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Bijapur: धान खरीदी केन्द्रों में अव्यवस्था को लेकर कांग्रेसियों ने किया प्रदर्शन, राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन

अमर उजाला नेटवर्क, बीजापुर Published by: आकाश दुबे Updated Tue, 10 Dec 2024 09:36 PM IST
सार

कांग्रेसियों ने ज्ञापन में कहा है कि टोकन की व्यवस्था अव्यवहारिक है, जिससे किसानों को परेशान होना पड़ रहा, नंबर ही नहीं आ रहा। टोकन कटने की तारीख से सात से 10 दिन बाद धान बेचने के लिये किसानों को बुलाया जा रहा है।

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Congressmen protested against chaos in paddy procurement centers in Bijapur
विरोध प्रदर्शन करते कांग्रेस के नेता और पदाधिकारी - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर जिला कांग्रेस कमेटी के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने धान खरीदी केंद्रों पर फैली अव्यवस्था व किसानों की समस्याओं को लेकर भैरमगढ़, कुटरू, बीजापुर, गंगालूर, उसूर, मद्देड व भोपालपटनम ब्लॉक मुख्यालयों में किसानों के साथ धरना प्रदर्शन कर छत्तीसगढ़ के राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा है। कांग्रेसियों ने कहा है कि 14 नवंबर से पूरे प्रदेश में धान खरीदी शुरू है, लेकिन धान खरीदी केन्द्रों में फैली अव्यवस्था तथा सरकार की नीतियों के कारण किसानों को परेशान होना पड़ रहा है। 3 दिसंबर को कांग्रेस ने धान खरीदी केन्द्र चलो अभियान चलाया, जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पदाधिकारी धान खरीदी केन्द्रो पर गए, जहां उन्होंने किसानों की परेशानियों को देखा, जिसमें अधिकांश जगह पाया कि केन्द्रों पर किसान परेशानियों से जूझ रहे है।

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राज्यपाल के नाम सौंपे गए ज्ञापन में कांग्रेसियों ने कहा कि सरकार ने यह घोषणा की है कि 72 घंटे में किसानों के खाते में पैसा आयेगा, लेकिन जो लोग धान बेच चुके हैं, उनके खाते में रकम हफ्तों तक नहीं आई है, जो रकम आ रही है वह एकमुश्त 3100 नहीं है। सिर्फ 2300 रुपये प्रति क्विंटल ही आ रही है, मतलब जो समर्थन मूल्य है उतना। भाजपा ने 3100 रुपये एकमुश्त देने का वादा किया था। भारतीय जनता पार्टी अपने चुनावी वादे के अनुरूप हर पंचायतों में धान खरीदी केन्द्र खोले। कांग्रेसियों ने राज्यपाल के नाम सौंपे अपने ज्ञापन में बारदाने की कमी से किसानों को धान बेचने में हो रही परेशानी, 50 प्रतिशत नए, 50 प्रतिशत पुराने बारदानों का उपयोग करने और 50 प्रतिशत पुराने बारदाने समितियों में पहुंचाने की मांग की गई है, जिसके कारण धान खरीद बाधित हो रही है। ज्ञापन में कहा गया है कि पुराने बारदाने फटे हुये है जिसमें धान भरा ही नहीं जा रहा और किसानों से कहा जा रहा 50 प्रतिशत बारदानों की व्यवस्था स्वयं करें बाद में उसका भुगतान किसानों को किया जाएगा, लेकिन किसानों के बारदाने का एक पैसा भी नहीं मिल रहा।

टोकन की व्यवस्था अव्यवहारिक है, जिससे किसानों को परेशान होना पड़ रहा, नंबर ही नहीं आ रहा। टोकन कटने की तारीख से 7 से 10 दिन बाद धान बेचने के लिये किसानों को बुलाया जा रहा है। 15 दिन बाद तक का भी टोकन नहीं मिल रहा। इलेक्ट्रॉनिक तराजू में जो तौलाई हो रही है उसमें 1.5 किलोग्राम से 2.5 किलोग्राम अधिक तौला जा रहा है। सोसायटियों में धान की उठान नहीं होने के कारण जगह की कमी है। जगह का अभाव हो गया है। राज्यपाल के नाम सौंपे गए ज्ञापन में कांग्रेसियों ने कहा है कि अनावरी रिपोर्ट कम बनाई गयी है तथा खरीदी भी 21 क्विटल के हिसाब से नहीं हो रही है। किसानों से पूरा धान नहीं खरीदा जा रहा है। अनावरी रिपोर्ट गलत बनाई जा रही जिसके आधार पर मात्र 9 से 12-14 क्विंटल धान खरीदा जा रहा। किसानों से पूरा 21 क्विंटल धान नहीं खरीदा जा रहा है। बड़े किसान अपनी बारी का इंतजार कर रहे उनकी बारी ही नहीं आ रही है। कांग्रेस ने अपने ज्ञापन में कहा है कि धान की कीमत का भुगतान 3217 रुपये में करें क्योंकि 3100 रुपये भाजपा ने अपने चुनावी वादे में देने का वादा किया था। इस वर्ष केन्द्र सरकार ने धान का समर्थन मूल्य 117 रुपये बढ़ा दिया है। इस कारण इस वर्ष धान की खरीदी 3100 रुपये से बढ़ाकर 3217 रुपये किया जाए।

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