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Punjab: हैंड हेल्ड एक्स-रे मशीनों से टीबी की पहचान होगी आसान, मरीजों को नहीं होगी अस्पताल जाने की जरूरत

राजिंद्र शर्मा, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: निवेदिता वर्मा Updated Mon, 19 Feb 2024 02:36 PM IST
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सार

नई हैंड हेल्ड एक्स-रे मशीनों को लैपटॉप के साथ जोड़ा जाएगा और इसमें कैमरा भी लगा होगा। कैमरे की मदद से ही फेफड़ों का एक्स-रे किया जाएगा और उसके बाद ही तुरंत रिपोर्ट आएगी। रिपोर्ट से ही पता चलेगा कि संबंधित मरीज टीबी का संदिग्ध केस है या नहीं। इसके बाद ही उस मरीज को अस्पताल ले जाकर आगे की जांच प्रक्रिया शुरू की जा सकेगी।

Punjab Health Department started procuring new handheld X-ray machines to identify TB infections
tb - फोटो : tb
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विस्तार
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पंजाब में अब टीबी के संक्रमण की पहचान करना आसान हो जाएगा, क्योंकि स्वास्थ्य विभाग ने नई हैंड हेल्ड एक्स-रे मशीनें खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। 

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लोगों को अस्पताल जाने की जरूरत नहीं होगी, बल्कि विभाग के कर्मी खुद ही सभी जिलों में जाएंगे और लोगों के एक्स-रे करके संक्रमण की पहचान करेंगे। जिन लोगों में संक्रमण सामने आएगा, उनके आगे की जांच प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
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जानकारी के अनुसार विभाग अपने स्तर पर फिलहाल 14 मशीनों का इंतजाम कर रहा है। इनके खरीदने की प्रक्रिया अप्रैल तक पूरे होने की उम्मीद है। राज्य टीबी अधिकारी राजेश भास्कर ने बताया कि तीन मशीनें उनको केंद्र सरकार से मिलनी हैं। इसके लिए जल्द ही केंद्र फंड जारी कर देगा। वह अपने स्तर पर मशीनें खरीदने की प्रक्रिया पूरी करने वाले हैं। इसके बाद ही सभी जिलों पर संक्रमण की पहचान के लिए टेस्टिंग शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य तय किया है। इसके चलते ही प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने निगरानी के साथ ही टेस्टिंग भी बढ़ा दी है।

ऐसे काम करेगी मशीन 
नई हैंड हेल्ड एक्स-रे मशीनों को लैपटॉप के साथ जोड़ा जाएगा और इसमें कैमरा भी लगा होगा। कैमरे की मदद से ही फेफड़ों का एक्स-रे किया जाएगा और उसके बाद ही तुरंत रिपोर्ट आएगी। रिपोर्ट से ही पता चलेगा कि संबंधित मरीज टीबी का संदिग्ध केस है या नहीं। इसके बाद ही उस मरीज को अस्पताल ले जाकर आगे की जांच प्रक्रिया शुरू की जा सकेगी। अभी फिलहाल लक्षण वाले मरीज का पहले टेस्ट किया जाता है और उसके बाद ही एक्स-रे होता है। इस प्रक्रिया में समय लगता है। नए सिस्टम से काफी समय बचेगा। इसके अलावा उन ग्रामीण क्षेत्रों व छोटे गांवों में भी मशीन को पहुंचाने से संक्रमण की पहचान करने में मदद मिलेगी, जहां एक्स-रे व अन्य स्वास्थ्य सुविधाएं कम हैं।

टेस्टिंग बढ़ाने के साथ ही अधिक मरीज आने लगे सामने 
टीबी को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने हाल ही में अपनी टेस्टिंग बढ़ा दी है। यही कारण है कि अब टीबी के अधिक मरीज सामने आ रहे हैं। वर्ष 2021 में 1.39 लाख टेस्ट किए गए, जिसमें 50 हजार 525 के केस सामने आए। वर्ष 2022 में टेस्टिंग बढ़ाकर 2.33 लाख कर दी गई और इस दौरान 54 हजार 736 हो गए। वर्ष 2023 में 3.54 लाख संदिग्ध केसों की टेस्टिंग की गई और इस दौरान 54 हजार 999 के करीब केस सामने आए। विभाग के अनुसार अगर किसी में भी टीबी के लक्षण सामने आते हैं तो तुरंत टेस्टिंग की जानी चाहिए, ताकि इस बीमारी को आगे फैलने से रोका जा सके।

संक्रमण के लक्षण 
- टीबी सबसे ज्यादा फेफड़ों को प्रभावित करता है, जिसके चलते इसका शुरुआती लक्षण खांसी आना है।
- पसीना आना भी इसका एक लक्षण है। रात के समय मरीज को पसीना आता है।
- टीबी के मरीजों को लगातार बुखार रहता है। पहले कम और फिर तेज बुखार रहता है।
- टीबी के मरीजों को थकावट होती है। ऐसे में उनमें बीमारी से लड़ने की क्षमता नहीं रहती।

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