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चंडीगढ़ में खेला जारी: एकदम से बदल गए हालात, जिस राह पर चली थी भाजपा, उसी पर आगे बढ़ा आप-कांग्रेस गठबंधन
रिशु राज सिंह, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Tue, 27 Feb 2024 10:53 AM IST
सार
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आप कांग्रेस के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को मेयर घोषित किया गया था। इसके बाद एससी ने डीसी ने 27 फरवरी को सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव कराने के आदेश दिए थे। इन चुनाव के लिए गठबंधन के पास बहुमत नहीं है। ऐसे में गठबंधन चाहता है कि भाजपा में गए आप के तीनों पार्षद वापस लाए जा सकें।
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चंडीगढ़ मेयर चुनाव विवाद
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
सत्ता परिवर्तन के साथ ही चंडीगढ़ की राजनीति 360 डिग्री घूम चुकी है। जिस राह पर कुछ दिनों पहले भाजपा थी, अब गठबंधन है। मंगलवार को चुनाव नहीं कराने के पीछे कुलदीप कुमार के निजी कारणों के साथ कई राजनीतिक कारण भी है। गठबंधन अपने हाथ से सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर की कुर्सी जाने नहीं देना चाहता, वो भी तब जब मेयर खुद का है। ऐसे में शहर की राजनीति आने वाले दिनों में कई करवट लेगी।
स्थितियां एक दम विपरीत हैं। पहले आम आदमी पार्टी व कांग्रेस तय समय पर चुनाव कराने के लिए हाईकोर्ट गई थी तो अब भाजपा चाहती है कि मंगलवार को ही सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव हों। पहले आप-कांग्रेस के पार्षद रिजॉर्ट में थे तो अब भाजपा अपने पार्षदों को मोरनी ले गई है। आप और कांग्रेस के नेता भली-भांति जानते हैं कि मंगलवार को अगर सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव होते हैं तो बहुमत नहीं होने की वजह से वह चुनाव हार जाएंगे।
वर्तमान में बहुमत भाजपा के पास है। आम आदमी पार्टी के तीन पार्षदों के भाजपा में जाने की वजह से सांसद किरण खेर को मिलाकर भाजपा के पास 18 वोट है। पिछली बार अकाली दल के पार्षद हरदीप सिंह ने भी भाजपा को ही वोट दिया था। ऐसे में भाजपा के पास कुल 19 वोट है। उधर, आम आदमी पार्टी के 10 और कांग्रेस के सात पार्षदों को मिलकर गठबंधन के पास सिर्फ 17 वोट है। इसलिए अब आम आदमी पार्टी किसी तरह समय चाहती है ताकि वह भाजपा में गए तीनों पार्षदों से संपर्क कर उन्हें पार्टी में वापस लाने की कोशिश कर सकें। सूत्रों के अनुसार पार्टी की तरफ से इस रणनीति पर काम भी किया जा रहा है।
तीन पार्षदों ने पार्टी छोड़ी लेकिन नेता बोलते रहे- बहनें वापस आ जाएंगी
आम आदमी पार्टी की तरफ से पार्षद पूनम और नेहा से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है। हाल ही में आम आदमी पार्टी के कुछ नेता नेहा के घर भी गए थे। पार्षद पूनम के परिवार सदस्यों के माध्यम से भी संपर्क किया जा रहा है। आम आदमी पार्टी ने तीनों पार्षदों के जाने के बाद से उनके खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोला। मेयर कुलदीप कुमार, अन्य पार्षद व नेताओं ने भी उन्हें बहन बताया था और कहा था कि वो जल्द पार्टी में लौट आएंगी। तीनों पार्षद के भाजपा में जाने के बाद पार्टी ने एक प्रदर्शन करने की भी योजना बनाई थी लेकिन बाद में टाल दिया गया क्योंकि पार्टी को अभी भी उम्मीद है कि तीन में से दो पार्षद घर वापसी करेंगे। अगर ऐसा होता है कि सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के पद पर भी गठबंधन का कब्जा होगा।
सात से 10 दिन आगे बढ़ सकता है चुनाव
सूत्रों के अनुसार आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन चाहता है कि चुनाव कुछ दिन आगे बढ़ जाए। हाईकोर्ट में नॉमिनेशन से लेकर पूरी प्रक्रिया को दोबारा कराने की मांग की गई है। ऐसा होता है तो चुनाव सात से 10 दिन आगे बढ़ सकता है। आम आदमी पार्टी में एक चर्चा कार्यकारिणी को लेकर भी है। पार्टी ने अगले कुछ दिनों में कार्यकारिणी की घोषणा भी करनी है। ऐसे में पार्टी के अंदर अपने गुट के नेता को अच्छा पद दिलाने की खूब जोर आजमाइश चल रही है। पार्टी में दबाव की राजनीति भी चरम पर है।
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स्थितियां एक दम विपरीत हैं। पहले आम आदमी पार्टी व कांग्रेस तय समय पर चुनाव कराने के लिए हाईकोर्ट गई थी तो अब भाजपा चाहती है कि मंगलवार को ही सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव हों। पहले आप-कांग्रेस के पार्षद रिजॉर्ट में थे तो अब भाजपा अपने पार्षदों को मोरनी ले गई है। आप और कांग्रेस के नेता भली-भांति जानते हैं कि मंगलवार को अगर सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव होते हैं तो बहुमत नहीं होने की वजह से वह चुनाव हार जाएंगे।
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वर्तमान में बहुमत भाजपा के पास है। आम आदमी पार्टी के तीन पार्षदों के भाजपा में जाने की वजह से सांसद किरण खेर को मिलाकर भाजपा के पास 18 वोट है। पिछली बार अकाली दल के पार्षद हरदीप सिंह ने भी भाजपा को ही वोट दिया था। ऐसे में भाजपा के पास कुल 19 वोट है। उधर, आम आदमी पार्टी के 10 और कांग्रेस के सात पार्षदों को मिलकर गठबंधन के पास सिर्फ 17 वोट है। इसलिए अब आम आदमी पार्टी किसी तरह समय चाहती है ताकि वह भाजपा में गए तीनों पार्षदों से संपर्क कर उन्हें पार्टी में वापस लाने की कोशिश कर सकें। सूत्रों के अनुसार पार्टी की तरफ से इस रणनीति पर काम भी किया जा रहा है।
तीन पार्षदों ने पार्टी छोड़ी लेकिन नेता बोलते रहे- बहनें वापस आ जाएंगी
आम आदमी पार्टी की तरफ से पार्षद पूनम और नेहा से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है। हाल ही में आम आदमी पार्टी के कुछ नेता नेहा के घर भी गए थे। पार्षद पूनम के परिवार सदस्यों के माध्यम से भी संपर्क किया जा रहा है। आम आदमी पार्टी ने तीनों पार्षदों के जाने के बाद से उनके खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोला। मेयर कुलदीप कुमार, अन्य पार्षद व नेताओं ने भी उन्हें बहन बताया था और कहा था कि वो जल्द पार्टी में लौट आएंगी। तीनों पार्षद के भाजपा में जाने के बाद पार्टी ने एक प्रदर्शन करने की भी योजना बनाई थी लेकिन बाद में टाल दिया गया क्योंकि पार्टी को अभी भी उम्मीद है कि तीन में से दो पार्षद घर वापसी करेंगे। अगर ऐसा होता है कि सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के पद पर भी गठबंधन का कब्जा होगा।
सात से 10 दिन आगे बढ़ सकता है चुनाव
सूत्रों के अनुसार आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन चाहता है कि चुनाव कुछ दिन आगे बढ़ जाए। हाईकोर्ट में नॉमिनेशन से लेकर पूरी प्रक्रिया को दोबारा कराने की मांग की गई है। ऐसा होता है तो चुनाव सात से 10 दिन आगे बढ़ सकता है। आम आदमी पार्टी में एक चर्चा कार्यकारिणी को लेकर भी है। पार्टी ने अगले कुछ दिनों में कार्यकारिणी की घोषणा भी करनी है। ऐसे में पार्टी के अंदर अपने गुट के नेता को अच्छा पद दिलाने की खूब जोर आजमाइश चल रही है। पार्टी में दबाव की राजनीति भी चरम पर है।