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रूसी सेना की वर्दी में पंजाबी युवक: 10 लाख कर्ज लेकर विदेश भेजा, वहां युद्ध में धकेला, परिवार को मोदी से आस

संवाद न्यूज एजेंसी, लुधियाना (पंजाब) Published by: अंकेश ठाकुर Updated Tue, 16 Sep 2025 06:12 PM IST
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सार

पंजाब के लुधियाना का युवक युक्रेन के साथ रूस के लिए जंग लड़ने को मजबूर है। रूसी सेना ने युवक को जंग के मैदान में धकेल दिया है। युवक का परिवार बेटे को लेकर चिंतित है। परिवार ने पीएम मोदी से बेटे की वतन वापसी की गुहार लगाई है। 

Ludhiana youth pushed into war by Russian army
पिता के साथ समरजीत। - फोटो : संवाद
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विस्तार
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लगभग दो महीने पहले पढ़ाई और नौकरी करने रूस गए लुधियाना के 21 वर्षीय नौजवान समरजीत सिंह अब युद्ध के मैदान में फंस गया है। परिवार का आरोप है कि बेटे को झूठे बहाने से रूसी सेना में भर्ती कर मोर्चे पर भेज दिया गया है। समरजीत के पिता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार से अपील की है कि उनके बेटे की हर हाल में सकुशल वापसी कराई जाए।

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हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें समरजीत सिंह समेत पंजाब, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के कई युवक दिखाई दे रहे हैं। सभी रूसी सेना की वर्दी में नजर आ रहे हैं और भारत सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि उन्हें युद्ध क्षेत्र से सुरक्षित बाहर निकाला जाए। वीडियो में नौजवानों ने कहा कि उन्हें धोखे से रूस बुलाकर युद्ध में झोंक दिया गया है। खाना-पानी तक पर्याप्त नहीं दिया जा रहा और उनकी हालत बेहद खराब है।
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वीडियो में नौजवानों ने भारत सरकार से लगाई गुहार
समरजीत सिंह के पिता चरनजीत सिंह जो मोहल्ला अमरपुरी, डाबा गांव (लुधियाना) में एक छोटी किराने की दुकान चलाते हैं, का कहना है कि उनका बेटा पढ़ाई और काम के लिए जुलाई में मॉस्को गया था। बेटे ने क्लास 12 के बाद एक्स-रे टेक्नीशियन का डिप्लोमा किया और लुधियाना के निजी अस्पतालों में नौकरी भी की। आगे पढ़ाई के लिए और बेहतर काम की तलाश में वह रूस गया। लेकिन वहां धोखे से उसे हथियार थमा दिए गए और सेना में भर्ती कर लिया गया।

नौकरी का झांसा देकर किया भर्ती
परिवार के मुताबिक समरजीत ने 15 दिन पहले फोन कर बताया था कि उसे डॉक्टर के सहायक के रूप में रूसी सेना में काम करना होगा। उसने हमें वीडियो कॉल पर यूनिफॉर्म पहने दिखाया। मैंने तुरंत उसे टोका और पढ़ाई पर ध्यान देने या घर लौट आने को कहा। पर उसने हमें आश्वस्त किया कि घबराने की बात नहीं है।पिता चरनजीत सिंह का कहना है कि अब पिछले एक हफ्ते से हमारा उससे कोई संपर्क नहीं हो पा रहा। फोन लगातार बंद आ रहा है। घर में मातम पसरा है।

दस लाख कर्ज लेकर भेजा था रूस
गरीब परिवार के लिए यह और बड़ा सदमा है, क्योंकि बेटे को पढ़ाई के लिए विदेश भेजने के लिए पिता ने दस लाख रुपये कर्ज लिए और जमीन तक गिरवी रख दी। हमने सोचा था कि बेटा पढ़-लिखकर परिवार का सहारा बनेगा। लेकिन अब उसकी जान खतरे में है। मेरी पत्नी और मां की हालत खराब है। पिता बोले कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाथ जोड़कर निवेदन करते हैं कि हमारे बेटे को हर हाल में घर वापस लाया जाए। वायरल वीडियो में समरजीत के साथ बुटा सिंह नाम का युवक भी नजर आ रहा है, जो पंजाब का ही रहने वाला है। उनका कहना है कि वे कुल नौ लोग हैं जिन्हें धोखे से युद्ध में उतार दिया गया है।

विदेश मंत्रालय ने दी चेतावनी
भारत के विदेश मंत्रालय का कहना है कि वह भारतीय नागरिकों को पहले ही कई बार चेतावनी दे चुका है कि रूस में किसी भी प्रकार की लुभावनी नौकरी के झांसे में न आएं। ऐसे फर्जी एजेंट युवाओं को धोखा देकर सेना में भर्ती करा रहे हैं। मंत्रालय ने कहा है कि रूस सरकार के साथ इस मुद्दे पर बातचीत चल रही है ताकि भारतीय युवाओं को युद्ध क्षेत्र से बाहर निकाला जा सके।

परिवार की उम्मीदें सरकार से जुड़ी
समरजीत के परिवार का कहना है कि अब उनकी आखिरी उम्मीद भारत सरकार ही है। हम जानते हैं कि हमारे बेटे की जिंदगी खतरे में है। हमें सिर्फ इतना भरोसा है कि अगर सरकार दखल देगी तो बेटे को घर लाया जा सकेगा।

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