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Team India: टेस्ट में लगातार हार के बाद बदलाव के संकेत, घरेलू क्रिकेट के सीनियर खिलाड़ियों को मिल सकता है मौका
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: स्वप्निल शशांक
Updated Thu, 27 Nov 2025 03:39 PM IST
सार
करुण नायर और बी साई सुदर्शन को मौके मिले, लेकिन दोनों में से कोई भी प्रभाव डालने में सफल नहीं रहे। साई सुदर्शन की समस्या विशेष रूप से स्पिन गेंदबाजों के सामने उजागर हुई, जिसने साफ किया कि उन्हें अभी और समय और घरेलू क्रिकेट की जरूरत है।
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भारतीय टीम
- फोटो : PTI
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विस्तार
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज में भारी हार के बाद भारतीय चयन समिति अब टीम संयोजन में बड़े बदलाव की तैयारी में है। खासकर नंबर 3 के स्लॉट पर अब बड़ा निर्णय हो सकता है, क्योंकि पिछले कुछ समय से यह स्थान टीम की सबसे कमजोर कड़ी बन गया है। राहुल द्रविड़ और चेतेश्वर पुजारा जैसे भरोसेमंद खिलाड़ी इस स्थान को लंबे समय तक मजबूती देते रहे, लेकिन वर्तमान में यह जगह असुरक्षित दिखाई देती है।
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वर्तमान विकल्पों ने नहीं दिया भरोसा
करुण नायर और बी साई सुदर्शन को मौके मिले, लेकिन दोनों में से कोई भी प्रभाव डालने में सफल नहीं रहे। साई सुदर्शन की समस्या विशेष रूप से स्पिन गेंदबाजों के सामने उजागर हुई, जिसने साफ किया कि उन्हें अभी और समय और घरेलू क्रिकेट की जरूरत है। चयन प्रक्रिया से जुड़े एक पूर्व अधिकारी ने कहा, 'टेस्ट क्रिकेट गलतियां सुधारने की जगह नहीं, बल्कि वहां खेलने के लिए पहले से पूरी तैयारी जरूरी होती है।'
करुण नायर और बी साई सुदर्शन को मौके मिले, लेकिन दोनों में से कोई भी प्रभाव डालने में सफल नहीं रहे। साई सुदर्शन की समस्या विशेष रूप से स्पिन गेंदबाजों के सामने उजागर हुई, जिसने साफ किया कि उन्हें अभी और समय और घरेलू क्रिकेट की जरूरत है। चयन प्रक्रिया से जुड़े एक पूर्व अधिकारी ने कहा, 'टेस्ट क्रिकेट गलतियां सुधारने की जगह नहीं, बल्कि वहां खेलने के लिए पहले से पूरी तैयारी जरूरी होती है।'
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घरेलू स्तर के अनुभवी खिलाड़ियों की दस्तक
अब चयन समिति घरेलू क्रिकेट में लगातार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों की ओर ध्यान देने को मजबूर दिख रही है। सरफराज खान और अभिमन्यु ईश्वरन का चयन लगभग नामुमकिन माना जा रहा है, लेकिन तीन खिलाड़ी जो अब सबसे मजबूत दावेदार बनकर सामने आए हैं, वो हैं ऋतुराज गायकवाड़, रजत पाटीदार और रिंकू सिंह। इसके अलावा लाल गेंद के युवा खिलाड़ियों में स्मरण रविचंद्रन (औसत 78) और यश राठौड़ (960 रन पिछले रणजी सीजन में) नए विकल्प हो सकते हैं।
अब चयन समिति घरेलू क्रिकेट में लगातार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों की ओर ध्यान देने को मजबूर दिख रही है। सरफराज खान और अभिमन्यु ईश्वरन का चयन लगभग नामुमकिन माना जा रहा है, लेकिन तीन खिलाड़ी जो अब सबसे मजबूत दावेदार बनकर सामने आए हैं, वो हैं ऋतुराज गायकवाड़, रजत पाटीदार और रिंकू सिंह। इसके अलावा लाल गेंद के युवा खिलाड़ियों में स्मरण रविचंद्रन (औसत 78) और यश राठौड़ (960 रन पिछले रणजी सीजन में) नए विकल्प हो सकते हैं।
तीसरे नंबर के लिए गायकवाड़ सबसे आगे
ऋतुराज गायकवाड़ रणजी ट्रॉफी में इस सीजन शानदार फॉर्म में हैं। उन्होंने पहले ही सीजन में दो शतक और 90+ की औसत से रन बनाए हैं। उनके पास तकनीक, मानसिक मजबूती और लंबे फॉर्मेट की समझ दिखाई देती है।
ऋतुराज गायकवाड़ रणजी ट्रॉफी में इस सीजन शानदार फॉर्म में हैं। उन्होंने पहले ही सीजन में दो शतक और 90+ की औसत से रन बनाए हैं। उनके पास तकनीक, मानसिक मजबूती और लंबे फॉर्मेट की समझ दिखाई देती है।
मध्यक्रम के संभावित नाम: पाटीदार और रिंकू सिंह
रजत पाटीदार के पास घरेलू स्तर पर मजबूत रिकॉर्ड है और चयनकर्ता उन्हें नंबर पांच पर बैकअप बल्लेबाज के रूप में देख सकते हैं। वहीं, रिंकू सिंह लगभग 60 की औसत के साथ भारतीय टेस्ट इतिहास के दुर्लभ बल्लेबाजों में शामिल हैं। उनकी मैच फिनिशिंग क्षमता और लाल गेंद में निरंतरता ने चयनकर्ताओं को प्रभावित किया है।
रजत पाटीदार के पास घरेलू स्तर पर मजबूत रिकॉर्ड है और चयनकर्ता उन्हें नंबर पांच पर बैकअप बल्लेबाज के रूप में देख सकते हैं। वहीं, रिंकू सिंह लगभग 60 की औसत के साथ भारतीय टेस्ट इतिहास के दुर्लभ बल्लेबाजों में शामिल हैं। उनकी मैच फिनिशिंग क्षमता और लाल गेंद में निरंतरता ने चयनकर्ताओं को प्रभावित किया है।
ऑलराउंडर मॉडल पर फिर सवाल
पूर्व चयनकर्ता ने कहा, 'भारत को फिर विशेषज्ञ खिलाड़ियों पर भरोसा करना चाहिए। हर किसी को हार्दिक पांड्या या कपिल देव जैसा ऑलराउंडर ढूंढने की जरूरत नहीं है।' उन्होंने नीतीश रेड्डी जैसे खिलाड़ियों को लंबी अवधि के लिए तैयार होने की सलाह दी।
पूर्व चयनकर्ता ने कहा, 'भारत को फिर विशेषज्ञ खिलाड़ियों पर भरोसा करना चाहिए। हर किसी को हार्दिक पांड्या या कपिल देव जैसा ऑलराउंडर ढूंढने की जरूरत नहीं है।' उन्होंने नीतीश रेड्डी जैसे खिलाड़ियों को लंबी अवधि के लिए तैयार होने की सलाह दी।
दक्षिण अफ्रीका की हार के बाद अब यह साफ है कि टेस्ट टीम के भविष्य को लेकर बड़े फैसले होंगे। भारत को एक भरोसेमंद नंबर तीन बल्लेबाज, एक मजबूत नंबर पांच विकल्प और स्पिन-टेस्टेड और मानसिक रूप से तैयार बल्लेबाजों की जरूरत है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि टीम मैनेजमेंट और चयनकर्ता किन खिलाड़ियों पर भरोसा जताते हैं और आने वाले महीनों में भारतीय टेस्ट क्रिकेट किस दिशा में आगे बढ़ता है।