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उद्यमी बोले इंस्पेक्टर राज से मुक्ति और सिंगल विंडो सिस्टम मिले
ब्यूरो/अमर उजाला, पानीपत
Updated Fri, 29 Jan 2016 12:38 PM IST
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टेक्सटाइल नगरी पानीपत के उद्यमी इंस्पेक्टर राज और भ्रष्टाचार से मुक्ति, समस्याओं के समाधान को सिंगल विंडो सिस्टम, उद्योगों को आधारभूत सुविधाएं चाहते हैं। अमर उजाला कॉनक्लेव - 2016 के तहत वीरवार को टैक्सटाइल उद्यमी और एसोसिएशन के पदाधिकारी, फूड इंडस्ट्री के प्रतिनिधि स्काई लार्क रिसॉर्ट में एक छत के नीचे बैठे और उद्योगों के सामने आने वाली समस्याओं पर खुलकर बोले।

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उद्यमियों ने पानीपत के टैक्सटाइल उद्योग की अनदेखी के उदाहरण देते हुए साफ किया मेक इन इंडिया और मेड इन इंडिया का नारा मेक इन पानीपत के बिना पूरा नहीं हो सकता। पानीपत में सड़कों की बदहाली, सफाई व्यवस्था के बुरे हाल, श्रमिक के लिए सुविधाओं के अभाव और सरकारी मशीनरी द्वारा उद्यमियों के शोषण पर रोशनी डालते हुए कहा कि इस कारण टैक्सटाइल उद्योग आज दम तोड़ रहा है। कई उद्योग बंद हो चुके हैं और कई बंद होने की कगार पर हैं। उन्होंने जोर देकर यह बात कही कि बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं और सिंगल विंडो सिस्टम को ईमानदारी से लागू किये बिना उद्योगों का भला नहीं होना है।
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इंफ्रास्ट्रेक्चर नहीं, कैसे पनपेंगे उद्योग
पानीपत से हर साल दो से तीन हजार करोड़ का एक्सपोर्ट होता है और यहां के उद्यमी सबसे अधिक लोगों को रोजगार देते हैं लेकिन सरकार पानीपत के उद्योगों को बढ़ावा देने की तरफ ध्यान नहीं दे रही। यहां के इंफ्रास्ट्रेक्चर को देखकर विदेशी बायर्स पानीपत में आना पसंद नहीं करते और उद्यमी भी इससे कतराने लगे हैं। वे सैंपल भी दिल्ली ही मंगाते हैं। सरकारी विभाग सुविधा देने की बजाय इंडस्ट्री पर दबाव बनाते हैं। आज उद्योग लगाना आसान है, लेकिन उसको चला पाना बहुत ही मुश्किल है। उद्योगों को सुविधा मिलने के साथ बायर्स के लिए भी व्यवस्था होनी चाहिए। प्रशासनिक मशीनरी को जवाबदेह बनाया जाना चाहिए।
- रामनिवास गुप्ता, पूर्व प्रधान, एक्सपोर्ट एसोसिएशन पानीपत
बिजली चोरी कोई और करे, हर्जाना भरते उद्योग
प्रदेश व देश में एग्रीकल्चर के बाद स्माल स्केल इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा लोग जुड़े हुए हैं, लेकिन सरकार का इस इंडस्ट्री की तरफ कोई ध्यान नहीं है। लोग बिजली चोरी करते हैं और इसका हर्जाना उद्योगपतियों को भुगतना पड़ता है। क्रूड ऑयल सस्ता हो गया है, लेकिन बिजली बिलों पर फ्यूज सरचार्ज लगातार लग रहा है। सरकार को मेक इन इंडिया को सफल बनाना है तो यहां के स्माल स्केल इंडस्ट्री को सुविधाएं देनी होंगी।
- यशपाल मलिक, चेयरमैन, स्माल स्केल इंडस्ट्री पानीपत
उद्योगों को भी मनरेगा से जोड़ दें तो दूर हो श्रमिकों की कमी
टैक्सटाइल पर पहले इनकम टैक्स में शत प्रतिशत छूट थी, लेकिन अब टैक्सों की मार पड़ रही है। उद्योगों में काम है, लेकिन श्रमिक नहीं हैं। पहले तीन लाख श्रमिक होते थे। इसके विपरीत आज मात्र तीन हजार श्रमिक रह गए हैं। हर उद्यमी का अपने दम पर अस्तित्व बनाए रखने का प्रयास कर रहा है। इसमें सरकार का कोई योगदान नहीं है। उद्यमियों ने खुद सड़कें बनवाई और तंग करने वालों को सलाखों के पीछे भिजवाया है। सरकार को हैंडलूम सेक्टर को बचाकर रखना होगा। उद्योगों को मनरेगा से जोड़कर श्रमिकों की कमी को पूरा करने के साथ अन्य सुविधाएं मिलनी चाहिए।
- रमेश वर्मा, प्रधान, हैंडलूम एक्सपोर्ट मैन्यूफेक्टचरर एसोसिएशन पानीपत