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कोरबा: स्कूल में राखड़ की फैल रही धूल, खतरे में बच्चों, शिक्षकों और ग्रामीणों का स्वास्थ्य; पर्यावरण मंडल मौन
अमर उजाला नेटवर्क, कोरबा
Published by: श्याम जी.
Updated Fri, 02 May 2025 01:55 PM IST
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सार
कोरबा के मड़वा रानी स्कूल के पास राखड़ डंपिंग से धूल क्लासरूम तक पहुंच रही, जिससे बच्चे, शिक्षक और ग्रामीण परेशान हैं। पर्यावरण संरक्षण मंडल की निष्क्रियता और राइस मिल निर्माण से समस्या गंभीर, विद्यालय प्रबंधन ने कार्रवाई की मांग की।

स्कूल
- फोटो : अमर उजाला

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विस्तार
नितेश कुमार मेमोरियल लायंस पब्लिक स्कूल, मड़वा रानी, खरहरकुड़ा के पास भारी मात्रा में राखड़ डंप किए जाने से विद्यालय परिसर और क्लासरूम तक धूल पहुंच रही है। इससे शिक्षकों और बच्चों को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। नियमों के अनुसार, विद्यालय परिसर के 100 मीटर की परिधि में राखड़ डंप करना प्रतिबंधित है, फिर भी स्कूल से सटी जमीन पर बड़े गड्ढों को राखड़ से भरा जा रहा है। रोजाना कई भारी वाहन स्कूल के पास से गुजरते हैं, जिससे दुर्घटना का खतरा भी बना हुआ है।
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विद्यालय के चेयरमैन लायन डॉ. राजकुमार अग्रवाल ने इसकी शिकायत कलेक्टर से की है। कलेक्टर ने पर्यावरण संरक्षण मंडल को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए, लेकिन विभाग की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया। विद्यालय प्रबंधन ने परिसर में खेल मैदान और निजी बंजर भूमि पर ऑक्सीजोन बनवाया है ताकि क्षेत्र का पर्यावरण बेहतर हो। लेकिन राखड़ डंपिंग से ऑक्सीजोन पर भी खतरा मंडरा रहा है। डॉ. अग्रवाल ने राखड़ परिवहन को तत्काल बंद करने की मांग की है।
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आंधी-तूफान के कारण राखड़ उड़कर पूरे क्षेत्र में फैल रही है, जिससे ग्रामीणों, शिक्षकों और बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। शिक्षकों का कहना है कि राखड़ से पूरा स्कूल प्रभावित है, बर्तनों तक में धूल जम रही है। अभिभावकों ने भी बच्चों को हो रही परेशानियों की शिकायत की है। बताया जा रहा है कि पास में राइस मिल निर्माण के लिए सैकड़ों हाइवा राखड़ डंप कर रहे हैं। राइस मिल निर्माणकर्ता ने पर्यावरण नियमों की अनदेखी की है। स्कूल के पास राइस मिल बनने से भविष्य में बच्चों के लिए खतरा बढ़ सकता है।
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि यह समस्या केवल स्कूल तक सीमित नहीं है, बल्कि आसपास के ग्रामीणों और राहगीरों के लिए भी गंभीर है। उन्होंने संबंधित विभाग से तत्काल कार्रवाई कर राखड़ डंपिंग पर रोक लगाने की मांग की है।