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मैत्री बाग जू: भीषण गर्मी से वन्यजीवों को बचाने के लिए की जा रही पानी की बौछार, डाइट में भी किया गया बदलाव
अमर उजाला नेटवर्क, दुर्ग
Published by: श्याम जी.
Updated Tue, 22 Apr 2025 09:43 AM IST
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सार
मैत्री बाग में रोजाना एक खास नजारा देखने को मिलता है। सफेद शेरों के इनक्लोजर में पानी का छिड़काव किया जाता है, ताकि वहां ठंडक बनी रहे और शेरों का शरीर तापमान नियंत्रित रहे। गर्मी को ध्यान में रखते हुए वन्यजीवों की डाइट में भी बदलाव किया गया है।

मैत्री बाग जू
- फोटो : अमर उजाला

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विस्तार
प्रचंड गर्मी ने न केवल आम लोगों के जीवन को प्रभावित किया है, बल्कि वन्यजीव भी इससे अछूते नहीं हैं। भिलाई के प्रसिद्ध मैत्री बाग चिड़ियाघर के प्रबंधन ने दुर्लभ वन्यजीवों को इस तपिश से राहत देने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं।
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मैत्री बाग
- फोटो : अमर उजाला
मैत्री बाग में रोजाना एक खास नजारा देखने को मिलता है। सफेद शेरों के इनक्लोजर में पानी का छिड़काव किया जाता है, ताकि वहां ठंडक बनी रहे और शेरों का शरीर तापमान नियंत्रित रहे। गर्मी को ध्यान में रखते हुए वन्यजीवों की डाइट में भी बदलाव किया गया है। शेर और भालू जैसे जानवरों को ठंडा मांस दिया जा रहा है, जबकि बंदरों और अन्य छोटे जानवरों को तरबूज-खरबूज जैसे फल दिए जा रहे हैं। यह व्यवस्था गर्मी से होने वाली बीमारियों, जैसे डिहाइड्रेशन, से बचाव के लिए की गई है।
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मैत्री बाग जू
- फोटो : अमर उजाला
छोटे वन्यजीवों के केज को विशेष टाइफा घास से ढका गया है, जिसमें दिन में तेज धूप के समय पानी की बौछार की जाती है। इससे इनक्लोजर में देर शाम तक ठंडक बनी रहती है। मैत्री बाग के प्रभारी डॉ. नवीन जैन ने बताया कि जानवरों के बैरकों में पानी का छिड़काव और खुले क्षेत्र में रहने वाले जानवरों पर बौछार की जा रही है। शेरों के पिंजरों में हवा को ठंडा रखने के लिए घास की चटाइयां लगाई गई हैं, जिनमें समय-समय पर पानी डाला जाता है।

मैत्री बाग जू
- फोटो : अमर उजाला
वहीं, भालू के पिंजरों में छत पर पानी का झरना बनाया गया है, जो पिंजरे को ठंडा रखता है। बाहर निकलते समय भालू पानी से गुजरता है, जिससे उसे गर्मी से राहत मिलती है। इन उपायों से मैत्री बाग प्रबंधन यह सुनिश्चित कर रहा है कि भीषण गर्मी में भी वन्यजीवों को सुरक्षित और स्वस्थ रखा जाए।