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रायगढ़: पत्नी के छोड़कर जाने की बात पर पति ने की हत्या, अदालत ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा

अमर उजाला नेटवर्क, रायगढ़ Published by: अमन कोशले Updated Thu, 30 Oct 2025 09:24 PM IST
सार

रायगढ़ जिले में दूसरी पत्नी के साथ छोड़कर जाने की बात पर हुए विवाद ने खौफनाक रूप ले लिया। गुस्से में पति ने अपनी ही पत्नी की गला दबाकर हत्या कर दी। अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है।
 

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Husband kills wife after she leaves him, court sentences him to life imprisonment in Raigarh
जिला एवं सत्र न्यायालय रायगढ़ - फोटो : अमर उजाला
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रायगढ़ जिले में दूसरी पत्नी के साथ छोड़कर जाने की बात पर हुए विवाद ने खौफनाक रूप ले लिया। गुस्से में पति ने अपनी ही पत्नी की गला दबाकर हत्या कर दी। अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है।

अभियोजन के अनुसार, घटना 11 अगस्त 2022 की शाम साढ़े 6 बजे की है। सूचनाकर्ता शंकर चौहान ने पुलिस को बताया कि गांव में अफरा-तफरी मच गई थी कि इंदिरा आवास मोहल्ला, कोलाईबहाल (चक्रधर नगर) निवासी 22 वर्षीय अभिषेक चौहान ने अपनी दूसरी पत्नी सोनी सिदार की हत्या कर दी है। सूचना मिलते ही जब शंकर चौहान मौके पर पहुंचे, तो देखा कि सोनी सिदार का शव घर में पड़ा हुआ था और सिर के पीछे से खून बह रहा था।

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पूछताछ में आरोपी अभिषेक ने बताया कि सोनी सिदार उसके साथ न रहकर छोड़कर जाने की बात कह रही थी, जिससे नाराज़ होकर उसने गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। अगले दिन शंकर चौहान ने चक्रधर नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा, जहां डॉक्टरों ने पुष्टि की कि मुंह, नाक और छाती पर दबाव के कारण दम घुटने से महिला की मौत हुई थी। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ हत्या का मामला (धारा 302 आईपीसी) दर्ज कर गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।

मामला विचारार्थ द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश जितेन्द्र कुमार ठाकुर की अदालत में चला। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने आरोपी अभिषेक चौहान को हत्या का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास और एक हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड का भुगतान न करने पर 6 माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतने का आदेश दिया गया है। इस मामले में शासन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक मोहन सिंह ठाकुर ने पैरवी की।

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