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बलरामपुर-रामानुजगंज: पत्तों से दोना-पत्तल बनाकर आत्मनिर्भरता की राह पर कुसमी की महिलाएं
अमर उजाला नेटवर्क, बलरामपुर-रामानुजगंज
Published by: अमन कोशले
Updated Tue, 16 Sep 2025 01:48 PM IST
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सार
स्थानीय होटलों, दुकानों और हाट-बाजारों में इन महिलाओं के बनाए दोने हाथों-हाथ बिक जाते हैं। इनकी कीमत कम होने और पर्यावरण के अनुकूल होने के कारण मांग लगातार बढ़ रही है।

पत्तों से दोना-पत्तल बनाकर आत्मनिर्भरता की राह पर महिलाएं
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
छत्तीसगढ़ के बलरामपुर रामानुजगंज जिले के कुसमी नगर की महिलाएं आज आत्मनिर्भरता की मिसाल बन रही हैं। नगर पंचायत द्वारा संचालित स्वयं सहायता समूह की महिलाएं साल व सरई के पत्तों से दोना-पत्तल बनाकर न केवल अपनी पहचान बना रही हैं, बल्कि आर्थिक रूप से भी सशक्त हो रही हैं। रोशनी और चंचल स्वयं सहायता समूह की 10-10 महिलाएं इस कार्य में सक्रिय रूप से जुड़ी हुई हैं।
त्योहारों, पूजा-पाठ और सामाजिक आयोजनों में दोना-पत्तल की मांग बनी रहती है। स्थानीय होटलों, दुकानों और हाट-बाजारों में इन महिलाओं के बनाए दोने हाथों-हाथ बिक जाते हैं। इनकी कीमत कम होने और पर्यावरण के अनुकूल होने के कारण मांग लगातार बढ़ रही है। इस पहल से महिलाएं न केवल आत्मनिर्भर बन रही हैं, बल्कि अन्य महिलाओं को भी रोजगार से जोड़ने का प्रयास कर रही हैं।
महिलाओं का कहना है कि अब वे आत्मविश्वास से भरी हैं और मानती हैं कि हर महिला को कुछ न कुछ काम जरूर करना चाहिए ताकि वह खुद और अपने परिवार का बेहतर तरीके से पालन-पोषण कर सके। कुसमी नगर पंचायत के सीएमओ अरविन्द कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि समूहों के माध्यम से महिलाएं नए रोजगार के साधन अपनाकर आर्थिक रूप से सशक्त बन रही हैं। सरकार द्वारा ऐसे रोजगार परक प्रयासों को भरपूर सहयोग दिया जा रहा है। यह पहल कुसमी की महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।

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त्योहारों, पूजा-पाठ और सामाजिक आयोजनों में दोना-पत्तल की मांग बनी रहती है। स्थानीय होटलों, दुकानों और हाट-बाजारों में इन महिलाओं के बनाए दोने हाथों-हाथ बिक जाते हैं। इनकी कीमत कम होने और पर्यावरण के अनुकूल होने के कारण मांग लगातार बढ़ रही है। इस पहल से महिलाएं न केवल आत्मनिर्भर बन रही हैं, बल्कि अन्य महिलाओं को भी रोजगार से जोड़ने का प्रयास कर रही हैं।
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महिलाओं का कहना है कि अब वे आत्मविश्वास से भरी हैं और मानती हैं कि हर महिला को कुछ न कुछ काम जरूर करना चाहिए ताकि वह खुद और अपने परिवार का बेहतर तरीके से पालन-पोषण कर सके। कुसमी नगर पंचायत के सीएमओ अरविन्द कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि समूहों के माध्यम से महिलाएं नए रोजगार के साधन अपनाकर आर्थिक रूप से सशक्त बन रही हैं। सरकार द्वारा ऐसे रोजगार परक प्रयासों को भरपूर सहयोग दिया जा रहा है। यह पहल कुसमी की महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।