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कलम बंद-काम बंद आंदोलन: जांजगीर-चांपा में प्रदर्शन, 10 हजार से अधिक कर्मचारी शामिल; जिला अस्पताल में ओपीडी बंद
अमर उजाला नेटवर्क, जांजगीर-चांपा
Published by: राहुल तिवारी
Updated Mon, 29 Dec 2025 03:51 PM IST
सार
जांजगीर-चांपा में अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के बैनर तले तीन दिवसीय कलम बंद हड़ताल शुरू हुई। 11 सूत्रीय मांगों को लेकर कर्मचारियों ने धरना दिया और सरकार पर मोदी की गारंटी पूरी न करने का आरोप लगाते हुए वादाखिलाफी का दावा किया।
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प्रदर्शन करते कर्मचारी
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
जांजगीर-चांपा जिले में अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के बैनर तले तीन दिवसीय निश्चितकालीन कलम बंद-काम बंद हड़ताल शुरू हो गई है। फेडरेशन की 11 सूत्रीय मांगों को लेकर कर्मचारियों ने सी-मार्ट परिसर में धरना-प्रदर्शन किया और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मोदी की गारंटी पूरा नहीं करने का आरोप लगाया।
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फेडरेशन के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि चुनाव पूर्व बीजेपी नेताओं द्वारा मोदी की गारंटी के तहत कर्मचारी-अधिकारियों की मांगें पूरी करने का भरोसा दिया गया था, लेकिन सरकार बने दो साल बीत जाने के बाद भी मांगों पर कोई ठोस पहल या चर्चा नहीं की गई। पदाधिकारियों ने इसे वादाखिलाफी बताते हुए कहा कि यह आंदोलन सरकार को उसका वादा याद दिलाने के लिए किया जा रहा है।
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फेडरेशन ने चेतावनी दी है कि यदि तीन दिनों के भीतर मांगों पर सकारात्मक पहल नहीं होती है, तो राज्य फेडरेशन से चर्चा कर उग्र आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी। इस आंदोलन में जिले भर से 10 हजार से अधिक अधिकारी और कर्मचारी शामिल बताए जा रहे हैं।
तीन दिवसीय हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिल रहा है। राजस्व कार्य, पंचायतों का कामकाज सहित अन्य शासकीय सेवाएं पूरी तरह ठप हैं। वहीं जिला अस्पताल जांजगीर-चांपा में भी हड़ताल का असर पड़ा है, जहां तीन दिनों तक ओपीडी बंद रहेगी। केवल आपातकालीन सेवाएं ही जारी रहेंगी, जिससे आम मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
फेडरेशन की प्रमुख 11 सूत्रीय मांगे-
- केंद्र सरकार के सामान कर्मचारियों एवं पेंशनरों को देय तिथि से महंगाई भत्ता (DA) लागू किया जाए ।
- DA एरियर्स की राशि कर्मचारियों के GPF खाते में समायोजित की जाए।
- सभी कर्मचारियों को चार स्तरीय समयमान वेतनमान दिया जाए।
- लिपिकों, शिक्षकों, स्वास्थ्य विभाग, महिला बाल विकास विभाग सहित विभिन्न संवर्गो की वेतन विसंगतियों को दूर करने पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक किया जाए।
- प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना करते हुए संपूर्ण सेवा लाभ दिया जाए। पंचायत सचिवों का शासकीयकरण किया जाए ।
- सहायक शिक्षकों एवं सहायक पशु चिकित्सा अधिकारियों को तृतीय समयमान वेतनमान दिया जाए। नगरीय निकाय के कर्मचारियों को नियमित मासिक वेतन एवं समयबद्ध पदोन्नति दिया जाए।
- अनुकंपा नियुक्ति नियमों में 10 प्रतिशत सीलिंग में शिथिलीकरण की जाए।
- प्रदेश में कैशलेश सुविधा लागू की जाए।
- अर्जित अवकाश नगदीकरण 300 दिवस की जाए।
- दैनिक, अनियमित, संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की ठोस नीति बने।
- सभी विभागों में समानता लाते हुए सेवानिवृत्त आयु 65 वर्ष की जाए।