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Chhattisgarh: 'भूपेश ने पुत्र मोह में पूरी पार्टी को झोंका', भाजपा ने कांग्रेस से पूछे तीखे सवाल
अमर उजाला नेटवर्क, बीजापुर
Published by: अनुज कुमार
Updated Tue, 22 Jul 2025 09:42 AM IST
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सार
छत्तीगढ़ के बीजापुर में भाजपा जिलाध्यक्ष घासी राम नाग ने एक प्रेस वार्ता में पूर्व सीएम भूपेश बघेल पर जमकर निशाना साधा और कांग्रेस से सवाल पूछा कि बताए भूपेश के बेटे का संगठन में कौन सा पद है।

भाजपा जिलाध्यक्ष घासी राम नाग
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
भाजपा जिलाध्यक्ष घासी राम नाग ने सोमवार को भाजपा कार्यालय में आयोजित पत्रवार्ता में कांग्रेस और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस यह स्पष्ट करे कि चैतन्य बघेल, जो भूपेश बघेल के पुत्र हैं, कांग्रेस संगठन में किस पद पर हैं? जब उनके पास कोई पद ही नहीं है तो उनके समर्थन में प्रदेशव्यापी प्रदर्शन क्यों किया जा रहा है? यह स्पष्ट रूप से पुत्र मोह का परिचायक है।
नाग ने कहा कि भूपेश बघेल ने पुत्र मोह में न केवल अपनी साख गंवाई है, बल्कि पूरी कांग्रेस पार्टी को भी अपने व्यक्तिगत हितों के लिए झोंक दिया है। कांग्रेस अब भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए प्रदेश की जनता को गुमराह कर रही है और उनके संसाधनों से खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में कोल ब्लॉक आवंटन को लेकर जो भ्रम फैलाया गया, वह अब बेनकाब हो चुका है। भाजपा ने तथ्यों और दस्तावेजों के आधार पर स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोप झूठे और भ्रामक हैं।
भ्रष्टाचार का अड्डा बना था कांग्रेस शासन
जिलाध्यक्ष घासीराम नाग ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार में शराब, कोयला, चावल, गोठान और पीएससी जैसे घोटालों में छत्तीसगढ़ को जमकर लूटा गया। आज जब इन मामलों में कार्रवाई हो रही है तो कांग्रेस उसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बता रही है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब भूपेश बघेल स्वयं कोल ब्लॉक आवंटन का बचाव करते थे और कहते थे कि विरोध करने वाले अपनी बिजली बंद कर दें, तो अब जब आरोप साबित हो चुके हैं, क्या वे खुद राजीव भवन और अपने घर की बिजली बंद करेंगे?
कांग्रेस सरकार ने खुद दी थी पर्यावरणीय स्वीकृति
घासी राम नाग ने दस्तावेजों का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस नीत मनमोहन सिंह सरकार के समय 2010 में हसदेव अरण्य को पहले नो-गो जोन और बाद में 'गो एरिया' घोषित किया गया। 2011 में कांग्रेस सरकार ने तारा, परसा ईस्ट और कांटे बेसन कोल ब्लॉक खोलने की पहल की थी। भूपेश बघेल के कार्यकाल में भी कोल ब्लॉक आवंटन को लेकर कई सिफारिशें की गईं। उन्होंने कहा कि 2019 से लेकर 2023 तक कांग्रेस सरकार ने गारे-पेलमा सेक्टर-2 से लेकर मांड-रायगढ़ कोलफील्ड परियोजनाओं के लिए वन एवं पर्यावरण स्वीकृति की सिफारिशें की थीं।
भाजपा ने कांग्रेस से पूछे तीखे सवाल
भाजपा ने कांग्रेस से सवाल करते हुए पूछा है कि क्या कांग्रेस मनमोहन सिंह सरकार द्वारा किए गए कोल ब्लॉक आवंटन के फैसलों पर माफी मांगेगी?, क्या भूपेश बघेल अब खुद बिजली का इस्तेमाल बंद करेंगे?, क्या कांग्रेस हर आरोपी के समर्थन में खड़ी होगी, जैसे अब अपने नेता के बेटे के लिए हो रही है? श्री नाग ने बताया कि राजस्थान सरकार के तत्कालीन मंत्री बी. डी. कल्ला और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोल ब्लॉक आवंटन के लिए छत्तीसगढ़ सरकार को पत्र लिखे थे, जिसके बाद तेज़ी से सिफारिशें की गईं।

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नाग ने कहा कि भूपेश बघेल ने पुत्र मोह में न केवल अपनी साख गंवाई है, बल्कि पूरी कांग्रेस पार्टी को भी अपने व्यक्तिगत हितों के लिए झोंक दिया है। कांग्रेस अब भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए प्रदेश की जनता को गुमराह कर रही है और उनके संसाधनों से खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में कोल ब्लॉक आवंटन को लेकर जो भ्रम फैलाया गया, वह अब बेनकाब हो चुका है। भाजपा ने तथ्यों और दस्तावेजों के आधार पर स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोप झूठे और भ्रामक हैं।
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भ्रष्टाचार का अड्डा बना था कांग्रेस शासन
जिलाध्यक्ष घासीराम नाग ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार में शराब, कोयला, चावल, गोठान और पीएससी जैसे घोटालों में छत्तीसगढ़ को जमकर लूटा गया। आज जब इन मामलों में कार्रवाई हो रही है तो कांग्रेस उसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बता रही है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब भूपेश बघेल स्वयं कोल ब्लॉक आवंटन का बचाव करते थे और कहते थे कि विरोध करने वाले अपनी बिजली बंद कर दें, तो अब जब आरोप साबित हो चुके हैं, क्या वे खुद राजीव भवन और अपने घर की बिजली बंद करेंगे?
कांग्रेस सरकार ने खुद दी थी पर्यावरणीय स्वीकृति
घासी राम नाग ने दस्तावेजों का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस नीत मनमोहन सिंह सरकार के समय 2010 में हसदेव अरण्य को पहले नो-गो जोन और बाद में 'गो एरिया' घोषित किया गया। 2011 में कांग्रेस सरकार ने तारा, परसा ईस्ट और कांटे बेसन कोल ब्लॉक खोलने की पहल की थी। भूपेश बघेल के कार्यकाल में भी कोल ब्लॉक आवंटन को लेकर कई सिफारिशें की गईं। उन्होंने कहा कि 2019 से लेकर 2023 तक कांग्रेस सरकार ने गारे-पेलमा सेक्टर-2 से लेकर मांड-रायगढ़ कोलफील्ड परियोजनाओं के लिए वन एवं पर्यावरण स्वीकृति की सिफारिशें की थीं।
भाजपा ने कांग्रेस से पूछे तीखे सवाल
भाजपा ने कांग्रेस से सवाल करते हुए पूछा है कि क्या कांग्रेस मनमोहन सिंह सरकार द्वारा किए गए कोल ब्लॉक आवंटन के फैसलों पर माफी मांगेगी?, क्या भूपेश बघेल अब खुद बिजली का इस्तेमाल बंद करेंगे?, क्या कांग्रेस हर आरोपी के समर्थन में खड़ी होगी, जैसे अब अपने नेता के बेटे के लिए हो रही है? श्री नाग ने बताया कि राजस्थान सरकार के तत्कालीन मंत्री बी. डी. कल्ला और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोल ब्लॉक आवंटन के लिए छत्तीसगढ़ सरकार को पत्र लिखे थे, जिसके बाद तेज़ी से सिफारिशें की गईं।