पंजाब कांग्रेस में नया बवाल: अब सिद्धू के खिलाफ उतरीं सोनू सूद की बहन, लिखित शिकायत भेजी, कार्रवाई की मांग
पंजाब कांग्रेस में खींचतान खत्म नहीं हो रही है। प्रताप सिंह बाजवा और राजा वड़िंग के बाद मालविका सूद सच्चर ने नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने सिद्धू की मोगा रैली से दूरी बना ली है। इसके अलावा उन्होंने पार्टी के प्रदेश नेतृत्व से लिखित में सिद्धू के खिलाफ शिकायत की है।
विस्तार
लोकसभा चुनाव नजदीक हैं और इस बीच पंजाब कांग्रेस में अंतर्कलह थमती नहीं दिख रही है। पार्टी में विरोध के बावजूद नवजोत सिंह सिद्धू रविवार को मोगा में एक रैली करेंगे। अब सिद्धू के खिलाफ मोगा विधानसभा सीट की कांग्रेस प्रभारी मालविका सूद सच्चर उतर आई हैं। मालविका सूद सच्चर अभिनेता सोनू सूद की बहन हैं।
मालविका ने पंजाब कांग्रेस प्रभारी योगेंद्र यादव, नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग को सिद्धू के खिलाफ लिखित शिकायत भेजी है। इसमें मालविका ने सिद्धू पर पार्टी का अनुशासन भंग करने का आरोप लगाया। उन्होंने कार्रवाई की मांग की है। इतना ही नहीं मालविका ने बैठक कर सभी कार्यकर्ताओं को सिद्धू की रैली में न जाने का निर्देश भी दिया है।
अमर उजाला से बातचीत में मालविका ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू की रविवार को होने वाली रैली के बारे में उन्हें बतौर विधानसभा प्रभारी पंजाब की लीडरशिप से कोई संदेश नहीं मिला है। ऐसे में इसे कांग्रेस की रैली कैसे कहा जा सकता है? विधानसभा क्षेत्र के सभी कांग्रेसी कार्यकर्ता असमंजस की स्थिति में हैं।
सिद्धू ने भी उन्हें इस रैली का कोई निमंत्रण नहीं भेजा है। मालविका ने बताया कि 'जीतेगा पंजाब जीतेगी कांग्रेस' नारे के साथ छपे रैली के कुछ बैनरों में उनकी व राजा वड़िंग की फोटो लगी है। इसका उन्होंने सिद्धू के पास विरोध दर्ज कराया कि अनुमति के बगैर उनकी फोटो क्यों इस्तेमाल की गई है? इसके बाद उनकी फोटो को हटा दिया गया है। मालविका ने कहा कि जो व्यक्ति रैली को आयोजित कर रहा है और अपनी फोटो वाले निमंत्रण भेज रहा है, उसका मोगा हलके से कोई संबंध नहीं है। यह व्यक्ति निहाल सिंह वाला से है।
उधर, सिद्धू के नजदीकी मनसिमरत सिंह शैरी रियाड का कहना है कि सिद्धू आने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी की मजबूती के लिए मोगा में रैली कर रहे हैं। इस रैली से अगर कांग्रेस के कुछ नेताओं में असुरक्षा की भावना पैदा होती है तो फिर इसमें सिद्धू की कोई गलती नहीं है। किसी के विरोध करने से कुछ नहीं होगा। रैली तय समय पर ही होगी।