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बालोद में मानसून से पहले संकट: नाली नहीं बनने से होता जलभराव, बच्चे नहीं जा पाते स्कूल; ग्रामीण परेशान
अमर उजाला नेटवर्क, बालोद
Published by: श्याम जी.
Updated Tue, 13 May 2025 04:14 PM IST
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सार
बालोद जिले के बीटाल गांव में राष्ट्रीय राजमार्ग 930 के निर्माण के बाद नाली नहीं बनने से बारिश में जलभराव की समस्या गंभीर हो गई है। ग्रामीण तीन साल से नाली निर्माण की मांग कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की।

जलभराव
- फोटो : अमर उजाला

विस्तार
बालोद जिले के बीटाल गांव में राष्ट्रीय राजमार्ग 930 के निर्माण के बाद से ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सड़क किनारे नाली का निर्माण नहीं होने के कारण बारिश के मौसम में गांव तालाब में तब्दील हो जाता है। घरों में कमर तक पानी भर जाता है, जिससे ग्रामीणों का जीवन यापन मुश्किल हो गया है। मानसून नजदीक होने के साथ ही ग्रामीणों की चिंता बढ़ गई है।
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पिछले तीन-चार वर्षों से ग्रामीण नाली निर्माण के लिए प्रशासन और सरकार से गुहार लगा रहे हैं। मंगलवार को भी ग्रामीण कलेक्ट्रेट पहुंचे और अपनी समस्या को लेकर अधिकारियों से मिले। गांव की सरपंच पवन बाई ने बताया, 'राष्ट्रीय राजमार्ग बनने के दौरान नाली निर्माण को नजरअंदाज कर दिया गया। बारिश में गांव जलमग्न हो जाता है। हमने 2021 से नाली बनाने की मांग शुरू की थी, लेकिन 2025 तक कोई सुनवाई नहीं हुई। यह सड़क हमारे लिए परेशानी का सबब बन गई है।'
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ग्रामीणों का कहना है कि सड़क निर्माण के बाद गांव का स्तर नीचे हो गया है, जिससे जलभराव की समस्या और गंभीर हो गई है। बारिश के दिनों में बच्चों को स्कूल जाने में भी भारी दिक्कत होती है। सड़क निर्माण के दौरान अधिकारियों ने नाली बनाने का आश्वासन दिया था, लेकिन यह वादा अब तक पूरा नहीं हुआ। ग्रामीणों ने जलभराव की स्थिति को दर्शाने वाले वीडियो और तस्वीरें प्रशासन को दिखाई हैं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
मानसून से पहले ग्रामीण उम्मीद कर रहे हैं कि उनकी मांग पर ध्यान दिया जाएगा, ताकि उन्हें बाढ़ जैसे हालात का सामना न करना पड़े। जिला प्रशासन से अपील की गई है कि बीटाल गांव में नाली निर्माण को प्राथमिकता दी जाए और ग्रामीणों की समस्याओं का स्थायी समाधान किया जाए।