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अच्छी खबर: चंडीगढ़ पीयू के वैज्ञानिकों ने मिट्टी से बनाया नेचुरल हेयर कलर

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: पंचकुला ब्‍यूरो Updated Thu, 27 Oct 2022 02:03 AM IST
सार

डॉ. नवीन गुप्ता ने बताया कि हेयर डाई में काले रंग के अलावा गोल्डन और ब्राइट येलो पर काम किया गया है। इसके अलावा अन्य रंगों की भी केमिकल फ्री डाई बनाने पर काम किया जा रहा है।

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PU scientists made natural hair dye, there will be no side effect if applied on hair
हेयर डाई। - फोटो : प्रतीकात्मक
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चंडीगढ़ की पंजाब यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने मिट्टी में मौजूद बैक्टीरिया से नेचुरल हेयर डाई बनाई है। वर्तमान में युवावस्था से हो रहे सफेद बालों पर इस डाई को लगाने से दुष्परिणाम नहीं देखने को मिलेंगे।  इससे पीयू को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी।

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वैज्ञानिकों का कहना है कि बाजार में उपलब्ध केमिकलयुक्त डाई का उपयोग करने से बालों की समस्या गंभीर हो गई है। इस डाई के उपयोग से कोई साइड इफेक्ट नहीं होगा। माइक्रोबायोलॉजी विभाग के वैज्ञानिक डॉ. नवीन गुप्ता और डॉ. प्रिंस लगभग 12 साल से इस पर शोध कर रहे थे। दोनों ने मिलकर मिट्टी में मौजूद बैक्टीरिया से नेचुरल हेयर डाई ईजाद की है। इसे लैब में इंसान के बालों पर टेस्ट किया जा चुका है। 
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डाई में मौजूद केमिकल बालों के लिए बेहद खतरनाक
डॉ. नवीन गुप्ता ने बताया कि बाजार में मौजूद विभिन्न रंगों की हेयर डाई में एक कलर और एक डेवलपर होता है। इसमें तीन कंपोंनेट हाइड्रोजन परॉक्साइड, ऑक्सीडाइज करने के लिए पीपीडी और बालों में रंग को रखने के लिए अमोनिया का इस्तेमाल किया जाता है जो बालों के लिए खतरनाक हैं। 

सैलून और वालंटियर से बालों को लेकर किया शोध
डॉ. नवीन गुप्ता ने बताया कि बैक्टीरिया पर रिसर्च करने पर उन्हें पता चला कि इसमें हाइड्रोजन परॉक्साइड डालने की जरूरत नहीं होगी। उन्होंने डाई को सैलून और वालंटियर से कटे हुए लोगों के बाल लेकर उन पर टेस्ट किए। टेस्ट में पाया गया कि हेयर डाई का रंग लगभग 15 शैंपू करने तक बालों पर बना रहता है।

डॉ. नवीन गुप्ता ने बताया कि हेयर डाई में काले रंग के अलावा गोल्डन और ब्राइट येलो पर काम किया गया है। इसके अलावा अन्य रंगों की भी केमिकल फ्री डाई बनाने पर काम किया जा रहा है। इसे जल्द पूरा कर लिया जाएगा। प्रोफेसरों के साथ माइक्रो बायोलॉजी के पीएचडी शोधार्थी दीपक, सुनैना और अनुपमा ने भी इस प्रोजेक्ट पर काम किया।

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