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'गार्बेज कैफे' को मिली राष्ट्रीय पहचान: प्रधानमंत्री मोदी ने 'मन की बात' में की अंबिकापुर की पहल की सराहना
अमर उजाला नेटवर्क, रायपुर
Published by: अमन कोशले
Updated Sun, 26 Oct 2025 04:14 PM IST
सार
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित 'मन की बात' कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंबिकापुर नगर निगम की अनूठी पहल 'गार्बेज कैफे' की सराहना की।
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प्रधानमंत्री मोदी ने 'मन की बात' में की अंबिकापुर की पहल की सराहना
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित 'मन की बात' कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंबिकापुर नगर निगम की अनूठी पहल 'गार्बेज कैफे' की सराहना की। इस पहल में प्लास्टिक कचरे के बदले भोजन उपलब्ध कराया जाता है, जिससे न केवल स्वच्छता को बढ़ावा मिला है बल्कि सामाजिक संवेदना का भी उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अंबिकापुर के प्लास्टिक मुक्त संकल्प ने शहर की तस्वीर बदल दी है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि 'मन की बात' में छत्तीसगढ़ के नवाचारों और माओवाद उन्मूलन के संकल्प का उल्लेख होना पूरे प्रदेश के लिए गर्व की बात है। उन्होंने रायपुर के शांति नगर में ‘मन की बात’ के 127वें संस्करण का श्रवण किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि अंबिकापुर में शहर से प्लास्टिक कचरा साफ करने के लिए नगर निगम द्वारा 'गार्बेज कैफे' चलाए जा रहे हैं। यहाँ कोई भी व्यक्ति यदि एक किलो प्लास्टिक लेकर आता है, तो उसे दोपहर या रात का भोजन मिलता है, जबकि आधा किलो प्लास्टिक देने पर नाश्ता दिया जाता है। इस पहल ने अंबिकापुर को देश में प्लास्टिक मुक्त शहरों की श्रेणी में एक मिसाल के रूप में स्थापित किया है।
माओवाद उन्मूलन और विकास पर गर्व
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि माओवादी गतिविधियों के सिमटते प्रभाव पर राज्य को गर्व है। उन्होंने बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के सफल संचालन से उन इलाकों में भी खुशियों के दीप जले हैं, जहाँ कभी माओवादी आतंक का अंधेरा था। उन्होंने कहा कि जनता अब माओवादी हिंसा का अंत चाहती है और विकास की राह पर आगे बढ़ रही है।
भारतीय नस्ल के श्वानों की सराहना
प्रधानमंत्री ने सुरक्षा एजेंसियों में भारतीय नस्ल के श्वानों को शामिल किए जाने की सराहना की। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित क्षेत्र में एक देशी श्वान ने 8 किलो विस्फोटक का पता लगाकर जवानों की जान बचाई। यह भारतीय नस्लों की दक्षता और विश्वसनीयता का प्रमाण है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान से जुड़ने का आग्रह किया और पर्यावरण संरक्षण को जनआंदोलन बनाने की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री ने ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूर्ण होने पर इसे उत्सव के रूप में मनाने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने भगवान बिरसा मुंडा के योगदान को भी नमन किया और कहा कि जनजातीय गौरव दिवस उन महान जननायकों की स्मृति का दिवस है, जिन्होंने देश की आज़ादी और सम्मान के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर किया।
प्रधानमंत्री ने देशवासियों से अपील की कि वे अपने आसपास हो रहे नवाचारी और जनहितकारी कार्यों को साझा करें, ताकि अन्य लोग भी प्रेरणा लेकर समाजहित में योगदान दे सकें। कार्यक्रम के उपरांत मुख्यमंत्री ने पुंगनूर नस्ल की गायों को चारा खिलाया और उनकी विशेषताओं की जानकारी ली। यह विशेष नस्ल आंध्र प्रदेश में पाई जाती है और अपनी अनूठी बनावट व गुणों के कारण प्रसिद्ध है। इस अवसर पर विधायक पुरंदर मिश्रा, छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल, माटी कला बोर्ड अध्यक्ष शंभूनाथ चक्रवर्ती, अल्पसंख्यक आयोग अध्यक्ष अमरजीत छाबड़ा सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि 'मन की बात' में छत्तीसगढ़ के नवाचारों और माओवाद उन्मूलन के संकल्प का उल्लेख होना पूरे प्रदेश के लिए गर्व की बात है। उन्होंने रायपुर के शांति नगर में ‘मन की बात’ के 127वें संस्करण का श्रवण किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि अंबिकापुर में शहर से प्लास्टिक कचरा साफ करने के लिए नगर निगम द्वारा 'गार्बेज कैफे' चलाए जा रहे हैं। यहाँ कोई भी व्यक्ति यदि एक किलो प्लास्टिक लेकर आता है, तो उसे दोपहर या रात का भोजन मिलता है, जबकि आधा किलो प्लास्टिक देने पर नाश्ता दिया जाता है। इस पहल ने अंबिकापुर को देश में प्लास्टिक मुक्त शहरों की श्रेणी में एक मिसाल के रूप में स्थापित किया है।
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माओवाद उन्मूलन और विकास पर गर्व
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि माओवादी गतिविधियों के सिमटते प्रभाव पर राज्य को गर्व है। उन्होंने बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के सफल संचालन से उन इलाकों में भी खुशियों के दीप जले हैं, जहाँ कभी माओवादी आतंक का अंधेरा था। उन्होंने कहा कि जनता अब माओवादी हिंसा का अंत चाहती है और विकास की राह पर आगे बढ़ रही है।
भारतीय नस्ल के श्वानों की सराहना
प्रधानमंत्री ने सुरक्षा एजेंसियों में भारतीय नस्ल के श्वानों को शामिल किए जाने की सराहना की। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित क्षेत्र में एक देशी श्वान ने 8 किलो विस्फोटक का पता लगाकर जवानों की जान बचाई। यह भारतीय नस्लों की दक्षता और विश्वसनीयता का प्रमाण है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान से जुड़ने का आग्रह किया और पर्यावरण संरक्षण को जनआंदोलन बनाने की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री ने ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूर्ण होने पर इसे उत्सव के रूप में मनाने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने भगवान बिरसा मुंडा के योगदान को भी नमन किया और कहा कि जनजातीय गौरव दिवस उन महान जननायकों की स्मृति का दिवस है, जिन्होंने देश की आज़ादी और सम्मान के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर किया।
प्रधानमंत्री ने देशवासियों से अपील की कि वे अपने आसपास हो रहे नवाचारी और जनहितकारी कार्यों को साझा करें, ताकि अन्य लोग भी प्रेरणा लेकर समाजहित में योगदान दे सकें। कार्यक्रम के उपरांत मुख्यमंत्री ने पुंगनूर नस्ल की गायों को चारा खिलाया और उनकी विशेषताओं की जानकारी ली। यह विशेष नस्ल आंध्र प्रदेश में पाई जाती है और अपनी अनूठी बनावट व गुणों के कारण प्रसिद्ध है। इस अवसर पर विधायक पुरंदर मिश्रा, छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल, माटी कला बोर्ड अध्यक्ष शंभूनाथ चक्रवर्ती, अल्पसंख्यक आयोग अध्यक्ष अमरजीत छाबड़ा सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।