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जांजगीर चांपा के किसानों की जिला प्रशासन से अपील, अन्नदाताओं ने कई मुद्दों को लेकर जताई चिंता
जांजगीर चांपा जिले के किसानों ने अपनी मांगों और समस्याओं को लेकर एक बार फिर प्रशासन का ध्यान आकृष्ट किया गया है। सिंचाई, धान खरीदी और रबी धान फसल की तैयारी को लेकर किसानों ने अपनी चिंताएं सामने रखी हैं। किसानों का कहना है कि पूर्व में माइनरों और शाखा नहरों में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने पर सहमति बनी थी, साथ ही नहरों से रबी धान फसल लेने का भी निर्णय हुआ था। लेकिन जमीनी स्तर पर कई समस्याएं अब भी बनी हुई हैं, जिससे किसानों को नुकसान की आशंका है।
किसानों का कहना है कि जल उपयोगिता समिति की बैठक में एबीसी और जेबीसी नहर से संबंधित विषयों पर वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता बताई गई है, ताकि वर्तमान धान खरीदी और आगामी रबी धान फसल में किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। किसानों की प्रमुख मांग है कि आगामी रबी फसल के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद और बीज की समय पर व्यवस्था की जाए। साथ ही खाद की नगद बिक्री में हो रही कालाबाजारी पर सख्त रोक लगाई जाए। किसानों का कहना है कि खाद की कमी और महंगे दाम उनकी लागत बढ़ा रहे हैं।
इसके अलावा जिन नहरों और माइनरों में मरम्मत कार्य नहीं हो रहा है, अथवा जिनका अब तक टेंडर नहीं हुआ है, वहां भी सिंचाई के लिए पानी छोड़े जाने की मांग की गई है। किसानों का कहना है कि बिना पानी के रबी धान फसल संभव नहीं है। वर्तमान धान खरीदी को लेकर भी किसानों ने गंभीर समस्या बताई है। उनका आरोप है कि कई किसानों का धान रकबा कम कर दिया गया है, जिससे धान खरीदी में दिक्कत आ रही है। किसानों ने कटे हुए रकबों को पुनः जोड़कर धान खरीदी करने की मांग की है।
सहकारी बैंकों को लेकर भी किसानों ने नाराजगी जताई है। किसानों का कहना है कि उनकी मांग के अनुरूप भुगतान नहीं किया जा रहा है, जो अनुचित है। वहीं बीते एक-दो वर्षों से सहकारी और निजी दोनों स्तरों पर धान खरीदी में प्रति क्विंटल अतिरिक्त कटौती किए जाने का आरोप भी लगाया गया है। किसानों ने यह भी मांग की है कि जिन नहरों में रबी फसल के लिए पानी नहीं दिया जा रहा है और जहां शासकीय निविदा नहीं हुई है, वहां पंचायत के माध्यम से जी-रामजी योजना के तहत साफ-सफाई कराई जाए। साथ ही बीज उत्पादक किसानों को मंडी बोर्ड से मिलने वाली लंबित प्रोत्साहन राशि का तत्काल भुगतान किया जाए। किसानों ने प्रशासन से सभी मांगों पर शीघ्र निर्णय लेकर राहत देने की अपील की है।
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