{"_id":"68f0846a59eb1393550fb080","slug":"villagers-submitted-a-demanding-strict-action-against-culprits-for-encroachment-on-forest-land-in-chumra-bit-2025-10-16","type":"story","status":"publish","title_hn":"रामानुजगंज: चुमरा बिट में वन भूमि पर अतिक्रमण, ग्रामीणों ने ज्ञापन सौंपकर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
    रामानुजगंज: चुमरा बिट में वन भूमि पर अतिक्रमण, ग्रामीणों ने ज्ञापन सौंपकर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की
 
            	    अमर उजाला नेटवर्क, रामानुजगंज             
                              Published by: अमन कोशले       
                        
       Updated Thu, 16 Oct 2025 11:06 AM IST
        
       
            सार 
            
            
        
                                    
                वन परिक्षेत्र रामानुजगंज अंतर्गत सर्किल विजयनगर के चुमरा बिट स्थित वन कंपार्टमेंट नंबर पी-3461 में तेजी से हो रहे अतिक्रमण को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है। सोमवार को ग्रामीणों ने रेंजर को ज्ञापन सौंपकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
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                        चुमरा बिट में वन भूमि पर अतिक्रमण
                                    - फोटो : अमर उजाला 
                    
    
        
    
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विस्तार
                                                 
                बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के वन परिक्षेत्र रामानुजगंज अंतर्गत सर्किल विजयनगर के चुमरा बिट स्थित वन कंपार्टमेंट नंबर पी-3461 में तेजी से हो रहे अतिक्रमण को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है। सोमवार को ग्रामीणों ने रेंजर को ज्ञापन सौंपकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। ग्रामीणों का आरोप है कि जमीनी स्तर के कुछ वन कर्मचारियों की मिलीभगत से वन भूमि पर घर और रास्ता बनाए जा रहे हैं। वहीं, अवैध कब्जे के चलते बांस के पौधों को उखाड़कर ट्रैक्टर से जुताई की गई, जिससे वन विभाग द्वारा कराए गए पौधरोपण को भारी क्षति पहुँची है।
                                
                
                
                 
                    
                                                                                                        
                                                
                        
                        
 
                        
                                                                                      
                   
    
                                                                        
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                                                
                                                                
                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
ग्रामीणों ने बताया कि इस मामले में पहले भी डीएफओ को ज्ञापन सौंपा गया था। शिकायत के अनुसार, कंपार्टमेंट नंबर पी-3461 में करीब 32 लोगों ने अतिक्रमण किया था। इनमें से कुछ ने मकान भी बना लिया था। वन विभाग ने 24 मई 2025 को कार्रवाई करते हुए केवल 8 अतिक्रमणकारियों के मकान हटाए थे, जबकि शेष कब्जे यथावत छोड़ दिए गए। इससे अन्य लोगों को भी अतिक्रमण का हौसला मिला और विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई।    
             
                                                    
                                 
                                
                               
                                                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
ग्रामीणों ने मांग की है कि सभी अतिक्रमणकारियों के खिलाफ निष्पक्ष कार्रवाई हो। आरोप यह भी लगाया गया कि कब्जे की मंशा से प्लांटेशन की सुरक्षा हेतु लगाए गए बारबेड वायर और सीमेंट पोल को भी उखाड़ दिया गया है। वनपाल मतीन अहमद ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी किया गया था। नोटिस मिलने पर कुछ लोगों ने स्वयं अतिक्रमण हटा लिया है। हालांकि, वन भूमि पर अब भी धान की फसल खड़ी है। इसे हटाने के लिए एसडीओ की अनुमति ली जा रही है, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                                                
                                
                                
                
                                                                
                               
                                                        
         
ग्रामीणों ने बताया कि इस मामले में पहले भी डीएफओ को ज्ञापन सौंपा गया था। शिकायत के अनुसार, कंपार्टमेंट नंबर पी-3461 में करीब 32 लोगों ने अतिक्रमण किया था। इनमें से कुछ ने मकान भी बना लिया था। वन विभाग ने 24 मई 2025 को कार्रवाई करते हुए केवल 8 अतिक्रमणकारियों के मकान हटाए थे, जबकि शेष कब्जे यथावत छोड़ दिए गए। इससे अन्य लोगों को भी अतिक्रमण का हौसला मिला और विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई।
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            ग्रामीणों ने मांग की है कि सभी अतिक्रमणकारियों के खिलाफ निष्पक्ष कार्रवाई हो। आरोप यह भी लगाया गया कि कब्जे की मंशा से प्लांटेशन की सुरक्षा हेतु लगाए गए बारबेड वायर और सीमेंट पोल को भी उखाड़ दिया गया है। वनपाल मतीन अहमद ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी किया गया था। नोटिस मिलने पर कुछ लोगों ने स्वयं अतिक्रमण हटा लिया है। हालांकि, वन भूमि पर अब भी धान की फसल खड़ी है। इसे हटाने के लिए एसडीओ की अनुमति ली जा रही है, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।