श्रद्धा भाव भरना है, वही आपस में जुबानी जंग में उलझे हुए हैं। यह ठीक नहीं है। श्री अकाल तख्त साहिब जल्द इन सभी प्रचारकों से संवाद करने का प्रयास करेगा। इनके आपसी विवाद को भी सुलझाया जाएगा। 

एक सवाल के जवाब में ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि रंजीत सिंह ढढरियांवाले के विरुद्ध जांच के लिए गठित कमेटी अपना काम कर रही है। इस कमेटी ने ढढरियांवाले को उन पर लगे आरोपों का स्पष्टीकरण देने के लिए गुरुद्वारा दुख निवारण साहिब में आने को कहा था ताकि स्थिति स्पष्ट हो सके। उन्हें अपना पक्ष पांच सदस्यीय कमेटी के समक्ष रखना चाहिए।

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