{"_id":"68fcb7e17c77bdc34c04bacf","slug":"voice-of-tribal-farmer-unity-resonates-in-bhatgaon-appeal-to-the-government-to-fulfill-10-point-demands-2025-10-25","type":"story","status":"publish","title_hn":"CG News: भटगांव में गूंजा आदिवासी-किसान एकता का स्वर, सरकार से 10 सूत्रीय मांगें पूरी करने की अपील","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
    CG News: भटगांव में गूंजा आदिवासी-किसान एकता का स्वर, सरकार से 10 सूत्रीय मांगें पूरी करने की अपील
 
            	    अमर उजाला नेटवर्क, सूरजपुर             
                              Published by: अमन कोशले       
                        
       Updated Sat, 25 Oct 2025 05:13 PM IST
        
       
            सार 
            
            
        
                                    
                इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने राज्यपाल के नाम नायब तहसीलदार के माध्यम से ज्ञापन सौंपते हुए आदिवासियों और किसानों की विभिन्न मांगों को पूरा करने की मांग की।
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                        भटगांव में किसानों और आदिवासियों का धरना
                                    - फोटो : सोशल मीडिया 
                    
    
        
    
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विस्तार
                                                 
                छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले के भटगांव थाना के सामने छत्तीसगढ़ किसान सभा और आदिवासी एकता महासभा ने संयुक्त रूप से एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने राज्यपाल के नाम नायब तहसीलदार के माध्यम से ज्ञापन सौंपते हुए आदिवासियों और किसानों की विभिन्न मांगों को पूरा करने की मांग की।
                                
                
                
                 
                    
                                                                                                        
                                                
                        
                        
 
                        
                                                                                      
                   
    
                                                                        
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                                                
                                                                
                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
प्रमुख मांगों में आदिवासियों और अल्पसंख्यकों के संवैधानिक और धार्मिक अधिकारों की रक्षा, मसीही समाज के प्रार्थना स्थलों पर हो रहे हमलों पर रोक, वन अधिकार पट्टे का वितरण, और धर्मांतरण के नाम पर झूठे मामलों की रोक शामिल है। किसानों से जुड़ी मांगों में धान खरीदी केंद्रों में बोरा भराई, तौलाई और ढुलाई की राशि का भुगतान, पर्याप्त कृषि ऋण, बिना एग्री स्टैक के धान खरीदी, सस्ती दरों पर खाद-बीज उपलब्ध कराना, कर्ज माफी और बिजली बिल माफी की मांग की गई।    
             
                                                    
                                 
                                
                               
                                                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
किसान सभा के राज्य महासचिव कपिलदेव पैकरा ने आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस छत्तीसगढ़ में धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश कर रहे हैं और आदिवासियों पर हमले बढ़ रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन तेज किया जाएगा। आदिवासी एकता महासभा के अध्यक्ष सुरेंद्रलाल नेटी ने कहा कि सरकार आदिवासियों की जमीन छीनने की कोशिश कर रही है। उन्होंने आदिवासियों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा की मांग की। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिला और पुरुष शामिल हुए और सरकार को चेतावनी दी कि अगर जल्द उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो प्रदेशव्यापी आंदोलन और विधानसभा घेराव किया जाएगा।
                                
                
                
                                
                
                                                                                     
            
                            
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                 
                                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                
                                
                
                                                                
                               
                                                        
         
प्रमुख मांगों में आदिवासियों और अल्पसंख्यकों के संवैधानिक और धार्मिक अधिकारों की रक्षा, मसीही समाज के प्रार्थना स्थलों पर हो रहे हमलों पर रोक, वन अधिकार पट्टे का वितरण, और धर्मांतरण के नाम पर झूठे मामलों की रोक शामिल है। किसानों से जुड़ी मांगों में धान खरीदी केंद्रों में बोरा भराई, तौलाई और ढुलाई की राशि का भुगतान, पर्याप्त कृषि ऋण, बिना एग्री स्टैक के धान खरीदी, सस्ती दरों पर खाद-बीज उपलब्ध कराना, कर्ज माफी और बिजली बिल माफी की मांग की गई।
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            किसान सभा के राज्य महासचिव कपिलदेव पैकरा ने आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस छत्तीसगढ़ में धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश कर रहे हैं और आदिवासियों पर हमले बढ़ रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन तेज किया जाएगा। आदिवासी एकता महासभा के अध्यक्ष सुरेंद्रलाल नेटी ने कहा कि सरकार आदिवासियों की जमीन छीनने की कोशिश कर रही है। उन्होंने आदिवासियों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा की मांग की। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिला और पुरुष शामिल हुए और सरकार को चेतावनी दी कि अगर जल्द उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो प्रदेशव्यापी आंदोलन और विधानसभा घेराव किया जाएगा।